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 चाबहार बंदरगाह  और भारत

प्रारंभिक परीक्षा –  चाबहार बंदरगाह
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2

संदर्भ 

  • ईरान की इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश के दक्षिण में चाबहार बंदरगाह के लिए दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर ईरानी सड़क और शहरी विकास मंत्री के साथ चर्चा की।
  • यह बंदरगाह ईरान और भारत दोनों के लिए रणनीतिक महत्व का है।
  • इस परियोजना को पूर्ण करने के विषय पर भी चर्चा हुई।

Chabahar-Port

चाबहार बंदरगाह

  • चाबहार का मतलब चार झरने होता है।
  • यह ईरान का एकमात्र गहरे पानी का बंदरगाह है।
  • यह ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में मकरान तट एवं ओमान की खाड़ी के मुहाने पर स्थित है।
  • मध्य युगीन यात्री अल-बरूनी ने चाबहार को भारत का प्रवेश द्वार (मध्य एशिया से) कहा था।
  • यह वैश्विक समुद्री व्यापार मार्ग पर स्थित है।
  • चाबहार में दो बंदरगाह शाहिद कलंतरी’ और ‘शाहिद बेहेश्ती’ हैं।
  • शाहिद कलंतरी बंदरगाह का विकास 1980 के दशक में किया गया था।
  • भारत शाहिद बेहिश्ती बंदरगाह विकसित कर रहा है।

Chabahar-Port-India

चाबहार बंदरगाह में भारत की भागीदारी

  • इस बंदरगाह के विकास में भारत की भागीदारी वर्ष 2002 में शुरू हुई।
  • ईरान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रणनीतिक सहयोग के रोडमैप पर हस्ताक्षर किए।
  • भारत और ईरान ने वर्ष 2016 में ईरान के बंदरगाह के शाहिद बेहिश्ती को विकसित और संचालित करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

चाबहार बंदरगाह भारत-ईरान विवाद 

  • भारत-ईरान समझौते के कुछ खंडों पर मतभेद सहित अन्य कई कारकों के कारण दीर्घकालिक समझौते को अंतिम रूप देने में देरी हुई।
  • भारत ने मध्यस्थता कार्य किसी तटस्थ राष्ट्र में किए जाने की मांग रखी, जबकि ईरान की इच्छा थी कि यह कार्य न्यायालय अथवा किसी मित्र राष्ट्र में हो।
  • भारत और ईरान ने मध्यस्थता के मुद्दे पर मतभेदों को कम किया है तथा दोनों पक्ष  दुबई की मध्यस्थता न्यायालयों में मामले के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
  • दोनों पक्षों ने टैरिफ, सीमा शुल्क क्लीयरेंस तथा सुरक्षा व्यवस्था जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की।

चाबहार बंदरगाह पर भारत के कार्य 

  • भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने अप्रैल 2016 में एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद भारतीय शिपिंग मंत्रालय ने बंदरगाह को विकसित करने की दिशा में तीव्र गति से काम किया।
  • दिसंबर 2017 में शाहिद बेहेश्टी बंदरगाह के पहले चरण का उद्घाटन किया गया ।
  • इस बीच जनवरी 2015 में विदेशों में बंदरगाहों के विकास के लिए कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (India Ports Global Limited,IPGL) को शामिल किया गया था।
  • दिसंबर 2018 में IPGL ने शाहिद बेहेश्टी के संचालन का एक हिस्सा अपने हाथ में ले लिया।
  • IPGL के मुताबिक, शाहिद बेहेश्टी बंदरगाह को चार चरणों में विकसित किया जा रहा है।
  •  सभी 4 चरणों के पूरा होने पर बंदरगाह की क्षमता प्रति वर्ष 82 मिलियन टन होगी।
  • दिसंबर 2019 में ईरानी सड़क और शहरी नियोजन मंत्री ने घोषणा की कि पहले चरण में एक आधुनिक क्रूज़ टर्मिनल के निर्माण से शाहिद बेहेश्टी बंदरगाह की क्षमता 5.8 मिलियन टन तक बढ़ गई है।

चाबहार बंदरगाह का महत्त्व:

  • चीन, भारत को स्ट्रिंग्स ऑफ़ पर्ल्स प्रोजेक्ट’ के माध्यम से भारत को चारों तरफ से घेरने की कोशिश कर रहा है।
  • इसी के जबाब में भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए परियोजना शुरू किया।
  • यह एक त्रिपक्षीय समझौता है जिसमे भारत और ईरान के साथ अफगानिस्तान भी शामिल है।
  • भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों  के बीच सामरिक विशेष रूप से महत्त्व है।
  • चाबहार बंदरगाह भारत की ईरान तक पहुँच को सक्षम बनाने में सहायता करेगा, जो कि अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा का प्रमुख प्रवेश द्वार है
  • इसमें भारत, ईरान, रूस, मध्य एशिया तथा यूरोप के बीच समुद्री, रेल एवं सड़क मार्ग शामिल हैं।
  • चाबहार बंदरगाह भारत के लिए भी रणनीतिक है क्योंकि यह पश्चिम एशिया और मध्य एशियाई देशों तक पहुंच प्रदान करता है।
  • भारत क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान करते हुए अफगानिस्तान को सहायता, आधारभूत अवसंरचना के विकास में मदद आदि में सहयोग प्रदान करने के लिये बंदरगाह का उपयोग कर सकता है।
  • चाबहार बंदरगाह को विकसित तथा संचालित करके भारत हिंद महासागर क्षेत्र में अपने रणनीतिक प्रभाव को बढ़ा सकता है, जिससे भारत की भू-राजनीतिक स्थिति सशक्त होगी।
  • यह बंदरगाह प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (International North-South Transport Corridor,INSTC) का भी हिस्सा है।
  • यह एक बहु-मॉडल परिवहन परियोजना है जो हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को ईरान के माध्यम से कैस्पियन सागर एवं रूस के सेंट पीटर्सबर्ग के माध्यम से उत्तरी यूरोप को जोड़ती है।

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प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. चाबहार बंदरगाह ओमान की खाड़ी के मुहाने पर स्थित है।
  2. यह बंदरगाह प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का हिस्सा है।
  3. भारत और ईरान ने वर्ष 2016 में ईरान के बंदरगाह के शाहिद बेहिश्ती को विकसित और संचालित करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल 1

(b) केवल 2 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : चाबहार बन्दरगाह भारत के लिए महत्वपूर्ण है।चर्चा कीजिए।

स्रोत :इंडियन एक्सप्रेस

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