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देश का पहला साइबर सुरक्षा केंद्र

प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिकी, साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा केंद्र, साइबरबुलिंग, इंटरनेट गवर्नेंस फोरम, बुडापेस्ट कन्वेंशन, I4C, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम,2023, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-3 

संदर्भ:

22 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में देश के पहले साइबर सुरक्षा केंद्र का उद्घाटन किया।

CYBER-SECURITY

प्रमुख बिंदु:

  • साइबर सुरक्षा केंद्र सेक्टर 18 स्थित वायु सेना हेरीटेज सेंटर कैंपस में बना है। 
  • इस केंद्र को सेनकोप्स (CenCOPS) के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस साइबर सुरक्षा केंद्र को देश के सभी राज्यों से जोड़ा जाएगा।
  • यहाँ सभी राज्यों से जुड़े बड़े और फारेंसिक जांच के मामलों को सुलझाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है।
  • इसे स्थापित करने में 90 करोड़ की लागत आई है।
  • संचालन के पहले तीन वर्षों के दौरान, DRDO इसका प्रबंधन करेगा।
  • साइबर सुरक्षा केंद्र में सुविधाएं-
    • चेहरे की पहचान डेटा विश्लेषण
    • पूर्वानुमानित पुलिसिंग
    • साक्ष्य एकत्रीकरण
    • उन्नत फोरेंसिक जांच; आदि

Cyber​-crimes

साइबर अपराध:
यह ऐसी अपराधिक गतिविधि है, जिसमें कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस के जरिए प्राइवेसी उल्लंघन से लेकर ठगी तक की जाती है। प्रमुख अपराध- 

  • डेटा हैकिंग, फिशिंग मेल, ओटीपी फ्रॉड और मोबाइल फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन आदि।

साइबर सुरक्षा:

यह मोबाइल, कंप्यूटर, नेटवर्क, प्रोग्राम और डेटा आदि को अनधिकृत पहुंच या शोषण के उद्देश्य से होने वाले हमलों से बचाने की तकनीक है।

साइबर इंश्योरेंस:

यह एक ऐसी पॉलिसी है, जो किसी बिजनेस या इंडिविजुअल के लिए साइबर क्राइम से जुड़े फाइनेंशियल नुकसान को कम करती है।

data-hacking

साइबर सुरक्षा केंद्र (CenCOPS) के कार्य क्षेत्र: 

1. साइबर अपराध की पहचान:

  • ऑनलाइन धोखाधड़ी के पैटर्न और नए रुझानों की पहचान। 
  • एकत्रित जानकारी को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा निवारक कार्रवाई के लिए साझा करना।

2. हार्डवेयर विश्लेषण करना:

साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों; जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, कैमरा और ड्रोन आदि का विश्लेषण करना।

3. डेटा सुरक्षा के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण:
डेटा की सुरक्षा के लिए केंद्र के विभागों, संस्थानों और सरकारी संगठनों के साथ काम करना।

4. सोशल मीडिया निगरानी:
साइबरबुलिंग से निपटने के लिए सक्रिय रूप से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की निगरानी करना। 

5. पूर्वानुमानित पुलिस पहल में सहायता के लिए कई स्रोतों से प्राप्त डेटा का मूल्यांकन करना।

cyberbullying

साइबरबुलिंग:

यह इंटरनेट के माध्यम से होने वाला शोषण है। इसमें किसी को धमकी देना, उसके खिलाफ अफवाह फैलाना, भद्दे कमेंट व घृणास्पद बयानबाजी करना, अश्लील भाषा, फोटो का गलत इस्तेमाल आदि काम किए जाते हैं। यानी साइबर बुलिंग एक तरह से ऑनलाइन रैगिंग है।

साइबर सुरक्षा के प्रयास:

वैश्विक प्रयास:

1. इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (IGF):

  • इंटरनेट गवर्नेंस पर सभी हितधारकों यानी सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को एक साथ लाता है। 
  • यह वैश्विक साइबर खतरों के प्रतिरोध में एक महत्वपूर्ण एजेंसी है।
  • वार्षिक IGF संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा बुलाई जाती है।
  • 2023 में जापान में आयोजन के बाद आगामी  आईजीएफ, 2024 सऊदी अरब में आयोजित किया जाएगा।

2. साइबर अपराध पर बुडापेस्ट कन्वेंशन:

  • साइबर अपराध पर अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
  • यह राष्ट्रीय कानूनों को सुव्यवस्थित कर जाँच-पड़ताल की तकनीकों में सुधार करने से संबंधित है।
  • इसमें इंटरनेट और कंप्यूटर अपराधों पर रोक लगाने की मांग की गई है
  • यह 1 जुलाई, 2004 को लागू हुआ। 
  • भारत इस सम्मेलन का हस्ताक्षरकर्त्ता नहीं है। 

भारतीय प्रयास:

1.साइबर सुरक्षित भारत पहल:

  • इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा 2018 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) के सहयोग से लॉन्च किया गया था।
  • इसकी शुरुआत साइबर अपराध के बारे में जागरूक करने के लिए की गई।

I4C

2. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C):

10 जनवरी 2020 से शुरू हुई देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है।

CYBER-SWACHHTA-KENDRA

3. साइबर स्वच्छता केन्द्र:

  • यह इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का एक हिस्सा है।
  • इसकी स्थापना आम नागरिकों को साइबर अपराध से सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई है।

  • इसके लिए मंत्रालय ने बॉटनेट क्लीनिंग एंड मालवेयर एनालिसिस सेंटर की स्थापना की है।

4. डिफेंस साइबर एजेंसी:  

सैन्य साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, रक्षा मंत्रालय ने डिफेन्स साइबर एजेंसी का गठन किया है।

5. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000:

    यह निम्नलिखित मुद्दों को संबोधित करता है:-

  • इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को कानूनी मान्यता
  • अपराध और उल्लंघन
  • साइबर अपराधों के लिए न्याय व्यवस्था; आदि

DATA-PROTECTION

6. डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम,2023 

  • इसके तहत भारत में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए एक व्यापक ढांचा बनाना
  • इसके तहत, व्यक्तिगत डेटा को वैध तरीके से संसाधित करने के लिए प्रक्रियाएं तय की गई हैं। 

प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. बुडापेस्ट कन्वेंशन साइबर अपराध पर एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।
  2. इंटरनेट गवर्नेंस फोरम, 2024 जापान में प्रस्तावित है।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न 1 और ना ही 2   

उत्तर- (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: विभिन्न साइबर अपराधों का उल्लेख करते हुए साइबर सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा कीजिए।

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