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वायु प्रदूषण : कीट परागण के लिए खतरा

(प्रारंभिक परीक्षा: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

  • नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित एक नए शोध अध्ययन के अनुसार, फसल को नष्ट करने वाले कीटों की तुलना में मधुमक्खियों एवं अन्य लाभकारी कीटों को वायु प्रदूषण से अधिक क्षति होती है।
  • शोधकर्ताओं ने ओजोन, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड एवं पार्टिकुलेट मैटर जैसे वायु प्रदूषकों पर कीटों की प्रतिक्रिया को समझने के लिए डाटा का विश्लेषण किया।  

कीट परागण के बारे में 

  • कीट विभिन्न तरह के फसली एवं जंगली पौधों के परागण में सहायता करते हैं, जिससे मनुष्यों को खाद्य सुरक्षा प्राप्त होती है और जंगली पौधों की आबादी सतत रहती है। 
  • हालाँकि, दुनिया भर में कीट परागणकर्ताओं की आबादी में गिरावट आ रही है, जिसका मुख्य कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। 
    • उदाहरण के लिए, कृषि गहन कीटनाशक का उपयोग, उपयुक्त आवास का विनाश एवं उसमें गिरावट, पुष्प संसाधनों की विविधता में कमी के कारण परागणकर्ताओं की संख्या में कमी आ रही है।

शोध अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष 

  • इस अध्ययन के अनुसार, उच्च वायु प्रदूषण स्तर के संपर्क में आने के बाद मधुमक्खियों, कुछ कीट-पतंगे एवं तितलियों सहित परागणकर्ताओं की भोजन तलाश करने की क्षमता में 39% की गिरावट आई है। 
    • इसके विपरीत पादप भक्षी एफिड्स एवं अन्य कीटों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।
  • लाभकारी कीट, जैसे- मधुमक्खियाँ एवं ततैया गंध आधारित संचार पर निर्भर होने के कारण वायु प्रदूषण से अधिक प्रभावित होती हैं। 
  • कई लाभकारी कीट फूलों का पता लगाने, साथी खोजने या अपने शिकार का पीछा करने के लिए वायु में मौजूद रासायनिक संकेतों का उपयोग करते हैं। 
    • वायु प्रदूषकों के कारण रासायनिक रूप से गंध के पथों में परिवर्तन हो सकता है या कीटों की उन्हें पहचानने की क्षमता में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे अनिवार्य रूप से उनके संवेदी परिदृश्य में बाधा उत्पन्न होती है। 
  • इसके विपरीत, कई कीट लंबी दूरी के गंध संकेतों पर कम और सीधे संपर्क या दृश्य संकेतों पर अधिक निर्भर होते हैं, जिससे वे वायु प्रदूषण के वायुजनित रासायनिक संकेतों पर पड़ने वाले प्रभावों के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं।
  • वायु प्रदूषण के कारण इन सभी कारकों में से कीटों की भोजन खोजने की क्षमता सर्वाधिक प्रभावित हुई, जो औसतन लगभग एक-तिहाई कम हो गई।
  • वायु प्रदूषकों में ओजोन लाभदायक कीटों के लिए विशेष रूप से हानिकारक साबित हुआ, जिससे उनकी विकास करने एवं पारिस्थितिकी तंत्र में स्वयं की भूमिका निभाने की क्षमता 35% तक कम हो गई। 
  • नाइट्रोजन ऑक्साइड ने भी लाभकारी कीटों को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया है।

वायु प्रदूषकों का पौधों और परागणकों पर प्रभाव

  1. वायु प्रदूषण पौधों एवं परागणकों के फेनोलॉजी (पौधों व जानवरों में जीवन-चक्र की घटनाएँ : पुष्पन, पल्लवन, शीतनिद्रा, प्रजनन व प्रवास) को बदलकर उनके बीच तालमेल को कम कर सकता है। 
  2. यह पौधों द्वारा दिए गए संकेतों या उन संकेतों के परागणकर्ता की धारणा में परिवर्तन करके फूलों के प्रति परागणकर्ता के आकर्षण को कम कर सकता है। 
  3. यह परागणकर्ता अभिविन्यास (Pollinator Orientation) में बाधक हो सकता है। 
  4. यह पुष्प प्रेरकों (Floral Rewards) की गुणवत्ता एवं मात्रा को बदल सकता है। 
  5. यह प्रजाति-विशिष्ट संवेदनशीलता एवं परागणकर्ता के यौन संचार में कमी के माध्यम से पौधे व परागणकर्ता समुदायों में परिवर्तन कर सकता है।

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