प्रारंभिक परीक्षा के लिए - यूनेस्को, मोढेरा का ऐतिहासिक सूर्य मंदिर, वडनगर शहर, उनाकोटी मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 1 - भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू |
संदर्भ
- हाल ही में यूनेस्को द्वारा भारत के तीन नए सांस्कृतिक स्थलों को विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया।
- इन स्थलों में मोढेरा का ऐतिहासिक सूर्य मंदिर, गुजरात का ऐतिहासिक वडनगर शहर और त्रिपुरा में उनाकोटी की चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियां शामिल हैं।
- इन 3 स्थलों के शामिल होने के बाद, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल भारतीय स्थलों की संख्या 52 हो गयी।
मोढेरा का सूर्य मंदिर
- इसका निर्माण सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम (1022-1063 CE) द्वारा कराया गया था।
- यह मंदिर पुष्पावती नदी के तट पर स्थित है।
- यह मंदिर सोलंकी राजवंश के संरक्षण में पश्चिमी भारत की 11वीं शताब्दी की मारू-गुर्जर वास्तुकला शैली का एक अनुकरणीय मॉडल है।
- इसके निर्माण में हिन्दू-ईरानी शैली का प्रयोग किया गया है, इस मन्दिर को दो हिस्सों में बनाया गया है, इसके प्रथम भाग में गर्भगृह तथा द्वितीय भाग में सभामंडप है।
- मन्दिर के सभामंडप में 52 स्तंभ हैं, जिन पर उत्कृष्ट कारीगरी की गई है।
- इन स्तंभों की विशेषता यह है कि नीचे की ओर देखने पर अष्टकोणाकार और ऊपर की ओर देखने पर वह गोल प्रतीत होते हैं।
- इन स्तंभों पर देवी-देवताओं के चित्र तथा रामायण, महाभारत आदि के प्रसंगों को अद्भुत सुन्दरता व बारीकी से उकेरा गया है।
- इस मन्दिर का निर्माण इस प्रकार से किया गया है कि सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण मन्दिर के गर्भगृह में प्रवेश करती है।
- मन्दिर में एक विशाल कुंड है, जिसे 'सूर्यकुंड' तथा 'रामकुंड' कहा जाता है।
- मोढेरा के इस सूर्य मन्दिर को गुजरात का खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस मन्दिर की शिलाओं पर भी खजुराहो जैसी ही नक़्क़ाशीदार शिल्प कलाएँ मौजूद हैं।
- मोढेरा का उल्लेख विभिन्न पुराणों में भी मिलता है, स्कंदपुराण और ब्रह्मपुराण के अनुसार प्राचीन काल में मोढेरा के आस-पास का पूरा क्षेत्र 'धर्मरण्य' के नाम से जाना जाता था।
वडनगर शहर
- गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित वडनगर एक बहुस्तरीय ऐतिहासिक शहर है, जिसे पहले आनंदानगर, अनारतापुर और नागर के नाम से जाना जाता रहा है।
- 5वीं शताब्दी में बना हाटकेश्वर मंदिर तथा अम्बाजी माता मंदिर वडनगर में स्थित प्राचीन मंदिर है।
- यहां बौद्ध धर्म से जुड़े कई अवशेष तथा जैन गुफाएं और सोलंकी शासकों द्वारा बनवाए गए स्मारक भी हैं।
- वडनगर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है, 7वीं शताब्दी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेन त्सांग के यात्रा विवरण में भी वडनगर का उल्लेख मिलता है।
उनाकोटी में चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियां
- उनाकोटी (Unakoti) भारत के त्रिपुरा राज्य के उनाकोटी ज़िले के कैलाशहर उपखंड में स्थित एक ऐतिहासिक व पुरातत्विक हिन्दू तीर्थस्थल है।
- यहाँ भगवान शिव को समर्पित मूर्तियाँ और स्थापत्य हैं जिनका निर्माण 7वीं – 9वीं शताब्दी ईसवी, या उस से भी पहले, पाल वंश के शासनकाल में हुआ था।
- उनाकोटी में निन्यानबे लाख निन्यानवे हजार नौ सौ निन्यानबे पत्थर की मूर्तियां और नक्काशी मौजूद है।
- यह स्थल लगभग उसी रहस्यमयी आकर्षण को प्रदर्शित करता है जो कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर में है, इसलिए इसे उत्तर-पूर्व का अंकोरवाट भी कहा जाता है।
- स्थानीय कोकबोरोक भाषा में उनाकोटी को सुब्रई खुंग कहा जाता है।
विश्व विरासत स्थल
- विश्व विरासत स्थल पृथ्वी पर एक विशेष सांस्कृतिक या भौतिक महत्व और मानवता के लिए उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य वाले स्थान होते है।
- एक विश्व विरासत स्थल को एक प्राकृतिक या मानव निर्मित क्षेत्र या एक ऐसी संरचना के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जो अंतरराष्ट्रीय महत्व का है, और जिसके लिए विशेष सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
- विश्व विरासत सूची/अस्थायी सूची में स्थलों का विस्तार एक सतत प्रक्रिया है और स्थलों का चयन प्रचालनात्मक दिशा-निर्देशों और उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के प्रदर्शन के तहत मानदंडों को पूरा करने की उनकी क्षमता के आधार पर किया जाता है।
- इसे भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने के लिए, विश्व विरासत समिति द्वारा विश्व विरासत सूची में नामांकित किया जाता है।
यूनेस्को
- यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक विशेष एजेंसी है जिसका उद्देश्य शिक्षा, कला, विज्ञान और संस्कृति में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
- यूनेस्को की स्थापना 1945 में हुई थी।
- इसके 195 सदस्य राज्य और 11 सहयोगी सदस्य तथा गैर-सरकारी, अंतर-सरकारी और निजी क्षेत्र में भागीदार हैं।
- यूनेस्को के कार्यक्रम, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए एजेंडा 2030 में परिभाषित सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी योगदान करते हैं।
- यूनेस्को अपने विश्व विरासत मिशन के लिए जाना जाता है जो दुनिया के देशों को प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करता है।
|