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छत्तीसगढ़ की 12 अनुसूचित जनजतियों से संबंधित विधेयक

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियां
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 2

संदर्भ-

  • राज्यसभा में 25 जुलाई 2023 को ‘संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

मुख्य बिंदु-

  • ‘संविधान (एसटी) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक’ को 2022 में लोकसभा में पारित किया गया था।
  • इस विधेयक में छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजातियों की सूची में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा,और बिंझिया समुदायों को शामिल किये जाने का प्रस्ताव है।
  • विधेयक में भुइन्या , भुइयां और भुयान समुदायों को भरिया, भूमिया समुदाय का ही हिस्सा माने जाने का प्रावधान है।
  • विधेयक में पंडो समुदाय के नाम के तीन देवनागरी संस्करण भी शामिल करने का प्रस्ताुव है।
  • वर्तनी संबंधी त्रुटियों ने कई जनजातीय समुदायों के सदस्यों को आरक्षण का लाभ लेने से वंचित रखा था।
  • इन कमियों को दूर करते हुए जनजातियों की कई वर्तनी अंग्रेजी और हिंदी दोनों में शामिल की गई हैं।
  • केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज की 42 जातियां निवास करती हैं। जिन 12 जातियों को सूची में लाने के लिए यह संशोधन प्रस्ताव लाया गया है, उनमें से 10 जातियां लिपिकीय त्रुटियों के कारण संविधान में मिलने वाले अधिकारों और लाभ से आजादी के इतने वर्षों बाद भी वंचित थीं।
  • 2011 की जनगणना के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 78.22 लाख अनुसूचित जनजाति के लोग थे। 12 जनजातियों को शामिल करने के इस प्रस्ताव से इस संख्या में अनुमानतः 72,000 की वृद्धि होगी।

अनुसूचित जनजाति से संबंधित संवैधानिक प्रावधान-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 366(25) के अनुसार, ऐसी जनजातियाँ या जनजातीय समुदाय या ऐसी जनजातियों या जनजातीय समुदायों के कुछ हिस्से या समूह जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति माना जाता है, अनसूचित जनजाति के अंतर्गत आती हैं।
  • संविधान का अनुच्छेद 342 अनुसूचित जनजातियों (Scheduled tribes) से संबंधित है ।
  • अनुच्छेद 342 (1)- राष्ट्रपति किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में और जहाँ राज्य है वहाँ उसके राज्यपाल से परामर्श करने के पश्चात् लोक अधिसूचना द्वारा उन जनजातियों या जनजाति समुदायों अथवा जनजातियों या जनजाति समुदायों के हिस्सों को विनिर्दिष्ट कर सकेगा, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिये राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में अनुसूचित जनजातियाँ समझा जाएगा ।
  • अनुच्छेद342 (2)- संसद कानून द्वारा खंड (1) के तहत जारी अधिसूचना में निर्दिष्ट अनुसूचित जनजातियों की सूची में किसी भी जनजाति या आदिवासी समुदाय या किसी जनजाति या आदिवासी समुदाय के हिस्से या समूह को शामिल कर सकती है या बाहर कर सकती है, लेकिन उपरोक्त के तहत जारी अधिसूचना को छोड़कर उक्त खंड किसी भी बाद की अधिसूचना द्वारा परिवर्तित नहीं किया जाएगा ।

छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियां-

  • छत्तीसगढ़ राज्य एक जनजाति बाहुल्य राज्य है, यहाँ कुल 42 जनजातियां व 161 उपजातियां पाई जाती हैं।

गोंड जनजाति-

  • जनसंख्या की दृष्टि से यह राज्य की सबसे बड़ी जनजाति है। गोंड तथा उसकी उपजातियां स्वयं की पहचान ‘कोया’ या ‘कोयतोर शब्दों से करती हैं, जिसका अर्थ ‘ मनुष्य’ या ‘पर्वतवासी मनुष्य’ है।
  • इनके मुख्य देवता ‘दूल्हा देव’ हैं।
  • इनमें विधवा तथा बहु विवाह का प्रचलन पाया जाता है। गोंड में दूध लौटावा विवाह भी देखने की मिलता है।
  • इस प्रजाति की खेती में ‘नरोत’, ‘भरोत’, ‘राय मेना’, ‘कंठ में’ और ‘रेमेना’ आदि प्रमुख हैं।

कोरबा जनजाति-

  • इनकी उपजाति में ‘दिहारिया’ एवं ‘पहाड़ी कोरबा’ प्रमुख है। दिहारिया कोरबा कृषि कार्य करते हैं। इस कारण इन्हें ‘किसान कोरबा भी कहा जाता है।
  • पहाड़ी कोरबा को ‘बेनबरिया’ भी कहा जाता है।
  • कोरबा जनजाति की अपनी पंचायत होती है, जिसे ‘मैयारी’ कहते हैं।
  • कोरबा जनजाति का मुख्य त्योहार ‘करमा’ होता है।
  • ययां, भुईहार और पांडो इस जनजाति की फसल भूमि है।
  • ‘भीमसेन’ इन लोगों का मुख्य देवता हैं।

हल्वा जनजाति-

  • इनकी उपजातियों में बस्तरिया,भतेथिया,छत्तीसगढ़िया आदि मुख्य हैं।
  • हलवाहक होने के कारण इस जनजाति का नाम हल्वा पड़ा है।
  • हल्वा कुशल कृषक होते हैं।

कोरकू जनजाति-

  • मोवासी, बवारी, रूमा, नहाला, बोडोया आदि इनकी उपजातियां है।
  • इस जनजाति में विवाह संबंध में वधु-धन चुकाना पड़ता है।
  • इनमें तलाक़ प्रथा एवं विधवा विवाह का भी प्रचलन है।

बिंझवार जनजाति-

  • ये ‘विंध्याचल वासिनी’ की पूजा करते हैं।
  • ये अपने को विंध्यवासिनी पुत्री “बारह भाई बेटीकर” को अपना पूर्वज मानते हैं।
  • वीर नारायण सिंह बिंझवार जनजाति वर्ग के थे।

कमार जनजाति-

  • इनका मुख्य देवता ” दूल्हा देव” हैं।
  • ये अधिकतर कृषि मजदूर के रूप में खेतो में काम करते हैं।
  • ये लकड़ी और बांस की वस्तुएं बनाने में निपुण होते हैं ।

कंवर जनजाति-

  • इनमें संगोत्री विवाह प्रचलित है।
  • ‘सगरा खंड’ इनके प्रमुख देवता हैं।

खारवार जनजाति-

  • इन्हे ‘कथवार’ भी कहा जाता है।
  • कत्था का व्यवसाय करने के कारण इस जनजाति का यह नाम पड़ा है।

भैना जनजाति-

  • इस जनजाति की उत्पत्ति मिश्र संबंधो के कारण हुआ प्रतीत होता है।
  • किंवदन्ति के अनुसार ये ” बैगा और कंवर ” की वर्ण संकर संतानें हैं।

ओरांव जनजाति-

  • ये लोग विवाह से पूर्व यौन संबंध रखते हैं।
  • इनमें बहु-विवाह का भी प्रचलन है।
  • ओरांव के प्रमुख देवता ‘धर्मेश’ हैं, जो सूर्य देवता का ही रूप हैं।

बैगा जनजाति-

  • इस जनजाति की उपजातियों में ‘नरोतिया’, ‘भरोतिया’, ‘रायमैना’, ‘कंठमैना’ और ‘रेमैना’ आदि प्रमुख हैं।
  • बैगा लोगों में संयुक्त परिवार की प्रथा पायी जाती है।
  • इनमें सेवा विवाह की ‘लामझेना’, ‘लामिया’ और ‘लमसेना’ प्रथा प्रचलित है।
  • इस जाति के लोग शेर को अपना अनुज मानते हैं।
  • इस जनजाति के प्रमुख लोकनृत्यों में बैगानी करमा, दशहरा या बिलमा, परधौनी, ददरिया नृत्य है। इसके अलावा विभिन्न अवसरों पर घोड़ा पैठाई, बैगा झरपट तथा रीना और फाग नृत्य भी करते हैं।

मारिया जनजाति-

  • भूमियां, भुईहार एवं पांडो इस जनजाति की प्रमुख उपजाति है।
  • ‘भीमसेन’ इन लोगों का मुख्य देवता हैं।

मुरिया जनजाति-

  • इस जनजाति के ककसार, मांदरी, गेंड़ी नृत्य अपनी गीतात्मक, अत्यंत कोमल संरचनाओं और सुन्दर कलात्मक विन्यास के लिए प्रसिद्ध है।
  • मुरिया जनजाति में ‘माओपाटा’ के रूप में एक आदिम शिकार नृत्य-नाटिका का प्रचलन भी है, जिसमें उल्लेखनीय रूप से नाट्य के आदिम तत्व मौजूद हैं।

नगेशिया जनजाति-

  • नगेशिया जनजाति का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं लकड़हारे का कार्य करना है।

अन्य जनजातियां -

  • अहिरवार • कोरवा • उराँव • बिंझीया • भतरा • कँवर • कमार • माड़िय • मुड़िया • भैना • भारिया • बिंझवार • धनवार • नगेशिया • मंझवार • खैरवार • भुंजिया • पारधी • खरिया • गांड़ा या गड़वा • बियार • नमोसुद्र इत्यादि

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली ‘गोंड जनजाति’ के बारे में कौन-सा कथन सही नहीं है ?

(a) जनसंख्या की दृष्टि से ये राज्य की सबसे बड़ी जनजाति है।
(b) इनमें विधवा तथा बहु विवाह का प्रचलन है ।
(c) इनके मुख्य देवता ‘दूल्हा देव’ है।
(d) इस जाति के लोग शेर को अपना अनुज मानते हैं।

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- वर्तनी संबंधी त्रुटियों के कारण कई जनजातीय समुदायों के सदस्यों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता । जनजातियों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए स्पष्ट कीजिए कि सरकार द्वारा इसके लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?

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