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GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

IMPORTANT TERMINOLOGY

पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।

प्रतिदिन की सबसे महत्वपूर्ण News पढ़ने के लिए यहाँ Click करें

1. स्पेशल मेंशन एकाउंट (Special Mention Account)

14-Sep-2024

यह खाते पुनर्भुगतान में अनियमितताओं के कारण वित्तीय तनाव के शुरुआती संकेत देते हैं। इन खातों की आगे की गिरावट को रोकने के लिए ऋणदाताओं द्वारा बारीकी से निगरानी की आवश्यकता होती है। प्रारंभिक हस्तक्षेप की सुविधा के लिए इन्हें RBI द्वारा वर्गीकृत किया गया है।  SMA 0 (1-30 दिनों से बकाया भुगतान) SMA 1 (31-60 दिनों से बकाया भुगतान) और SMA 2 (61-90 दिनों से बकाया भुगतान)

2. ऋण जमा अनुपात (Loan Deposit Ratio)

13-Sep-2024

किसी बैंक द्वारा ऋण के रूप में वितरित की गई धनराशि और जमा की गई धनराशि के अनुपात को ऋण जमा अनुपात कहते हैं। यद्यपि भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा इसकी कोई निश्चित सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इस अनुपात से बैंकों की क्षमताओं का सरलता से पता लगाया जा सकता है।

3. इकोसाइड (Ecocide)

12-Sep-2024

इसको गैरकानूनी या अनियंत्रित कृत्यों के रूप में परिभाषित किया गया है, जो इस जानकारी के साथ किए गए हैं कि उन कृत्यों के कारण पर्यावरण को गंभीर और व्यापक या दीर्घकालिक क्षति होने की पर्याप्त संभावना है।

4. बैंकरप्सी (Bankruptcy)

11-Sep-2024

यह दिवालियापन के बाद की कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत वित्तीय संस्थान अपने ऋण की वसूली कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में ऋण की पुनर्संरचना या लिक्विडेशन का प्रयोग किया जाता है। यदि ऋणी एवं ऋणदाता के मध्य आपसी सहमति के आधार पर ऋण भुगतान हो जाए, तो दिवालियापन के बाद बैंकरप्सी की आवश्यकता नहीं होती है।

5. प्रोविजनिंग राशि (Provisioning Amount)

10-Sep-2024

इसके अंतर्गत बैंकों को अपने लाभ का कुछ प्रतिशत सुरक्षित रखना होता है, ताकि NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) में वृद्धि के कारण उत्पन्न जोखिम को नियंत्रित किया जा सके।

6. राइट-ऑफ एसेट्स (Write-off Assets)

09-Sep-2024

 वह परिसंपत्ति जिसके बारे में बैंक की मान्यता है कि ऋणी, ऋण का भुगतान नहीं कर पाएगा। इस स्थिति में बैंक उस परिसंपत्ति को 'राइट-ऑफ' कर देता है। अर्थात् बैंक बकाया राशि के रूप में इस परिसंपत्ति की गणना नहीं करता, यद्यपि शाखा के स्तर पर इसकी वसूली का प्रयास जारी रहता है। यह कार्य बैंकों द्वारा अपनी बैलेंस शीट में सुधार करने के लिये किया जाता है।

7. सामाजिक बैंकिंग (Social Banking) 

07-Sep-2024

सामाजिक बैंकिंग वह अवधारणा है, जिसके तहत गरीबों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिये बैंकिंग सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। इसके अंतर्गत उनकी विकासात्मक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें आसान शर्तों पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

8. इस्लामिक बैंकिंग (Islamic Banking)

06-Sep-2024

इसे ब्याजरहित बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है। यह इस्लामी या शरिया कानूनों पर आधारित एक बैंकिंग व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत सामान्य बैंकिंग व्यवस्था से अलग ब्याज लेना और देना दोनों ही शरीयत के विरुद्ध माना जाता है, क्योंकि इस्लाम में सूदखोरी को हराम माना जाता है।

9. लोरो खाता (Loro Account)

05-Sep-2024

यह खाता एक चालू खाता है, जो एक घरेलू बैंक द्वारा दूसरे घरेलू बैंक के लिए किसी विदेशी बैंक में रखा जाता है। एक लोरो खाता मूल रूप से उस बैंक के लिए नोस्ट्रो खाता है, जिसने खाता खोला था और यह उन बैंकों के लिए एक लोरो खाता होगा, जिनकी ओर से खाता खोला गया था।

10. नोस्ट्रो खाता (Nostro Account)

04-Sep-2024

यदि किसी बैंक की किसी दूसरे देश में कोई शाखा नहीं होती है, तो वह उस देश से धन प्राप्त करने के लिये वहाँ के किसी बैंक में अपना खाता खोलती है, जिसे नोस्ट्रो खाता कहा जाता है।

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