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कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन

प्रारम्भिक परीक्षा – पश्चिमी विक्षोभ
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3

संदर्भ

भारत के पश्चिमी घाट में जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में तितली की एक नई प्रजाति की खोज की गई है।

Conjoined-Silverline          

प्रमुख बिंदु 

  • तितली की इस नई प्रजाति का नाम सिगारिटिस कंजंक्टा या "कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन" है। 
  • यह लाइकेनिडाई परिवार से संबंधित हैं। 

कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन तितली :-

  • इसे पहली बार वर्ष 2008 में कर्नाटक के कोडागु जिले की हनी वैली में स्थित ब्रह्मगिरी वन्यजीव अभयारण्य के इरुप्पु फॉल्स पर देखा गया था। 
  • वर्ष 2021 में व्यापक शोध के पश्चात् इसका नाम उजागर किया गया। 
  • इसकी खोज बेंगलुरु में नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस-टीआईएफआर) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने, इंडियन फाउंडेशन फॉर बटरफ्लाइज़ ट्रस्ट के शोधकर्ताओं के सहयोग से की। 

भारत में कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन तितली की स्थिति :-

  • भारत में, सिल्वरलाइन तितलियों की 16 प्रजातियाँ हैं, जिनमें से 11 प्रायद्वीपीय भारत और श्रीलंका दोनों में पाई जाती हैं।

निवास स्थान :- 

  • यह तितली मुख्य रूप से घने मध्य-ऊंचाई वाले सदाबहार जंगलों में पाई जाती है।

कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन तितली की विशेषता :-

  • यह दूर से अन्य सिल्वरलाइन तितलियों के समान दिखाई देती है, लेकिन करीब से जांच करने पर अलग पंख पैटर्न का पता चलता है।

silverlinebutterfly

  • ऊपरी पंखों के बैंड बिना अलग हुए एक साथ जुड़े हुए हैं,जिस कारण इस प्रजाति का नाम " कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन या संयुक्त सिल्वरलाइन" रखा गया। 
  • पंखों के नीचे की तरफ बीच में चांदी की रेखाओं और किनारों पर पतली काली सीमाओं वाले बैंड भी हैं, जो इस तितली की प्रमुख विशेषता है।

ब्रह्मगिरि वन्यजीव अभयारण्य:-

Brahmagiri-Wildlife-Sanctuary

  • यह वन्यजीव अभयारण्य कर्नाटक के कोडगु जिले में स्थित है। 
  • यह लगभग 181 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है। 

अभयारण्य में पाए जाने वाले वन्यजीव :-

wildlife-sanctuaries-karnataka

  • इस अभयारण्य में गौर, भालू, हाथी, हिरन, चीते, जंगली बिल्ली, शेर, बंदर और नीलगिरी लंगूर तथा विभिन्न प्रकार के पक्षी एवं तितलियों की कई प्रजातियां पायी जाती हैं। 

कर्नाटक में पाए जाने वाले प्रमुख अभयारण्य:-

  • पुष्पगिरी मंदिर अभयारण्य
  • तालकवेरी मंदिर अभयारण्य
  • रंगनाथिटु पक्षी अभयारण्य
  • नागाहोल राष्ट्रीय उद्यान

पश्चिमी घाट :-

FabulScarp

  • यह ताप्ती के मुहाने से लेकर कन्याकुमारी अंतरीप तक 1600 किमी. की लंबाई में विस्तृत है। इसकी औसत ऊँचाई 1200 मीटर है। 
  • इसका विस्तार 6 राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु में है।
  • यह प्रायद्वीपीय पठार का एक 'भ्रंश कगार' (Fabul Scarp) है,जो अफ्रीका से भारत के अलग होते समय उत्पन्न हुआ था। 
  • पश्चिमी घाट को 'सह्याद्रि' भी कहा जाता है। इसके उत्तरी भाग कोंकण तट तथा दक्षिणी भाग को मालाबार तट के नाम से जाना जाता है।
  • थालघाट, भोरघाट एवं पालघाट पश्चिमी घाट के प्रमुख दरें हैं, जिनकी ऊँचाई क्रमश: 581 मी., 229 मो. तथा 300 मी. है। 
  • 'उत्तरी सह्याद्रि' की सबसे ऊँची चोटी काल्सुबाई है।इसके पश्चात्  
  • 'उत्तरी सह्याद्रि' में महाबलेश्वा एवं हरिश्चंद्रगढ़ भी इसकी प्रमुख चोटियाँ है। 
  • इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • यह विश्व की 8 जैविक विविधता के आठ हॉटस्पॉट में से एक है।

पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली प्रमुख चट्टानें :-

  • ग्रेनाइट गनीस, मेटामॉर्फिक गनीस, बेसाल्ट, चार्नोकाइट्स, खोंडालाइट्स एवं लेप्टाइनाइट आदि पाए जाते हैं।

पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं:

  • नीलगिरि पर्वतमाला पश्चिमी घाट को पूर्वी घाट से जोड़ती है।
  • नीलगिरि के दक्षिण में अन्नामलाई की पहाड़ियाँ हैं, जिसकी सर्वाधिक ऊँची चोटी 'अनाईमुदी' (2695 मी.) है। 
  • अनाईमुदी पश्चिमी घाट एवं दक्षिण भारत का भी सर्वोच्च शिखर है। इसके दक्षिण में पालनी एवं इलायची (कार्डमम) पहाड़ी स्थित है। 

पश्चिमी घाट में प्रवाहित होने वाली नदियाँ:

  • पश्चिमी घटा से निकालने वाली नदियाँ दो दिशाओं पश्चिम एवं पूर्व में प्रवाहित होती हैं। 
  • पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ:- पेरियार, भरतपुझा, नेत्रावती, शरावती, मांडोवी आदि हैं।
  • पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ:- गोदावरी, कृष्णा और कावेरी तथा कुछ छोटी एवं सहायक नदियाँ जैसे- तुंगभद्रा, भीमा, मालाप्रभा, घटप्रभा, हेमवती, काबिनी आदि हैं।

    वनस्पति:

    • पश्चिमी घाट में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, अर्द्ध-सदाबहार वन, पर्णपाती वन, शोला वन आदि पाए जाते हैं। 
    • पश्चिमी घाट में पाए जाने वाले प्रमुख वृक्ष जैसे- शीशम, महोगनी, देवदार, साल, सागौन, चंदन आदि पाए जाते हैं।

    पश्चिमी घाट में पाए जाने वाले वन्यजीव:-

    • पश्चिमी घाट में सिंह-पुच्छी मकाक बंदर, नीलगिरी तहर, मैंगलबार सिवेट, डेनिसन बार्ब फिश, मैलाबार ग्रे हार्नबिल, किंग कोबरा आदि वन्यजीव पाए जाते हैं। 

    प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन तितली के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 

    1. इस तितली का अन्य सिल्वरलाइन तितलियों से एक अलग पंख पैटर्न है। 
    2. इसकी ऊपरी पंखों के बैंड बिना अलग हुए एक साथ जुड़े हुए हैं। 
    3. यह अत्यधिक ऊंचाई वाले शुष्क जंगलों में पाई जाती है।

    उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

    (a) केवल एक

    (b) केवल दो

    (c) सभी तीन

    (d) कोई भी नहीं

    उत्तर - (b)

    मुख्य परीक्षा प्रश्न:- कन्जॉइन्ड सिल्वरलाइन क्या है? इसके प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें।  

    स्रोत: DOWN TO EARTH

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