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कैमरून ने नागोया प्रोटोकॉल को अपनाया

प्रारम्भिक परीक्षा – कैमरून ने नागोया प्रोटोकॉल को अपनाया
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)

संदर्भ 

मध्य अफ़्रीकी देश कैमरून ने अपनी समृद्ध जैव विविधता से लाभ उठाने के लिए नागोया प्रोटोकॉल को अपनाया है।

Cameroon

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य अफ़्रीका में कैमरून विशाल जैविक संसाधनों वाला देश है।
  • इसके जैविक संसाधनों का लंबे समय से विदेशी कंपनियों द्वारा शोषण किया जाता रहा है।

उदहारण :- 

  • विदेशी कंपनियां कैमरून में 1300 सेंट्रल अफ्रीकन सीएफए फ्रैंक ($2.11) में एक किलोग्राम प्रूनस अफ़्रीकाना खरीदती हैं, लेकिन इससे बनी दवाएं 250,000 सीएफए ($405) में बेचती हैं।
  • इस कारण से इस देश के स्थानीय समुदाय को उचित और न्यायसंगत लाभ नहीं मिलता है। 
  • इस देश ने वर्तमान में पहुंच और लाभ साझाकरण पर नागोया प्रोटोकॉल को अपनाया है, जो एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है।

Nagoya-Protocol

कैमरून का नागोया प्रोटोकॉल अपनाने का उद्देश्य :-

  • आनुवंशिक संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान के उपयोग के लाभों को निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से साझा करना।

नागोया प्रोटोकॉल को अपनाने से लाभ :- 

  • यह प्रोटोकॉल स्वदेशी और स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने और जैव विविधता-आधारित नवाचार और विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।

कैमरून:-

  • यह मध्य-पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक देश है। 
  • इसको आधिकारिक तौर पर ‘कैमरून गणराज्य’ (Republic of Cameroon) के नाम से जाना जाता है।
  • इसकी राजधानी का नाम ‘याओंदे’ (Yaoundé) है।  
  • इस देश की सीमाएँ पश्चिम में नाइजीरिया, उत्तर-पूर्व में चाड, पूर्व में केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य और दक्षिण में इक्वेटोरियल गिनी, गैबोन तथा कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य देशों से मिलती हैं।
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 472,710 वर्ग किलोमीटर है। 
  • भाषा :- यहाँ मुख्य रूप से फ्रेंच, अंग्रेजी, अरबी, कैमरूनियन पिडगिन अंग्रेजी, फूला, इवोंडो, चाडियन अरबी, कैम्फ्रांग्लाइस आदि भाषाएँ बोली जाती हैं। 
  • इसकी राष्ट्रीय मुद्रा का नाम ‘पश्चिमी अफ्रीकी फ्रेंक’ (West African CFA Franc) है।

कैमरून की जैव विविधता:-

  • कैमरून एक जैव विविधता हॉटस्पॉट वाला देश है।
  • यहाँ अनुमानित 11,000 पौधे, जानवर और सूक्ष्मजीवों की प्रजातियां पायी जाती हैं। 
  • जो कई उपयोगी आनुवंशिक बीमारी के दवाओं या फसलों के उत्पादन के लिए जाना जाता है। 
  • आनुवंशिक संसाधन और पारंपरिक ज्ञान दोनों बायोप्रोस्पेक्टिंग के लिए मूल्यवान हैं। 
    • बायोप्रोस्पेक्टिंग :-यह जैव विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग में भी मदद कर सकता है।

प्रूनस अफ़्रीकाना:-

  • यह कैमरून का एक स्थानिक पौधा है।
    • इसका उपयोग प्रोस्टेट कैंसर की दवा बनाने के लिए किया जाता है। 

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झाड़ी आम (Bush Mango) :-

Bush-Mango

  • अफ़्रीकी आम ( इरविंगिया गैबोनेंसिस ) उष्णकटिबंधीय पश्चिम अफ़्रीकी जंगलों का मूल प्रजाति है। 
  • इसे झाड़ी आम, जंगली आम और दिका नट के नाम से भी जाना जाता है। 
  • इसमें हरी-पीली त्वचा, रेशेदार गूदा और बड़ा कठोर बीज होता है।

उपयोग :-

  • कैमरून का झाड़ी आम औषधीय गुणों से भरपूर है। 
  • कैमरून और नाइजीरिया में स्थानीय जनजातियों द्वारा हजारों वर्षों से पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता है।
  • इसके पत्तियों, जड़ों और छाल का उपयोग पपड़ी और त्वचा के दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। 
  • फल का उपयोग : सूप, सॉस, जूस, वाइन, जैम, जेली और स्वाद बनाने के लिए भी किया जाता है। 
  • गुठली का उपयोग : मोटापे को कम करने में, भूख को नियंत्रित करने में, वसा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में किया जाता है।
  • यह स्थानीय लोगों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है। 
  • इस फल की मांग यूरोपीय फार्मास्युटिकल और कॉस्मेटिक कंपनियों में  बहुत ज्यादा है। 
  • यूरोप में इस आम की मांग प्रत्येक वर्ष 500 टन से अधिक है।

नागोया प्रोटोकॉल :-

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  • यह जैविक विविधता कन्वेंशन पर एक समझौता है। 
  • इसे 29 अक्टूबर 2010 को नागोया, जापान में अपनाया गया था।
  • इसे 12 अक्टूबर 2014 को लागू किया गया। 

नागोया प्रोटोकॉल का उद्देश्य :-

  • इसका उद्देश्य आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित और न्यायसंगत साझाकरण करना है।
    • इससे जैव विविधता के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग में सहायता मिलती है।
  • नागोया प्रोटोकॉल जैविक विविधता पर कन्वेंशन (CBD) द्वारा कवर किए गए आनुवंशिक संसाधनों और उनके उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों पर लागू होता है।
  • नागोया प्रोटोकॉल में आनुवंशिक संसाधनों से जुड़े पारंपरिक ज्ञान (टीके) को भी शामिल किया गया है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से किस अफ़्रीकी देश ने लंबे समय से विदेशी कंपनियों द्वारा अपने जैविक संसाधनों के शोषण से त्रस्त होने के कारण हाल ही में नागोया प्रोटोकॉल को अपनाया है? 

(a) नाइजीरिया

(b) कैमरून

(c) गैबन

(d) कांगो 

उत्तर - (b)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- नागोया प्रोटोकॉल क्या है? इसके पारिस्थितिकी महत्व की व्याख्या कीजिए।

स्रोत: Down To Earth

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