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बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन : भविष्य एवं समस्याएं  

प्रारंभिक परीक्षा : बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, शुद्ध शून्य उत्सर्जन (net zero), लिथियम 
मुख्य परीक्षा : पेपर-3,  इलेक्ट्रिक वाहन: महत्त्व, चुनौतियाँ और सरकार की नीतियाँ  

चर्चा में क्यों- 

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी), नेट ज़ीरो लक्ष्य के लिए सरकार के प्रयास के केंद्र में हैं। यद्यपि इस बात पर चर्चा कम है कि भारत की विशिष्ट परिस्थितियां बीईवी के लिये कितनी अनुकूल है। 

बीईवी का परिचय- 

जो भी गाड़ियां बिजली के माध्यम से चलाई जाती है, वह सभी गाड़ियां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs)  के रूप में जानी जाती है। पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के अंदर हमें दहन इंजन देखने को मिलता है जबकि ईवी में ऐसा नहीं है। इसमें शक्ति का स्त्रोत  इलेक्ट्रिक बैटरी होती है

मुख्य बिंदु-

  • कई देशों ने कड़े नियमों और आकर्षक कर प्रोत्साहनों के माध्यम से ई-गतिशीलता को बढ़ावा दिया है।
  • भारत को वर्ष 2070 तक अपने शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में बीईवी एक अच्छा माध्यम है।
  • भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी योजना काफी हद तक आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) वाहनों की जगह लेने वाले बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) पर केंद्रित है, जिसमें लिथियम-आयन को अब तक सबसे व्यवहार्य बैटरी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। 
  • भारत में हाल के वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि भी हुई है।

भारत में इसके दो प्रमुख उद्देश्य हैं-

  1. कार्बन उत्सर्जन में कटौती
  2. महंगे ईंधन के आयात को कम करना 

 भारत के सन्दर्भ में समस्याएँ-  

  • भारत में, ईवी की संख्या 2022 के मध्य तक 1 मिलियन को पार कर गई थी, और 2030 तक बढ़कर 45-50 मिलियन होने की संभावना है। लेकिन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन देश भर में लगभग 2,000 ही चालू हैं।
  • 'इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग – अगला बड़ा अवसर' रिपोर्ट के अनुसार, भारत में चार्जिंग बुनियादी ढांचे की मांगें अद्वितीय हैं।
  • भारत में अधिकांश ई-2डब्ल्यू और 3डब्ल्यू मॉडल धीमी चार्जिंग के लिए ही उपयुक्त हैं।
  • चार्जिंग नेटवर्क रणनीति में बदलाव करना होगा, चूँकि यहां वाहन मिश्रण देखने को मिलता है (जैसे दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया और बस आदि) सभी को बिजली की आवश्यकता अलग-अलग होती है।
  • भारत में अभी भी बड़े पैमाने पर कोयले से चलने वाले थर्मल संयंत्रों द्वारा बिजली आपूर्ति की जाती है। जोकि प्रदूषण का कारण है।
  • लिथियम-आयन बैटरी पर देश की अति निर्भरता।
  • वैश्विक लीथियम उत्पादन का 90% से अधिक ऑस्ट्रेलिया और चीन के साथ चिली, अर्जेंटीना और बोलीविया में केंद्रित है।
  • भारत लिथियम वैल्यू चेन में पैठ बनाने के लिए संघर्षरत है।
  • विशेष रूप से कारों के लिए कर छूट के रूप में दी जाने वाली सब्सिडी, मध्यम या उच्च मध्यम वर्ग के हाथों में जाती है।   

नॉर्वे, अमेरिका और चीन के बाजारों में बीईवी:  

  • इलेक्ट्रिक प्रोत्साहन की एक विस्तृत प्रणाली- राज्य सब्सिडी द्वारा समर्थित हैं। 
  • नॉर्वे ने अपनी बीईवी नीति के माध्यम से दुनिया के सबसे उन्नत ईवी बाजार को बढ़ावा दिया है।   
  • यहाँ टोल, सड़कें, पार्किंग स्थल उनके लिए मुफ़्त हैं।
  • वैश्विक विश्लेषण में पाया गया कि सब्सिडी प्रदान करने की तुलना में चार्जिंग बुनियादी ढांचे में निवेश 4 से 7 गुना अधिक प्रभावी है। 
  • नॉर्वे और चीन में सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विस्तार एवं खरीद सब्सिडी की पेशकश के माध्यम से ईवी में तेजी आई है।  
  • अधिकांश बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न होती है – जैसे- नॉर्वे में 99% जलविद्युत शक्ति द्वारा।

इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) के महत्त्व-

  • स्वच्छ हवा श्वसन एवं हृदय रोगों के जोखिम को कम करती है एवं यह जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में सक्षम है
  • ऊर्जा का वैकल्पिक स्त्रोत उपलब्ध कराकर ऊर्जा निर्भरता में कुछ कमी आई है  
  • पेट्रोल एवं डीजल की अपेक्षा तुलनात्मक रूप से कम लागत आती है 
  • तकनीकी विकास एवं चार्जिंग अवसंरचना क्षेत्र में रोज़गार का सृजन करती है।
  • यातायात के सस्ते माध्यम उपलब्ध हो रहे हैं 

EVs क्षेत्र में भारत में किये जा रहे प्रयास-

  1. नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान: 2020 से हर वर्ष हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों की 6-7 मिलियन हर वर्ष बिक्री हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित करता है।
  2. उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना:  जो इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण के लिये प्रोत्साहन प्रदान करती है।
  3. ‘गो इलेक्ट्रिक अभियान’:  EVs चार्जिंग अवसंरचना के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना।
  4. Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles- FAME scheme II: उत्पादन एवं बिक्री को प्रोत्साहन प्रदान करती है

भारत वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य (net zero) का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य में EVs की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। बशर्ते भारत को बैटरी में प्रयुक्त होने वाली धातु की वैल्यू चेन में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी एवं सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ कर बिजली उत्पादन के नवीकरणीय स्त्रोतों के चयन की आवश्यकता है

प्रश्न:  निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(1). नॉर्वे दुनिया का सबसे उन्नत बीईवी बाजार है।  

(2). वैश्विक लिथियम उत्पादन का 90% से अधिक ऑस्ट्रेलिया और चीन के साथ चिली, अर्जेंटीना और बोलीविया में केंद्रित है

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए - 

कूट-

(a) दोनों 1 तथा 2           

(b) न तो 1 ना ही 2 

(c)  केवल 2               

(d)  केवल 1    

उत्तर - (a)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: यद्यपि कुछ चुनौतियां विद्यमान हैं फिर भी  बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) जलवायु परिवर्तन का सामना करने के साथ मानव स्वास्थ्य के लिये भी हितकर हैं। परीक्षण कीजिए।

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