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बासमती चावल  

प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 

चर्चा में क्यों- 

बढ़ रही महंगाई को देखते हुए घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में बासमती चावल के निर्यात को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया है।

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प्रमुख बिंदु-

  • चावल की बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 20 जुलाई, 2023 को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
  • सरकार ने अब 1,200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से कम भाव वाले बासमती चावल के निर्यात पर भी रोक लगा दी है। अब निर्यातक इस दर से महंगे बासमती चावल को ही देश के बाहर भेज सकेंगे।
  • प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल का अवैध निर्यात किए जाने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के लिए निर्यात का न्यूनतम कीमत-मूल्य निर्धारित किया गया है।  
  • सितंबर 2022 में, केंद्र ने टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। अगस्त 2023 में, केंद्र ने उबले हुए गैर-बासमती चावल पर 20% निर्यात शुल्क लगाया था। ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि इस तरह के प्रतिबंधों से कई अफ्रीकी देशों में खाद्यान्न की उपलब्धता पर असर पड़ा है।

प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. निर्यात पर प्रतिबन्ध से घरेलू बाज़ार में चावल की कीमत के नियंत्रित होने की सम्भावना है।
  2.  निर्यात का न्यूनतम कीमत-मूल्य तय करने से विश्व बाज़ार में संबंधित वस्तु की कीमत में भी गिरावट आएगी।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

कूट-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न 1 और ना ही 2

उत्तर - (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -  खाद्यान्न निर्यात पर नियंत्रण बढ़ रही मंहगाई को नियंत्रित कर सकता है। टिप्पणी कीजिए।

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