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स्वास्थ्य पर केंद्र द्वारा अनिवार्य व्यय का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है

प्रारम्भिक परीक्षा - राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, प्रश्न पत्र - 3

संदर्भ-

हाल ही में, ‘पब्लिक हेल्थ फॉर ऑल जर्नल’ में प्रकाशित एक अध्ययन 'फाइनेंसिंग प्राइमरी हेल्थकेयर फिस्कल फेडरल रिलेशंस इन इंडिया' ने निष्कर्ष निकाला कि ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’ (NHM) द्वारा किए गए उपायों ने पिछले 15 वर्षों में देश में स्वास्थ्य क्षेत्र को सकारात्मक बढ़ावा दिया है।

मुख्य बिंदु-

  • शोधकर्ताओं ने चार राज्यों - तमिलनाडु, केरल, हरियाणा और बिहार में सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों के प्रभाव और केंद्र के योगदान का अध्ययन किया।
  • उन्होंने पाया कि राज्यों ने धीरे-धीरे अपने स्वास्थ्य बजट में आवंटन बढ़ाया है, किंतु राज्य अभी भी अपने कुल बजट का 8% का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएं हैं। इस लक्ष्य की परिकल्पना 2017 की ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति’ में की गई थी।
  • हालाँकि शोधकर्ताओं ने पाया कि राज्यों ने धीरे-धीरे अपने स्वास्थ्य बजट के लिए वित्त बढ़ाया है। 2018-2019 में राज्यों ने स्वास्थ्य पर कुल बजट का अनुमानित 5.2% खर्च किया।

वित्त आवंटन के लिए शर्तें-

  • राज्यों को केंद्र से वित्त तभी मिलता है जब वे केंद्र सरकार की योजनाओं का अनुपालन करते हैं।
  • इससे राज्यों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

परिणाम-

  • NHM के सशर्त आवंटन से स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहायता मिली है। इसके परिणामस्वरूप देश के शिशु मृत्यु दर में लगातार गिरावट देखा जा सकता है।
  • साथ ही, राज्यों में प्रति व्यक्ति सार्वजनिक व्यय में असमानता भी कम हुई है।

सुझाव-

  • शोधकर्ताओं का सुझाव है कि राज्यों को एक स्पष्ट रोड मैप विकसित करने के लिए, केंद्र को स्वास्थ्य प्रणाली लागत का एक राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित करना चाहिए, जिसे व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की अनुमानित लागत के साथ अद्यतन किया जाना चाहिए।
  • NHM के प्रमुख उद्देश्यों में से एक - सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज - को प्राप्त करने के लिए राज्यों को अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली बनाने के लिए ठोस योजनाएँ विकसित करनी चाहिए।
  • उनका मानना है कि आगे बढ़ने का रास्ता (प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक) स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की लागत का यथार्थवादी अनुमान लगाना है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017-

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को 15 मार्च, 2017 को “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय” द्वारा शुरू किया गया था। इस नीति में सरकार का ध्यान ‘बीमार की देखभाल’ से शिफ्ट होकर ‘बीमार के कल्याण’ पर होगा।
  • यह भारत सरकार की तीसरी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति है. भारत की पहली स्वास्थ्य नीति 1983 में बनी थी, जिसका मुख्य लक्ष्य वर्ष 2000 तक सभी को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना थ।
  • दूसरी स्वास्थ्य नीति वर्ष 2002 में बनी थी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के मुख्य लक्ष्य-

1. स्वास्थ्य व्यय को वर्तमान सकल घरेलू उत्पाद के 1.15% से बढ़ाकर 2025 तक 2.5% करने का लक्ष्य ।
2. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा को 67.5 वर्ष से बढ़ाकर वर्ष 2025 तक 70 वर्ष करने का लक्ष्य ।
3. कुल प्रजनन दर (TFR) को 2025 तक राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर 2.1 के स्तर पर लाने का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 2016 में, भारत में प्रति महिला TFR 2.3 थी।
4. वर्ष 2025 तक पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को 23 प्रति हजार जीवित जन्म पर लाना जबकि मातृ मृत्यु दर को वर्तमान के 167 से घटाकर 100 पर लाना। ज्ञातव्य है कि भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (Under Five Mortality Rate) 2015 में 29 प्रति हजार थी ।
5. वर्ष 2025 तक पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन या वृद्धि रोक (stunting) की समस्या को 40% तक कम करना है ।
6. शिशु मृत्यु दर (IMR) को 2019 तक 28 तक घटाना । भारत में वर्ष 2016 में IMR 34 प्रति 1000 जीवित जन्म थी।
7. 2025 तक नवजात मृत्यु दर को 16 और जन्म दर को "एकल अंक" में लाने का लक्ष्य है । वर्ष 2013 में भारत में नवजात मृत्यु दर (NMR) 28 प्रति 1000 जीवित जन्म थी।
8. वर्ष 2025 तक दृष्टिहीनता के प्रसार को घटाकर 0.25/1000 करना तथा रोगियों की संख्या को वर्तमान स्तर से घटाकर 1/3 करना।
9. वर्ष 2018 तक कुष्ठ रोग, वर्ष 2017 तक कालाजार तथा वर्ष 2017 तक लिम्फेटिक फाइलेरियासिस का उन्मूलन करना तथा इस स्थिति को बनाए रखना।
10. वर्ष 2025 तक हृदय रोगों, मधुमेह या पुराने श्वसन रोगों और कैंसर जैसी बीमारियों से होने वाली समयपूर्व मृत्यु दर को 25% तक कम करने का लक्ष्य।
11. क्षयरोग (टीबी) के नए मामलों में 85% तक कमी लाना और इस कमी दर को बनाये रखकर 2025 तक क्षयरोग का उन्मूलन करना।
12.2025 तक मौजूदा स्तर से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग 50% बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित ।
13.वर्ष 2025 तक एक वर्ष की उम्र के 90% बच्चों का पूरी तरह से टीकाकरण करना ।
14.वर्ष 2025 तक 90% बच्चों का जन्म प्रशिक्षित दाईयों/नर्सों के द्वारा या उनकी निगरानी में कराये जाने का लक्ष्य ।
15. तम्बाकू के इस्तेमाल के वर्तमान प्रसार को 2020 तक 15% और 2025 तक 30% तक कम करना।
16. वर्ष 2020 तक व्यावसायिक चोट की घटनाओं में 50% कमी लाना.वर्तमान में यह दर कृषि क्षेत्र में 334/लाख श्रमिक है।
17. वर्ष 2020 तक राज्यों को अपने बजट का 8% स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करना होगा ।
18. वर्ष 2025 तक परिवारों के स्वास्थ्य व्यय में वर्तमान स्तर से 25% की कमी लाना ।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के लक्ष्यों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।
1. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा को 67.5 वर्ष से बढ़ाकर वर्ष 2025 तक 70 वर्ष करने का लक्ष्य ।
2. 2025 तक नवजात मृत्यु दर को 16 और जन्म दर को "एकल अंक" में लाना ।
3. वर्ष 2020 तक राज्यों को अपने बजट का 5% स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करना होगा ।

उपर्युक्त में से कितना/कितनें कथन सत्य है/हैं ?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(द)कोई नहीं

उत्तर- (b)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सशर्त आवंटन से स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहायता मिली है? मूल्यांकन कीजिए।

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