17-Dec-2020
हाल ही में, भारत की कम्पनी ‘फ्यूचर रिटेल’ ने अमेरिका की कम्पनी ‘अमेज़न’ पर ‘21वीं सदी की ईस्ट इंडिया कम्पनी जैसा व्यवहार करने’ और ‘अमेरिका में बिग ब्रदर की भूमिका अदा करने’ का आरोप लगाया है।
17-Dec-2020
वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन के बीच धान-गेहूँ के एकल कृषि पैटर्न पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह समस्या उत्तरी भारत, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में अधिक है।
16-Dec-2020
हाल ही में, अमेरिका ने रूस से S-400 वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद को लेकर तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया है। विदित है कि अमेरिका ने पिछले वर्ष F-35 जेट कार्यक्रम से तुर्की को बाहर कर दिया था। भारत भी S-400 वायु रक्षा प्रणाली की खरीद की तैयारी में है।
16-Dec-2020
हाल ही में, मोरक्को ने अमेरिका की मध्यस्थता से इज़रायल के साथ सम्बंधों को सामान्य बनाने पर सहमति व्यक्त की है। मोरक्को ऐसा करने वाला चौथा अरब राष्ट्र है। साथ ही, इसी समझौते के तहत अमेरिका ने पश्चिमी सहारा के विवादित क्षेत्र पर मोरक्को के दावे को भी मान्यता प्रदान की है।
15-Dec-2020
पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग डिजिटल मतदाता पहचान पत्र या एलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) की उपलब्धता पर विचार कर रहा है। इस प्रणाली को वर्ष 2021 तक लागू कर दिये जाने की सम्भावना है।
15-Dec-2020
हाल ही में, नीति आयोग ने ‘विज़न 2035 : भारत में जन स्वास्थ्य निगरानी’ नाम से एक श्वेत पत्र जारी किया है। भारत की जन स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली को अधिक प्रतिक्रियाशील और भविष्योन्मुखी बनाकर प्रत्येक स्तर पर कार्रवाई करने की तैयारी को सुदृढ़ करना।
15-Dec-2020
भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और प्रत्येक नागरिक के लिये गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हाल ही में, लैंसेट के साथ मिलकर एक पैनल का गठन किया गया है।
14-Dec-2020
हाल ही में, वर्जिन गेलेक्टिक कम्पनी ने ‘स्पेसशिप टू’ (SpaceShipTwo) अंतरिक्ष यान की एक परीक्षण उड़ान को लॉन्च करने का निर्णय लिया है।
14-Dec-2020
विगत कुछ वर्षों से सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) की आर्थिक स्थिति निरंतर ख़राब हो रही है, जिससे इनके समक्ष कई समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं।
12-Dec-2020
हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया की संसद में ‘समाचार मीडिया अनिवार्य मोलभाव संहिता’ (मीडिया बार्गेनिंग कोड) पेश की गई है। यह अपने आप में ‘दुनिया का पहला’ ऐसा मीडिया कानून है, जिसके तहत गूगल और फेसबुक जैसी प्रौद्योगिकी कम्पनियों को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर समाचार सामग्री प्रदर्शित करने के लिये समाचार एजेंसियों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान करना पड़ेगा।