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IMPORTANT TERMINOLOGY

पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।

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1. पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (Public Credit Registry- PCR)

16-Oct-2024

यह एक सूचना भंडार है, जो व्यक्तियों और कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के सभी प्रकार के ऋणों से संबंधित जानकारियों के संग्रहण का कार्य करती है। यह RBI द्वारा गठित की गई वाई.एम. देवस्थली समिति की सिफारिशों पर आधारित है।

2. लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (Letter of Undertaking- LoU)

15-Oct-2024

इसका उपयोग अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग लेन-देन में किया जाता है। यह एक प्रकार की बैंक गारंटी है, जिसके तहत एक बैंक अपने ग्राहक को अल्पकालिक साख के रूप में किसी अन्य भारतीय बैंक की विदेशी शाखा से धन जुटाने की अनुमति देता है।

3. गैर-अनुसूचित बैंक (Non-Scheduled Bank)

14-Oct-2024

वे बैंक जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में सम्मिलित नहीं हैं, गैर-अनुसूचित बैंक कहलाते हैं। ये बैंक RBI के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य करने के दायित्व से मुक्त होते हैं। इन्हें अनुसूचित बैंकों की तरह अधिकार और लाभ नहीं मिलते हैं और न ही इन बैंकों को RBI से ऋण लेने की अनुमति होती है।

4. बैंक दर (Bank Rate)

11-Oct-2024

वह ब्याज दर जिसके आधार पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को दीर्घकालिक अवधि के लिये ऋण प्रदान करता है, बैंक दर कहलाती है। बैंक दर के माध्यम से रिज़र्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों की साख सृजन क्षमता को प्रभावित करता है। RBI द्वारा प्रतिभूतियों पर पुनर्कटौती किये जाने के कारण इसे 'पुनर्कटौती ब्याज दर' भी कहा जाता है।

5. नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio- CRR)

10-Oct-2024

ग्राहकों द्वारा नकदी निकालने की स्थिति में बैंकों के पास नकदी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के लिये उसकी संपूर्ण जमा देयताओं का एक निश्चित हिस्सा RBI के पास नकद रूप में रिज़र्व रखना आवश्यक होता है।

6. टियर-2 पूंजी (Tier-2 Capital)

09-Oct-2024

यह एक प्रकार से अनुपूरक पूंजी है, जो टियर-1 की तुलना में कम तरल होती है, अर्थात् इसकी जोखिम वहन करने की क्षमता कम होती है। इस पूंजी के अंतर्गत अघोषित संचित निधियाँ, हाइब्रिड ऋण पूंजी, टैक्स जमा करने के बाद बची आय, असुरक्षित ऋण, बैंकिंग गतिविधियों से प्राप्त आय और प्रतिभूतियों के रूप में पूंजी आदि को शामिल किया जाता है।

7. लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (Letter of Undertaking - LoU) 

08-Oct-2024

इसका उपयोग अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग लेन-देन में किया जाता है। यह एक प्रकार की बैंक गारंटी है, जिसके तहत एक बैंक अपने ग्राहक को अल्पकालिक साख के रूप में किसी अन्य भारतीय बैंक की विदेशी शाखा से धन जुटाने की अनुमति देता है।

8. वित्त (Finance)

07-Oct-2024

धन या कोष का प्रबंधन वित्त कहलाता है, अर्थात् मुद्रा के उपयोग के अधिकार को 'वित्त' कहते हैं। वित्तीय लेन-देन की क्रियाओं को वित्तीय विनिमय कहा जाता है। ऐसी संस्थागत व्यवस्था जहाँ क्रेता और विक्रेता वित्त का लेन-देन करते हैं, वित्तीय बाजार कहलाती है।

9. उभरती अर्थव्यवस्थाएँ (Emerging Economy)

05-Oct-2024

 ये उन अर्थव्यवस्थाओं को संदर्भित करती हैं, जो विकासशील अर्थव्यवस्था की अगली पंक्ति में मौजूद हैं और धीरे-धीरे विकसित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हैं। इसके अंतर्गत चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की अर्थव्यवस्था को रखा जाता है।

10. विस्तारित मौद्रिक नीति (Expansionary Monetary Policy)

04-Oct-2024

वित्तीय प्रणाली में वित्त की मात्रा में वृद्धि करने के उद्देश्य से विस्तारित मौद्रिक नीति बनाई जाती है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नकद आरक्षित अनुपात एवं सांविधिक तरलता अनुपात तथा रेपो दर में कमी विस्तारित मौद्रिक नीति के तहत की जाती है।

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