प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा में तीन चरण होते हैं। अंतिम रूप से चयनित होने के लिए तीनों चरणों में अच्छा प्रदर्शन करना होता हैं। इसका पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा है, जो क्वालीफाइंग प्रकृति का होता है। प्रारंभिक चरण में शामिल उम्मीदवारों की संख्या एवं प्रतिस्पर्धा के आधार पर देखें तो यह सबसे कठिन परीक्षा है। इस परीक्षा को पास किए बिना अभ्यर्थी आगे के चरणों में शामिल नहीं हो सकते हैं। प्रारंभिक चरण में दो परीक्षाएं होती हैं-
पेपर- I
|
सामान्य अध्ययन- 1(GS)
|
पेपर- II
|
सामान्य अध्ययन-2 (CSAT)
|
प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिए महत्पूर्ण टिप्स:
- तैयारी के दौरान मार्गदर्शन के लिए पाठ्यक्रम देखते रहें।
- विगत वर्षों में आए प्रश्नपत्रों का अवलोकन अवश्य करें।
- विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के माध्यम से परीक्षा की प्रकृति को समझने का प्रयास करें।
- प्रश्नों का अभ्यास करें और टेस्ट सीरीज हल करें, जो आपके अध्ययन में पैनापन लाएगी।
- सामान्य अध्ययन-1 एवं सामान्य अध्ययन-2 दोनों प्रश्न-पत्रों की विषय-वस्तु अलग-अलग है।
- दोनों प्रश्न-पत्रों की अलग-अलग रणनीति बनाएं।
- नीचे दोनों प्रश्न-पत्रों की अलग-अलग रणनीति के कुछ बिंदु साझा किए गए हैं-
-
-
- NCERT एवं मानक पुस्तकों से पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों का अध्ययन करें।
- विषय की अवधारणात्मक समझ के विस्तार के साथ तथ्यों की जानकारी भी जुटाएं।
- अध्ययन के उपरान्त संक्षिप्त नोट्स अवश्य बनाएं, परीक्षा के समय दोहराना आसान होगा।
- पाठ्यक्रम के अनुसार परम्परागत ज्ञान में विस्तार करें एवं अख़बार, Website, सोशल मीडिया, मैग्जीन आदि स्त्रोतों से दिन-प्रतिदिन की घटनाओं से अद्यतन (Update) रहें।
- विषय को पढ़कर प्रश्नों का अभ्यास करें और स्वयं से भी प्रश्न बनाने का प्रयास करें।
- सामान्य अध्ययन-2 (CSAT)
- ये प्रश्न-पत्र क्वालीफाइंग प्रकृति का है, इसे उत्तीर्ण करने के लिए कम से कम 33.3 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होते हैं।
- इस प्रश्न-पत्र में मुख्य रूप से कॉम्प्रिहेंशन, गणित और रीजनिंग से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
- इसमें कॉम्प्रिहेंशन के एक-तिहाई से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। रीडिंग स्किल में सुधार इन प्रश्नों के सही होने की सम्भावना को बढ़ा देगा।
- गणित एवं रीजनिंग से संबंधित विषयों को सीखकर अभ्यास करें।
- कॉम्प्रिहेंशन, गणित, रीजनिंग तीनों से प्रश्न हल करने की रणनीति बनाएं; किसी एक विषय पर निर्भर होकर परीक्षा देने जाना जोखिम भरा है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण सुझाव:
- प्रारंभिक परीक्षा में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है, समझ से परे प्रश्नों पर तुक्का न लगाएं।
- दुविधा वाले प्रश्न हल कर सकते हैं, बशर्ते उस विकल्प का चुनाव करें जिस पर समझ का झुकाव ज्यादा है।
- इस परीक्षा की सम्पूर्ण तैयारी के दौरान अध्ययन, अभ्यास और मूल्यांकन करते रहें।