प्रारंभिक परीक्षा - क्लाउड कंप्यूटिंग मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता। |
सन्दर्भ: अमेज़न की सहायक कंपनी द्वारा भारत में 12.7 अरब डॉलर का निवेश
- अमेजन की सहायक कंपनी अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) ने कहा है कि वह भारत में क्लाउड सेवाओं की तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 तक भारत में 12.7 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है।
- अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) ने 2016-2022 के बीच भारत में 3.7 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
इस तरह के निवेश से लाभ
- भारत तेजी से विस्तार करने वाला क्लाउड बाजार है और इस तरह के बड़े निवेश देश को वैश्विक क्लाउड कंप्यूटिंग हबबनने में सहायक होंगे।
- डेटा सेंटर के बुनियादी ढांचे में निवेश भारत में बड़े पैमाने पर नए स्थाई रोजगार उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होगा।
- भारत में डेटा सेंटर बनने से घरेलू डेटा सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी।
क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है?
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- क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें डेटा और प्रोग्राम को इंटरनेट में स्टोर और एक्सेस किया जाता है।
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “क्लाउड कंप्यूटिंग एक तकनीक है जिसके द्वारा data या information को इन्टरनेट की सहायता से स्टोर, मैनेज और retrieve किया जाता है।”
- क्लाउड कंप्यूटिंग एक प्रकार की डिलीवरी होती है जिसमे इंटरनेट पर होस्ट की गई सेवाएं (service) शामिल है।
- क्लाउड कंप्यूटिंग में कई प्रकार के संसाधन शामिल होते हैं जैसे कि – डेटा स्टोरेज, सर्वर, डेटाबेस, नेटवर्किंग, और एप्लीकेशन।
- जब भी हम कोई डेटा कंप्यूटर में स्टोर करते हैं तो हम उसे हार्ड डिस्क में स्टोर करते हैं परन्तु क्लाउड कंप्यूटिंग के द्वारा हम अपने डेटाको ‘क्लाउड’में स्टोर कर सकते हैं।
- ये क्लाउड “बहुत ही बड़े कंप्यूटरों पर” जिन्हें server कहा जाता उसमें जमा रहते हैं। उदाहरण के लिए – facebook में हम फोटो और files को देखते है, ये सभी फोटो और फाइलक्लाउड पर स्टोर रहती हैं।
- क्लाउड कंप्यूटिंग को विकसित करने के लिए हार्ड डिस्क, डेटाबेस और सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन का उपयोग किया जाता है।
- क्लाउड कंप्यूटिंग किसी बिज़नेस या फर्म के लिए काफी लोकप्रिय तकनीक है क्योकि यह खर्चे को कम करती है, और उत्पादकता को बढ़ाती है , सुरक्षा को बेहतर बनाती है और परफॉरमेंस की बढ़ाती है। यह उन संगठनके लिए एक बेहतर विकल्प है जिन्हे ज्यादा मैमोरी स्पेस की ज़रूरत पड़ती है और समय-समय पर बैकअप लेना पड़ता है।
- इस तकनीक में जो सेवाएं होती है वह निजी और सार्वजानिक दोनों हो सकती हैं।
- क्लाउड कंप्यूटिंग के उदाहरण हैं:- Google cloud, Amazon aws और Microsoft azure आदि।
क्या होता है डेटा सेंटर?
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डेटा सेंटर वह जगह होती है जहां डिजिटल डेटा को स्टोर किया जाता है। इसके साथ ही इसकी प्रोसेसिंग के लिए सर्वर लगाए जाते हैं। डेटा सेंटर में रखा डेटा किसी भी तरह की वायरस या अन्य खतरों से सुरक्षित रहता है। इस इन्फॉर्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है। डेटा सेंटर में बड़ी संख्या में सर्वर लगाए जाते हैं। किसी कंपनी को अगर इस सुरक्षित डेटा की जरूरत होती है तो कानून के तहत उसे मुहैया कराया जाता है। डेटा सेंटर में कोई भी डेटा कम से कम 5 साल के लिए सुरक्षित रखा जाता है। इसमें इंटरनल हाई लेवल सिक्योरिटी पर विशेष नजर रखनी होती है ताकि कोई भी घुसपैठिया साइबर अटैक के जरिए हमारे डेटा को नुकसान न पहुंचा सके।
डेटा सेंटर के प्रकार
- उपक्रम (Enterprise) डेटा केंद्र: आमतौर पर उपक्रमों द्वारा अपने स्वयं के आंतरिक उद्देश्यों के लिए बनाये और उपयोग किए जाते हैं। तकनीक की बड़ी कम्पनियां इसका उपयोग सबसे ज्यादा करती हैं।
- कोलोकेशन डेटा सेंटर: एक प्रकार की किराये की संपत्ति के रूप में कार्य करती हैं, जहां डेटा सेंटर का स्थान और संसाधन किराए पर लेने के इच्छुक लोगों को उपलब्ध कराया जाता है।
- प्रबंधित सेवा डेटा सेंटर: ग्राहकों को सीधे सेवा देने वाले तीसरे पक्ष के रूप में डेटा संग्रहण, कंप्यूटिंग और अन्य सेवाओं जैसे पहलुओं की पेशकश करते हैं।
- क्लाउड डेटा सेंटर:ये ऐसे सेंटर होते हैं जो कभी-कभी तृतीय-पक्ष प्रबंधित सेवा प्रदाता की सहायता से ग्राहकों को उपलब्ध कराये जाते हैं।
स्रोत: the hindu