पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।
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19-Sep-2025
राइनोप्लास्टी एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें नाक की संरचना, आकार या कार्य में सुधार किया जाता है। यह सर्जरी नाक के हड्डी, उपास्थि, त्वचा और नाक की भीतरी संरचना को बदलकर की जाती है। इसका उद्देश्य शारीरिक सौंदर्य, सांस लेने की क्षमता, या चोट एवं जन्मजात दोषों का सुधार करना है।
17-Sep-2025
एनैब्लिंग टेक्नोलॉजी वह तकनीक है जो अन्य नई तकनीकों, उत्पादों या सेवाओं के विकास और कार्यान्वयन को संभव बनाती है। यह मूलभूत आधार प्रदान करती है, जिससे नवाचार, दक्षता और उन्नत समाधान संभव होते हैं। उदाहरण के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स आदि अन्य क्षेत्रों में नवाचार को सक्षम बनाती हैं।
16-Sep-2025
मैसनर प्रभाव वह घटना है जिसमें कोई पदार्थ जब सुपरकंडक्टिंग अवस्था में पहुँचता है तो वह अपने अंदर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र को पूरी तरह बाहर निकाल देता है। इसका मतलब है कि सुपरकंडक्टर में न केवल विद्युत प्रतिरोध शून्य हो जाता है, बल्कि वह पूरी तरह चुंबकीय क्षेत्र को भी नहीं घुसने देता और एक आदर्श डायामैग्नेटिक पदार्थ की तरह व्यवहार करता है।
15-Sep-2025
एपिजेनेटिक्स जीन के अनुक्रम में कोई परिवर्तन किए बिना, जीन की अभिव्यक्ति में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है। ये परिवर्तन डीएनए पर रासायनिक टैग के जुड़ने से होते हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन से जीन कब और कैसे सक्रिय होंगे। पर्यावरण, जीवनशैली और आहार जैसे कारक इन टैग्स को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ते हैं।
13-Sep-2025
नैनोमैटेरियल ऐसे पदार्थ होते हैं जिनके अणु, कण या संरचनाएँ 1 से 100 नैनोमीटर के आकार की होती हैं। इस आकार के कारण ये पारंपरिक सामग्रियों की तुलना में अद्वितीय भौतिक, रासायनिक, इलेक्ट्रॉनिक और यांत्रिक गुण प्रदर्शित करते हैं। नैनोमैटेरियल का उपयोग चिकित्सा, ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यावरणीय संरक्षण और उन्नत सामग्री निर्माण में किया जाता है।
12-Sep-2025
बायोमिमिक्री या जैवानुकृति, प्रकृति से प्रेरित विज्ञान है, जो मानव समस्याओं का समाधान करता है। इसका मूल सिद्धांत यह है कि प्रकृति ने समय के साथ विभिन्न समस्याओं के सबसे कुशल और अनुकूल समाधान विकसित किए हैं। इसमें वैज्ञानिक, इंजीनियर और डिजाइनर प्रकृति के 3.8 अरब वर्षों के विकास से सीखकर टिकाऊ, ऊर्जा-कुशल और प्रभावी तकनीकें, उत्पाद और प्रक्रियाएं विकसित करते हैं।
11-Sep-2025
सुपरकंडक्टिविटी पदार्थों की वह विशेष अवस्था है जिसमें किसी निश्चित न्यूनतम तापमान (क्रिटिकल टेम्परेचर) से नीचे ठंडा करने पर उनका विद्युत प्रतिरोध पूरी तरह समाप्त हो जाता है और वे बिना किसी ऊर्जा हानि के विद्युत का संचालन करते हैं।
10-Sep-2025
एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस वह स्थिति है जिसमें बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीव उन एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव से प्रतिरक्षित हो जाते हैं, जो सामान्यतः उन्हें मारने या उनकी वृद्धि को रोकने में सक्षम होती थीं। यह प्रतिरोध आनुवंशिक बदलाव, उत्परिवर्तन या प्रतिरोधी जीन के हस्तांतरण के कारण विकसित होता है, जिसके परिणामस्वरूप संक्रमण का उपचार कठिन हो जाता है।
09-Sep-2025
जियोस्पेशियल तकनीक वह विज्ञान और उपकरणों का क्षेत्र है जो पृथ्वी की सतह और उसके पर्यावरणीय तत्वों का अध्ययन, मानचित्रण, विश्लेषण और दृश्यावलोकन करता है। इसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS), GPS, रिमोट सेंसिंग और ड्रोन्स जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग होता है। यह प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन और कृषि सहित विविध क्षेत्रों में निर्णय लेने और नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
08-Sep-2025
हाइब्रिडोमा वह कृत्रिम रूप से निर्मित कोशिका होती है जो B-लिम्फोसाइट और मायलोमा (कैंसर) कोशिका के मेल से बनाई जाती है। यह कोशिका लंबे समय तक जीवित रह सकती है और विशिष्ट मोनोकोनल एंटीबॉडी का निरंतर उत्पादन करती है। हाइब्रिडोमा तकनीक चिकित्सा अनुसंधान, रोग निदान और प्रतिरक्षा चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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