New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

IMPORTANT TERMINOLOGY

पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।

प्रतिदिन की सबसे महत्वपूर्ण News पढ़ने के लिए यहाँ Click करें

1. जेवोंस विरोधाभास (Jevons Paradox)

26-May-2025

यह एक आर्थिक सिद्धांत है जो इंग्लैंड के अर्थशास्त्री डब्लू. एस. जेवोंस के नाम पर रखा गया है। इस सिद्धांत के अनुसार, जब किसी संसाधन (जैसे ऊर्जा या कच्चे माल) का अधिक कुशलता से उपयोग किया जाता है तो वह संसाधन पहले की तुलना में अधिक मात्रा में उपभोग किया जाता है अर्थात् वह तकनीकी प्रगति जो किसी संसाधन को सस्ता या अधिक कुशल बनाती है, प्रायः उस संसाधन की मांग में वृद्धि का कारण बनती है।

2. क्रायोस्फीयर (Cryosphere)

24-May-2025

क्रायोस्फीयर में भूमि एवं महासागर की सतह पर और उसके नीचे पृथ्वी प्रणाली के वे सभी घटक शामिल हैं जो जमी हुई अवस्था में हैं जिनमें हिमावरण, ग्लेशियर, आइस सीट, हिमखंड, समुद्री बर्फ, झील की बर्फ, नदी की बर्फ व पर्माफ्रॉस्ट शामिल हैं।

3. पिंक वाशिंग (Pink Washing)

23-May-2025

LGBTQ+ कर्मचारियों के लिए स्थितियों को अनदेखा करते हुए या सुधारने में विफल रहते हुए भी LGBTQ+ अधिकारों का विपणन उपकरण के रूप में उपयोग करना पिंक वाशिंग कहलाता है।

4. काउंटरसाइक्लिकल कैपिटल बफर (Countercyclical Capital Buffer)

22-May-2025

काउंटरसाइक्लिकल कैपिटल बफर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का एक नियामकीय उपाय है, जिसका उद्देश्य बैंकों को आर्थिक उछाल एवं मंदी के चक्रों से बचाना होता है। यह एक अतिरिक्त पूंजी भंडार होता है जिसे बैंक आर्थिक तेज़ी (Boom) के समय में जमा करते हैं, ताकि जब मंदी (Recession) आए तो वे इस पूंजी का इस्तेमाल करके ऋण देना जारी रख सकें।

5. वाइब कोडिंग (Vibe Coding)

21-May-2025

वाइब कोडिंग एक नई प्रोग्रामिंग शैली है, जिसमें एआई टूल्स की मदद से कोड लिखा जाता है। इसमें प्रोग्रामर तकनीकी कोडिंग के बजाय निर्देश देने पर ध्यान देता है। इससे तकनीकी जानकारी न रखने वाले लोग भी आसानी से सॉफ्टवेयर बना सकते हैं। यह शैली समय की बचत करती है और प्रयोग में सरल होती है।

6. कैरोलिन सिद्धांत (Caroline Theory)

20-May-2025

कैरोलिन सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय कानून में आत्मरक्षा के अधिकार से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण सिद्धांत है। इसके अनुसार कोई भी राष्ट्र तभी आत्मरक्षा का सहारा ले सकता है जब खतरा स्पष्ट, तात्कालिक और टालने योग्य न हो। इस सिद्धांत के अनुसार आत्मरक्षा की कार्रवाई केवल आवश्यकता की स्थिति में और अनुपातिक रूप में ही की जानी चाहिए।

7. ब्लू वॉशिंग (Blue Washing)

19-May-2025

इसका अर्थ है किसी कंपनी या उद्योग द्वारा अपनी पर्यावरणीय छवि को बेहतर बनाने के लिए गलत या भ्रामक तरीके से स्वयं को प्रस्तुत किया जाना, खासकर जल निकायों या समुद्री संसाधनों से संबंधित मामलों में। यह एक विपणन रणनीति है जो उपभोक्ताओं को विश्वास दिलाती है कि वे टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल हैं जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता है।

8. ऑरेंज इकोनॉमी (Orange Economy)

17-May-2025

ऑरेंज इकोनॉमी उस आर्थिक क्षेत्र को दर्शाता है जो संस्कृति, कला, रचनात्मकता एवं बौद्धिक संपदा पर आधारित होता है। इसे क्रिएटिव इकोनॉमी भी कहते हैं। इसमें मुख्यतः सांस्कृतिक मूल्यों, रचनात्मक अभिव्यक्तियों, कलात्मक सेवाओं तथा उत्पादों व बौद्धिक संपदा के निर्माण, उत्पादन एवं वितरण से जुड़ी आर्थिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं।

9. मिलिंग आउटटर्न रेशियो (Milling Outturn Ratio)

16-May-2025

मिलिंग आउटटर्न रेशियो वह अनुपात है, जो यह दर्शाता है कि धान से कितनी मात्रा में चावल प्राप्त होता है। इसे प्रतिशत में मापा जाता है। सामान्यतः यह अनुपात भारत में 65-70% के बीच होता है, अर्थात 100 किलोग्राम धान से लगभग 65-70 किलोग्राम चावल निकलता है। यह अनुपात धान की किस्म, मिलिंग तकनीक और नमी की मात्रा पर निर्भर करता है।

10. डीएक्सटिंक्शन (De-extinction)

15-May-2025

डीएक्सटिंक्शन या पुनर्जीवन वह वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें पहले विलुप्त हो चुकी प्रजातियों को फिर से जीवित करने का प्रयास किया जाता है। यह क्लोनिंग, आनुवंशिकी और जीन संपादन जैसी आधुनिक तकनीकों पर आधारित है। इसका उद्देश्य न केवल प्रजातियों को वापस लाना है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र में उनका सही स्थान भी पुनः स्थापित करना है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR