पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।
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29-Oct-2020
किसी वस्तु की कीमत में कमी के परिणामस्वरूप समाज के कुछ उपभोक्ताओं द्वारा उस वस्तु की अधिक मांग की जाती है, वहीं कुछ उपभोक्ता कीमत में कमी के कारण नहीं बल्कि दूसरे लोगों द्वारा उपभोग वृद्धि से प्रभावित होकर मांग में वृद्धि करते हैं, इस प्रक्रिया को 'बैंड बेगन प्रभाव' कहते हैं। यह अर्थव्यवस्था में कीमत के स्थान पर व्यवहार प्रभाव को दर्शाता है।
28-Oct-2020
न्यायिक नैतिकता, न्यायाधीशों के आचरण से सम्बंधित ऐसे मानक एवं मानदंड होते हैं, जिनका अनुपालन करने से उनकी स्वतंत्रता एवं निष्पक्षता बनी रह सकती है तथा वे अनौचित्य (Impropriety) से बच सकते हैं। 'द रीस्टेटमेंट ऑफ़ वैल्यू ऑफ़ ज्यूडिशियल लाइफ' नामक चार्टर में न्यायिक नैतिकता से सम्बंधित सिद्धांतों को संहिताबद्ध किया गया है।
27-Oct-2020
ग्लोबल कॉमंस, साझा वैश्विक संसाधनों को कहते हैं। इन संसाधनों पर किसी व्यक्ति या राज्य का व्यक्तिगत दावा नहीं हो सकता क्योंकि ये मानव जाति की साझी विरासत हैं। इनमें महासागर, वायुमंडल, बाह्य अंतरिक्ष, अंटार्कटिका इत्यादि सांसधन शामिल हैं। इंटरनेट या साइबरस्पेस को भी ग्लोबल कॉमंस के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है।
26-Oct-2020
ब्लाइंड मर्डर वे हत्याएँ होती हैं जिनमें पुलिस के पास हत्यारे के विरुद्ध कोई सबूत न होने की वजह से वह कानून की गिरफ्त से बच जाता है।
प्रत्येक वर्ष अनेक हत्याएँ ब्लाइंड मर्डर के रूप में दर्ज की जाती हैं, जो राज्य की जाँच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, वर्ष 2019 में 1339 हत्याओं को पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर माना है।
24-Oct-2020
‘गुपकर घोषणा’ जम्मू और कश्मीर की ‘विशेष स्थिति’ की पुनर्बहाली हेतु संघर्ष के लिये एक संकल्प प्रस्ताव है, जिसे पहली बार नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख के निवास पर 4 अगस्त, 2019 को सर्वदलीय (जम्मू-कश्मीर के छ: प्रमुख दलों) बैठक के बाद जारी किया गया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि सभी छ: दल सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वयत्तता और विशेष दर्जे की रक्षा के लिये एकजुट रहेंगे।
एन.सी. प्रमुख के निवास स्थल का नाम गुपकर होने के कारण इसे 'गुपकर घोषणा' कहा गया।
23-Oct-2020
सर्किट ब्रेकर, शेयर बाज़ार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव एवं सट्टेबाज़ी को रोकने की एक प्रणाली है। इसे सेबी द्वारा उस स्थिति में लागू किया जाता है, जब शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव एक निश्चित सीमा से अधिक हो, ऐसी स्थिति में शेयरो की बिक्री कुछ समय के लिये रोक दी जाती है।
22-Oct-2020
सामाजिक पूंजी की अवधारणा का प्रयोग सर्वप्रथम 'जेम्स कोलमैन' ने परिवार, व्यक्ति एवं समुदाय के बीच सम्बंधों को स्पष्ट करने के लिये किया था।
सामाजिक पूंजी साझा मूल्यों का एक पुंज (Set) है, जो व्यक्तियों को सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति हेतु एक समूह में मिलकर रहने के लिये प्रेरित करते हैं। सामाजिक पूंजी का निर्माण समाज में व्याप्त नियमों, प्रतिमानों तथा मूल्यों के अनुसार होता हैं। परिवार, नातेदारी, स्थानीय संस्कृति तथा सामुदायिक भावना के द्वारा सामाजिक पूंजी की रचना होती है, जो लोगों के जीवन को संचालित करती है।
21-Oct-2020
सॉफ्ट पावर की अवधारणा सर्वप्रथम जोसेफ न्ये द्वारा दी गई थी। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में सॉफ्ट पावर का अर्थ सांस्कृतिक और वैचारिक माध्यम से दूसरे देशों की प्राथमिकताओं को प्रोत्साहित करना है। इन माध्यमों में संस्कृति को बढ़ावा देना, राजनीतिक मूल्यों का प्रसार, आर्थिक सहायता, सयुंक्त शैक्षिक कार्यक्रम, आपदा सहायता कार्यक्रम आदि को शामिल किया जाता है। सॉफ्ट पावर विदेश नीति का एक महत्त्वपूर्ण साधन है, जिसके माध्यम से कोई देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लक्षित देश की मौन स्वीकृति या समर्थन प्राप्त कर सकता है तथा इससे सकारात्मक सम्बंध विकसित किये जा सकते हैं।
20-Oct-2020
पेरिस कॉल का सम्बंध, साइबर स्पेस के संरक्षण हेतु वैश्विक स्तर पर साझा सिद्धांतों के विकास से है। इसका मुख्य उद्देश्य, साइबर अपराधों के जोखिम से निपटने के लिये सार्वजनिक व निजी क्षेत्र और सिविल सोसायटी के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करना, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देना एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति तथा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
पेरिस कॉल पहल की शुरुआत नवम्बर 2018 में यूनेस्को इंटरनेट गवर्नेंस (IGF) की बैठक में 'द पेरिस कॉल फॉर ट्रस्ट एंड सिक्योरिटी इन साइबर स्पेस' के नाम से की गई थी।
19-Oct-2020
क्रॉस सब्सिडी प्राइस शिफ्टिंग की एक प्रणाली है, जिसे भुगतानकर्ताओं के दो वर्गों या समूहों के लिये मूल्य नीति में भिन्नता के रूप में परिभाषित किया जाता है। उपभोक्ताओं के एक समूह को सब्सिडी देने के लिये किसी दूसरे समूह से अतिरिक्त शुल्क वसूलने की प्रक्रिया ‘क्रॉस सब्सिडी’ कहलाती है। उदाहरणस्वरूप, भारत में कृषि अथवा स्वास्थ्य जैसे कुछ क्षेत्रों में कम दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिये औद्योगिक क्षेत्र को दी जाने वाली बिजली पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है।
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