New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

केंद्र ने शुरू की नाबालिग बलात्कार पीड़ितों के लिए विशेष योजना 

चर्चा में क्यों?

  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग गर्भवती बच्चियों की सहायता निर्भया फंड से करने की घोषणा की है।

नाबालिग बलात्कार पीड़ितों के लिए विशेष योजना

  • योजना की घोषणा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई है, यह निर्भया फंड के तत्वावधान में संचालित होगी और इसके लिए ₹74.1 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
  • नाबालिग बलात्कार पीड़ितों के आघात को स्वीकार करते हुए, सरकार ने उन मामलों में पीड़ितों को चिकित्सा, वित्तीय और ढांचागत सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है जहां यौन उत्पीड़न के परिणामस्वरूप गर्भधारण होता है।
  • नाबालिग पीड़ितों की इस सहायता को वास्तविक रूप देने के लिए सरकार ने राज्य सरकारों और बाल देखभाल संस्थानों के सहयोग से मिशन वात्सल्य की प्रशासनिक संरचना का उपयोग किया है।
  • कोई भी लड़की जो 18 वर्ष से कम उम्र की है और POCSO अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बलात्कार की शिकार है और इस तरह के हमले या बलात्कार के कारण गर्भवती हो गई है, उसे योजना के तहत कवर किया जाएगा।
  • यह पीड़ित नाबालिग लड़की और उसके नवजात शिशु को एक ही छत के नीचे न्याय और पुनर्वास तक पहुंच प्रदान करने के लिए बीमा कवर भी प्रदान करेगा

उद्देश्य 

  • विशेष योजना का उद्देश्य मातृत्व, नवजात शिशु और शिशु देखभाल, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता सहित एक ही छत के नीचे पीड़ित बालिकाओं को एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान करना है।

यौन अपराधों का वर्तमान परिदृश्य 

  • वर्ष 2021 में, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत 51,863 मामले दर्ज किए। 
  • इनमें से 64% मामले धारा 3 और 5 (Penetrative sexual assault) के तहत दर्ज किए गए थे। इनमें से 99% मामले केवल लड़कियों के खिलाफ हैं। 

महिलाओं की सुरक्षा के लिए विधायी उपाय

  • बलात्कार (धारा 376 IPC)
  • विभिन्न उद्देश्यों के लिए अपहरण (धारा 363-373 IPC)
  • घरेलू हिंसा, दहेज हत्या या उनके प्रयास (IPC की धारा 198-A/302/304-B)
  • यातना (मानसिक और शारीरिक) (IPC की धारा 498-ए)
  • छेड़छाड़ (IPC की धारा 354)
  • यौन उत्पीड़न (IPC की धारा 509) (पूर्व में छेड़छाड़ के रूप में संदर्भित)
  • लड़कियों का आयात (21 वर्ष तक की आयु) (IPC की धारा 366-बी)

सरकार द्वारा चलाई गई योजनाएँ 

'विशाखा गाइडलाइंस

  • सुप्रीम कोर्ट ने साल 1997 में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के खिलाफ कुछ दिशा निर्देश जारी किए। 
  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए इन्ही निर्देशों को ‘'विशाखा गाइडलाइंस'’ के नाम से जाना जाता है। 
  • राजस्थान के जयपुर में भातेरी गांव में रहने वाली भंवरी देवी इस पूरी गाइडलाइंस का केंद्र बिंदु रहीं। 

फास्ट-ट्रैक अदालत का गठन 

  • सरकार ने देश में 415 POCSO फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करके बलात्कार की नाबालिग पीड़ितों के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित की है।

निर्भया फंड

  • वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को दृष्टिगत  रखते हुए वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की गई।
  • इस फण्ड की स्थापना बलात्कार पीड़ितों की सहायता करने और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था। 
  • शुरुआत में इसके तहत 1000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी।
  • पिछले 10 वर्षों में वित्त बजट में आवंटन के माध्यम से यह फंड 6,000 करोड़ रुपए तक पहुँच चुका है।
  • यह एक नॉन-लैप्सेबल फंड के रूप में लॉन्च किया गया है।

फंडिंग पैटर्न 

  • सभी राज्यों के लिए 60:40 
  • कठिन भूभाग वाले राज्यों के लिए 90:10 
  • केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 100%
  • कुछ पहलें 100% वित्त पोषित हैं
  • निर्भया फंड से निम्न प्रमुख योजनाएँ को राशि आवंटित की गई है-
    • केंद्रीय पीड़ित मुआवज़ा निधि (Central Victim Compensation Fund)
    • वन स्टॉप स्कीम 
    • इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम
    • महिला पुलिस वालंटियर 
    • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम 
  • वन-स्टॉप सेंटर योजना 
    • वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) योजना 1 अप्रैल 2015 से पूरे देश में लागू की जा रही है, जो विशेष रूप से प्रभावित महिलाओं को चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, कानूनी परामर्श / अदालती मामले प्रबंधन, मनो-सामाजिक परामर्श और अस्थायी आश्रय जैसी एकीकृत सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
  • आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2018 
    • यौन उत्पीड़न के मामलों में समयबद्ध जांच की निगरानी और ट्रैक करने के लिए पुलिस के लिए ऑनलाइन विश्लेषणात्मक उपकरण जिसे "यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम" कहा जाता है।
  • यौन अपराधियों पर राष्ट्रीय डेटाबेस 
    • यह डेटाबेस कानून प्रवर्तन एजेंसियों को देश भर में यौन अपराधियों की जांच और ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करेगा।
  • महिला सुरक्षा के लिए विभिन्न पहलों के समन्वय के लिए, गृह मंत्रालय ने एक महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की है।
  • गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह जारी की है, जिसमें उन्हें गहन जांच सुनिश्चित करने, बिना किसी देरी के बलात्कार पीड़ितों की चिकित्सा जांच करने और पुलिस में लैंगिक संवेदनशीलता बढ़ाने की सलाह दी गई है।

मिशन वात्सल्य

  • इस योजना को वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया था, यह बच्चों की सुरक्षा और कल्याण पर केंद्रित योजना है। 

पृष्ठभूमि 

  • वर्ष 2009 से पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा हेतु तीन योजनाओं को लागू किया:
    • देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के साथ-साथ बच्चों हेतु किशोर न्याय कार्यक्रम
    • सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए एकीकृत कार्यक्रम
    • बाल गृह सहायता योजना
  • वर्ष 2010 में इन्हें समाहित कर एक नई योजना बनाई गई जिसे एकीकृत बाल संरक्षण योजना के रूप में जाना जाता है।
  • वर्ष 2017 में नामपरिवर्तित कर इसे "बाल संरक्षण सेवा योजना" और फिर वर्ष 2021-22 में मिशन वात्सल्य के रूप में नामित किया गया।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR