प्रारम्भिक परीक्षा :– नीला समुद्री ड्रैगन और नीला बटन मुख्य परीक्षा :- सामान्य अध्ययन, पेपर:- 3 |
संदर्भ
चेन्नई के समुद्र तट पर जहरीला नीला समुद्री ड्रैगन और नीला बटन देखा गया।
प्रमुख बिंदु
- ब्लू सी ड्रैगन (ग्लौकस एटलांटिकस) और ब्लू बटन (पोरपिटा पोरपिटा) दोनों को 17 दिसंबर को चेन्नई के निवासी श्रीवत्सन रामकुमार ने चेन्नई तट पर देखा था।
ब्लू बटन/नीला बटन:-
- यह पोर्पिटा नैडेरिया (Cnidaria) संघ का एक जीव है।
- इनका नाम उनके बटन जैसी आकृति के कारण पड़ा है।
- इस जीव का वैज्ञानिक नाम पोरपिटा पोर्पिटा (Porpita porpita) है।
- इसे नीले बटन के रूप में जाना जाता है,यह जीव जेलीफ़िश की तरह दिखने वाला एक हाइड्रॉइड्स की कॉलोनी है, लेकिन यह जेलीफ़िश नहीं है।
- यह जीव उष्णकटिबंधीय महासागरों में पाया जाता है।
- जेलिफ़िश और नीला बटन दोनों एक ही फ़ाइलम (सिनिडेरिया) का हिस्सा हैं लेकिन नीला बटन हाइड्रोज़ा जेनेरा का हिस्सा है।
विशेषता :-
- यह जीव अपने चमकीले नीले या फ़िरोज़ा रंग के लिए जाना जाता है।
- नीले बटन में दो मुख्य भाग होते हैं: फ्लोट और हाइड्रॉइड कॉलोनी।
- कठोर सुनहरे-भूरे रंग का फ्लोट गोल, लगभग सपाट, लगभग एक इंच चौड़ा होता है।
- नीले बटन में फ्लोट के नीचे एक मुंह होता है जिसका उपयोग पोषक तत्वों के सेवन के साथ-साथ अपशिष्ट के निष्कासन दोनों के लिए किया जाता है।
- यह जीव खाद्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसका आकार इसे कई जीवों का आसान शिकार बनाता है।
- यह जीव एक निष्क्रिय ड्रिफ्टर है, जिसका अर्थ है कि यह जीवित और मृत दोनों जीवों को खाता है जो इसके संपर्क में आते हैं।
- यह मुख्य रूप से छोटी मछलियों, अंडों और प्लैंकटन का भोजन करता है।
- नीले बटन में फ्लोट के नीचे एक मुंह होता है जिसका उपयोग पोषक तत्वों के सेवन के साथ-साथ अपशिष्ट के निष्कासन दोनों के लिए किया जाता है।
- विशिष्टता:- डंक मारना और शिकार करना, शिकारियों से कॉलोनी की रक्षा करना, और अपनी तरह के और अधिक उत्पादन करना।
- ब्लू बटन में 'मैन ऑफ वॉर' तंत्र होता है, जिसका अर्थ है कि वे संपर्क में आने वाले किसी जीव के शरीर को डंक मारने के लिए शरीर के अंगों की तरह टेंटेकल्स का उपयोग करते हैं।
नीला समुद्री ड्रैगन:-
- एक दुर्लभ विचित्र जीव है जो गहरे महासागरों में पाया जाता है। जिसे समुद्री स्लग भी कहा जाता है।
- यह समुद्री स्लग शेल-रहित मोलस्क हैं जो रंगों और आकारों की लगभग अकल्पनीय विविधता में पाया जाता है।
- नीला समुद्री ड्रैगन समुद्र के नीले रंग को छिपाने के लिए अपने नीले रंग वाले हिस्से का उपयोग करता है और गहरे महासागरों में पानी की चमकीले रंग की सतह को छिपाने के लिए अपने चांदी वाले हिस्से का उपयोग करता है।
- इन्हें अक्सर समूहों में देखा जाता है, जो एक विशिष्ट संरचना के होते हैं इनकी इस संरचना को 'नीले बेड़े' के रूप में जाना जाता है।
- चेन्नई के तटों पर इन जीवों का आगमन चक्रवात मिचौंग के कारण संभव हो पाया है।
- नीला समुद्री ड्रैगन संपर्क बनाने वाले विदेशी निकायों को डंक मारने के लिए पुर्तगाली मैनो वॉर, एक अलग जेलीफ़िश प्रजाति सहित अन्य प्राणियों से जहर जमा करता है।
- ये दोनों जीव तट पर अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं क्योंकि तट पर पानी की कमी होती है तथा तापमान अधिक होता है।
इन समुद्री जीवों का अन्य जीवों पर प्रभाव :-
- दोनों समुद्री जीव अपने संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति या जीव के शरीर में जहर डाल सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इनके जहर घातक नहीं होते हैं।
- इनके जहर से जीवों के त्वचा में जलन, चकत्ते और दर्द होता है लेकिन मृत्यु नहीं होती है।
- स्थानीय मछुआरे इन जेलिफ़िश प्रकार के जीवों को सोरी (Sori) कहते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- ब्लू बटन/नीला बटन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह पोर्पिटा नैडेरिया (Cnidaria) संघ का एक जीव है।
- यह जीव जेलीफ़िश की तरह दिखने वाला एक हाइड्रॉइड्स की कॉलोनी है, लेकिन यह जेलीफ़िश नहीं है।
- यह जीव शीतोष्णकटिबंधीय महासागरों में पाया जाता है।
उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- समुद्री जीवों के पारिस्थितिकी महत्व की व्याख्या कीजिए।
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स्रोत :THE NEWS MINUTE