New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

परमाणु ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र- 3: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि; संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

जीवाश्म ईंधन से होने वाले प्रदूषण को कम करने में सहायक होने के कारण परमाणु ऊर्जा के समर्थक इसे ऊर्जा का एक जलवायु-अनुकूल स्रोत मानते है। हालाँकि, कुछ आलोचकों ने परमाणु ऊर्जा को जलवायु-अनुकूल ऊर्जा स्रोत मानने की धारणा पर संशय व्यक्त किया है।

कार्बन उत्सर्जन के स्रोत के रूप में परमाणु ऊर्जा

  • परमाणु ऊर्जा को पूर्णतया शून्य-उत्सर्जन ऊर्जा स्रोत नहीं माना जा सकता है क्योंकि इससे ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की लम्बी और जटिल निर्माण प्रक्रिया के दौरान होने वाले कार्बन उत्सर्जन के साथ-साथ परमाणु कचरे से भी उत्सर्जन होता है।
  • ‘साइंटिस्ट्स फॉर फ्यूचर’ (S4F) ने हाल ही में आयोजित COP-26 में परमाणु ऊर्जा और जलवायु पर एक शोध पत्र प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार परमाणु ऊर्जा पूरी तरह से कार्बन डाइऑक्साइड तटस्थ नहीं है क्योंकि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के पूरे जीवन काल (यूरेनियम निष्कर्षण से लेकर परमाणु अपशिष्ट भंडारण तक) के दौरान कार्बन का उत्सर्जन होता रहता है।
  • नीदरलैंड स्थित ‘वर्ल्ड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑन एनर्जी’ (WISE) के अनुसार, परमाणु संयंत्र 117 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) का उत्सर्जन करते हैं। हालाँकि, परमाणु-विरोधी समूह होने के कारण इस संस्था के आँकड़े पूर्णतया निष्पक्ष नहीं माने जा सकते हैं।
  • एक अन्य अध्ययन के अनुसार, परमाणु ऊर्जा संयंत्र औसतन 66 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड प्रति किलोवाट-घंटा का उत्सर्जन करते हैं।
  • कार्बन उत्सर्जन के लिये उत्तरदायी होने के साथ-साथ ऊर्जा का यह स्रोत स्वयं जलवायु परिवर्तन से भी प्रभावित हुआ है। वैश्विक तापन के कारण कई परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ रहा है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र अपने रिएक्टरों के शीतलन के लिये निकट के जल स्रोतों पर निर्भर होते हैं, जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण कई नदियों के सूखने से इन जल स्रोतों की कमी होने लगी है।

ऊर्जा के अन्य स्रोतों की परमाणु ऊर्जा से तुलना

  • यदि किसी परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पूरे जीवन काल के दौरान उत्सर्जित होने कार्बन की गणना की जाए, तो निश्चित रूप से यह कोयले या प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों से बेहतर है। हालाँकि, अक्षय ऊर्जा की तुलना में परमाणु ऊर्जा से अधिक कार्बन उत्सर्जन होता है।
  • परमाणु ऊर्जा से फोटोवोल्टिक सौर ऊर्जा की तुलना में 3.5 गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड प्रति किलोवाट-घंटा का उत्सर्जन होता है और पवन ऊर्जा की तुलना में 13 गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। जबकि पनबिजली परियोजनाओं की तुलना में परमाणु संयंत्र 29 गुना अधिक कार्बन उत्सर्जन करते हैं।
  • नीदरलैंड स्थित गैर-सरकारी संगठन ग्रीनपीस के अनुसार, नवीकरणीय स्रोत अधिक स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम है, जो परमाणु ऊर्जा की तुलना में सस्ते और टिकाऊ है।

परमाणु ऊर्जा को समर्थन

  • परमाणु ऊर्जा से होने वाले कार्बन उत्सर्जन के बावजूद वर्तमान में ऊर्जा के इस रूप को जलवायु परिवर्तन के प्रमुख वैश्विक समाधानों में से एक माना जा रहा है।
  • विश्वभर में, परमाणु ऊर्जा प्रतिनिधियों के साथ-साथ कुछ राजनेताओं ने भी परमाणु शक्ति के विस्तार का आह्वान किया है। उदाहरणस्वरुप, जर्मनी में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को आधुनिक और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में समर्थन प्रदान किया जा रहा है।
  • अन्य देशों ने भी नए परमाणु संयंत्रों के निर्माण का समर्थन किया है। इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि परमाणु आधारित ऊर्जा के बिना ऊर्जा क्षेत्र जलवायु के लिये और भी अधिक हानिकारक हो जाएगा।

कार्बन उत्सर्जन की चुनौती

  • वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के नवीनतम आँकड़े जलवायु संकट से निपटने में वैश्विक प्रयासों पर प्रश्नचिह्न हैं।
  • वैश्विक कार्बन परियोजना के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में 2021 में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 4.9% तक की वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण कार्बन उत्सर्जन में 5.4% की गिरावट दर्ज़ की गई थी। विदित है कि 40% की भागीदारी के साथ ऊर्जा क्षेत्र ग्रीनहाउस गैसों का सबसे बड़ा उत्सर्जक बना हुआ है।

निष्कर्ष
अत्यधिक लागत, पर्यावरणीय दुष्प्रभाव एवं गैर सरकारी संगठनों के निरंतर विरोध ने परमाणु ऊर्जा के विकास को प्रभावित किया है। वहीं दूसरी ओर जीवाश्म ईंधन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने तथा शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये तुलनात्मक रूप से परमाणु ऊर्जा को आवश्यक माना जा रहा है।

अभ्यास प्रश्न: शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट-जीरो उत्सर्जन) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये क्या परमाणु ऊर्जा एक जलवायु अनुकूल तरीका है? टिप्पणी कीजिये।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR