28-May-2024
बारह देशों ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) या यूरोपीय संघ अंतरिक्ष परिषद में ‘जीरो डेब्रिस चार्टर’ (Zero Debris Charter) पर हस्ताक्षर किए हैं।
28-May-2024
भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात एवं अन्य देशों द्वारा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (India-Middle East-Europe Mega Economic Corridor : IMEC) की घोषणा किए जाने के कुछ दिनों बाद गाजा में संघर्ष प्रारंभ हो गया जिससे इस परियोजना पर कार्य बंद हो गया।
27-May-2024
हाल ही में, भारत सहित एशिया की विभिन्न विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के बीच श्रम उत्पादकता को लेकर एक अध्ययन किया गया जिसमें चीन, वियतनाम, कंबोडिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि देश शामिल हैं।
27-May-2024
भारतीय सशस्त्र बलों का एकीकृत सैन्य थिएटर कमांड में बदलने की योजना है। एकीकृत थिएटर कमांड के निर्माण के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इसके मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह महत्वाकांक्षी रक्षा सुधार का एक हिस्सा है।
27-May-2024
हाल ही में एक अध्ययन में अष्टमुडी रामसर आर्द्रभूमि में सीमा से अधिक माइक्रोप्लास्टिक संदूषण पर प्रकाश डाला गया है, जो निरंतर निगरानी और "संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं" को संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
27-May-2024
हाल ही में, F-16 फाइटिंग फाल्कन विमान को प्रायोगिक आधार पर मानव के बजाए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रयोग करके संचालित किया गया। यह अमेरिका का एक प्रमुख लड़ाकू विमान है।
24-May-2024
बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (The Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectorial Technical and Economic Cooperation : BIMSTEC) का चार्टर आधिकारिक रूप से 20 मई 2024 को लागू हो गया। इससे क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने के भारत के प्रयासों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
24-May-2024
उत्तर प्रदेश के देवरिया में कथित तौर पर एक सब-इंस्पेक्टर द्वारा पीटे जाने के बाद पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
24-May-2024
हाल ही में, केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत आवेदन करने वाले 300 से अधिक लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए हैं।
24-May-2024
हाल ही में ‘भारत में जल, वायु प्रदूषण और विशिष्ट/लक्जरी खपत के कार्बन फुटप्रिंट’ (‘Water, air pollution and carbon footprints of conspicuous/luxury consumption in India’) शीर्षक से एक अध्ययन में समृद्ध व्यक्तियों के पर्यावरणीय प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है, विशेषकर उन लोगों के जो बुनियादी जरूरतों से परे उपभोग में संलग्न हैं।