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मिज़ोरम में बांग्लादेशी शरणार्थी

प्रारंभिक परीक्षा - कुकी-चिन, कूकी चिन नेशनल आर्मी
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन

सन्दर्भ 

  •  हाल ही में मिज़ोरम सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है, कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों को सीमा पार करने से नहीं रोकें।

Mizoram

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • बांग्लादेश के बंदरबन से पलायन करने वाले पांच सौ से भी ज़्यादा लोगों ने भारत के मिज़ोरम में शरण ली है।
  • उनका कहना है कि बांग्लादेश की सेना ने कूकी चिन नेशनल आर्मी के ख़िलाफ़ जो अभियान शुरू किया है उससे बचने के लिए वह भाग कर भारत आए हैं।
  • इन शरणार्थियों में ज़्यादातर बम जनजाति (ईसाई) के लोग हैं, उनके साथ टंगटंगिया जनजाति के कुछ लोग भी हैं।
  • इन बांग्लादेशी नागरिकों में महिलाएं भी शामिल हैं, उन्होंने दक्षिण मिज़ोरम के लॉन्गतलाई ज़िले के पांच गावों में शरण ली है।
  • बांग्लादेश पुलिस के अनुसार ये लोग बांग्लादेश से भागे नहीं हैं, बल्कि सुरक्षा के लिहाज़ से सीमा पार चले गए हैं।

ये शरणार्थी भारत में क्यों प्रवेश कर रहे हैं 

  • ये लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी (केएनए) के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद बांग्लादेश छोड़कर मिजोरम में प्रवेश कर रहे हैं।
  • बांग्लादेशी सेना द्वारा यह अभियान कूकी चिन नेशनल फ़्रंट (केएनएफ़) के ख़िलाफ़ चलाया जा रहा है, उस संगठन के सदस्य इसी समुदाय के लोग हैं।
  • कूकी चिन नेशनल फ़्रंट एक राजनीतिक संगठन है, उसकी कूकी चिन नेशनल आर्मी नाम से एक सशस्त्र शाखा भी है।
  • बांग्लादेश सेना और रैपिड ऐक्शन बटालियन (रैब) उसी के ख़िलाफ़ लगातार अभियान चला रही है।
  • भारत 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन और इसके 1967 के प्रोटोकॉल का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है और शरणार्थियों के अधिकारों को मान्यता नहीं देता है।
    • भारत में प्रवेश करने वाले गैर-दस्तावेजीकृत प्रवासियों पर विदेशी अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए मुकदमा भी चलाया जा सकता है।

कुकी-चिन

  • कुकी-चिन जनजाति, बांग्लादेश, मिजोरम और म्यांमार के पहाड़ी इलाकों में पायी जाती है। 
  • कुकी-चिन, बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों में निवास करने वाला ईसाई समुदाय है जो मिजोरम के लोगों के साथ घनिष्ठ जातीय संबंध साझा करता है।
  • कुकी लोग उथेन नामक देवता की पूजा करते हैं।
  • परंपरागत रूप से कुकी जंगलों में छोटी बस्तियों में रहते हैं, जिनमें प्रत्येक उसके अपने प्रमुख द्वारा शासित होती है, मुखिया का सबसे छोटा पुत्र अपने पिता की संपत्ति का उत्तराधिकारी होता है। 
  • चिन शब्द का प्रयोग म्याँमार के चिन राज्य के लोगों के लिये किया जाता है, भारत में चिन को कुकी कहा जाता है।
  • कुकी-चिन जनजाति में पेइती, थादौ, वैपी, गंगटे, हमार, आइमोल और मोनसांग आदि समूह शामिल हैं।
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