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जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के तहत 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए – जल जीवन मिशन (ग्रामीण)
मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ 

सन्दर्भ 

  • केंद्र सरकार के अनुसार, जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के तहत अब तक देश के 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल की पहुँच सुनिश्चित कर ली गयी है।

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महत्वपूर्ण तथ्य 

  • जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के तहत 5 राज्यों (गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात और पंजाब) तथा 3 केंद्र शासित प्रदेशों (पुडुचेरी, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह) में 100% कवरेज प्राप्त हो चुका है।
  • गोवा, हरियाणा, पंजाब, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव  'हर घर जल प्रमाणित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं। 
    • इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में, ग्रामीणों ने ग्राम सभाओं के माध्यम से पुष्टि की है कि गांव में 'सभी घर और सार्वजनिक संस्थान को पर्याप्त, सुरक्षित और नियमित जल आपूर्ति हो रही है।
  • इस मिशन के अंतर्गत अब तक देश में 9.06 लाख (88.55%) स्कूलों और 9.39 लाख (84%) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से जल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है।

जल जीवन मिशन (ग्रामीण)

  • इसे वर्ष 2019 में आरंभ किया गया। 
  • जल शक्ति मंत्रालय, इस मिशन के लिए नोडल मंत्रालय है
  • इसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल की सुविधा प्रदान करना है

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उद्देश्य

  • प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाला पीने का पानी उपलब्ध कराना।
  • ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक परिवार को नल कनेक्शन प्रदान करने हेतु जलापूर्ति अवसंरचना का विकास करना।
  • जलापूर्ति प्रणाली को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करने हेतु विश्वसनीय पेयजल स्रोतों का विकास सुनिश्चित करना।
  • धूसर जल का प्रबंधन करना। 
    • घरेलू प्रक्रियाओं (जैसे बर्तन धोना, कपड़े धोना और स्नान करना) से उत्पन्न अपशिष्ट जल को धूसर जल कहा जाता है।
  • विभिन्न संस्थाओं, प्रयोगशालाओं, परीक्षण और निगरानी आदि के माध्यम से समुदायों की क्षमता निर्माण करना। 

महत्वपूर्ण विशेषताएं 

  • यह केंद्र प्रायोजित योजना है, जो समुदाय संचालित दृष्टिकोण पर आधारित है।
  • इस मिशन में व्यय का बंटवारा, केंद्र और राज्यों के बीच निम्नलिखित अनुपात में किया जाता है -
    • हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए  90:10
    • अन्य राज्यों के लिए  50:50
    • केंद्र शासित प्रदेशों के लिए  100% केन्द्रीय सहायता 
  • इस मिशन के अंतर्गत घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध करवाने के साथ-साथ स्थानीय जल संस्थानों के प्रबंधन को भी बढ़ावा दिया जायेगा।
  • मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आगनबाड़ी केंद्र ,स्कूल ,ग्राम पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्रों तक भी पानी के कनेक्शन उपलब्ध किये जायेंगे।
  • यह मिशन स्थानीय स्तर पर पानी की एकीकृत मांग और आपूर्ति पक्ष प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  • इस मिशन के अन्तर्गत धूसर जल प्रबंधन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग, जल संरक्षण, बारिश के पानी का संग्रहण आदि पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • जल जीवन मिशन, पानी के प्रति सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है, इसमें मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल है। 
  • जिन क्षेत्रों में जल गुणवत्ता की समस्या है वहां जल जीवन मिशन के तहत प्रदूषण के निवारण हेतु प्रौद्योगिकीय मध्यपरिवर्तन की व्यवस्था भी की जाएगी।
  • ग्रामीण परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए आवश्यक क्षेत्रों में बल्क वाटर ट्रांसफर शोधन सयंत्र और वितरण नेटवर्क को भी स्थापित किया जायेगा।
  • ऑनलाइन निगरानी के लिए जेजेएम-एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएमआईएस) और जेजेएम-डैशबोर्ड स्थापित किया गया है।

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