प्रारंभिक परीक्षा - बाल गंगाधर तिलक और गणेश चतुर्थी मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों
बाल गंगाधर तिलक ने भारत में गणेश चतुर्थी उत्सव को एक भव्य सामुदायिक कार्यक्रम में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रमुख बिंदु
- 1893 में बाल गंगाधर तिलक ने केशवजी नाइक चॉल सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की नींव डाली।
- इस मंडल की कोशिशों से ही पहली बार विशाल गणपति प्रतिमा के साथ गणपति बप्पा का पूजोत्सव शुरू हुआ।
- 1893 से पहले गणेश चतुर्थी एक दिवसीय निजी उत्सव था।
- हालाँकि, एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता तिलक ने भारतीय सांस्कृतिक प्रथाओं का उपयोग करके ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ समाज को एकजुट करने और संगठित करने का अवसर देखा।
- उन्होंने उत्सव के दौरान देशभक्ति पर जोर देते हुए और राष्ट्रवादी विचारों को बढ़ावा देते हुए सार्वजनिक गणपति पूजा की परंपरा शुरू की।
- जहाँ एकता को बढ़ावा देने के लिए तिलक के प्रयासों की सराहना की गई, वहीं स्वतंत्रता संग्राम को सांप्रदायिक पहलू से जोड़ने और महिलाओं की मुक्ति एवं जाति सुधारों पर रूढ़िवादी विचार रखने के लिए उन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ा।
- गणेश चतुर्थी का उपयोग लोगों को एकजुट करने के लिए किया ।
प्रश्न: 1893 में किस राष्ट्रीय नेता ने गणेश चतुर्थी गणपति बप्पा का पूजोत्सव प्रारंभ किया?
(a) महात्मा गाँधी
(b) बाल गंगाधर तिलक
(c) मदनमोहन मालवीय
(d) श्यामा प्रसाद मुखर्जी
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: राष्ट्रीय आंदोलन में लोगों को एकजुट करने में सांस्कृतिक तत्व एक प्रमुख उत्प्रेरक रहा। टिप्पणी कीजिए।
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस