New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

कोविड-19 महामारी और शिक्षा संबंधी चुनौतियाँ

(प्रारंभिक परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1: राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाओं से संबंधित विषय)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: मानव संसाधन, शिक्षा, कौशल विकास संबंधी मुद्दे)

संदर्भ

  • कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षण संस्थानों को बंद कर छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है।
  • शिक्षक, प्रशासक और नीति निर्माताओं द्वारा इस महामारी के दौरान पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन इसके परिणाम उत्साहजनक नहीं आ रहे हैं।

किये जा रहे प्रयास

  • वर्तमान में छात्र-छात्राओं को डिजिटलमाध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है।
  • महामारी के दौरान परीक्षाओं को भी ऑनलाइन माध्यम से ही संपन्न कराया जा रहा है।

चुनौतियाँ

  • डिजिटल माध्यम से प्रदान की जा रही शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों तथा छात्रों के मध्य सामंजस्य कम होता जा रहा है।
  • ऑनलाइन माध्यम से कराईं जाने वाली परीक्षाओंकी विश्वसनीयता कम होती जा रही हैं। साथ ही, शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
  • निरंतर छोटी स्क्रीन पर देखने के कारण छात्रों में स्वास्थ्य संबंधी विकार उत्पन्न हो रहें हैं।
  • भारत में केवल 50% लोगों तक इंटरनेट की पहुँच सुनिश्चित है। अतःग्रामीण स्तर पर ऑनलाइन शिक्षा केवल एक कल्पनामात्र है।
  • ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा उपलब्ध कराने में अधिक संख्या में शिक्षकों की आवश्यकता नहीं होती है। अतः बेरोजगारी की समस्या में भी वृद्धि दर्ज हुई है।

सुझाव

  • शिक्षा क्षेत्र में विस्तार करने के लिए सरकार की प्रसार भारती एजेंसी की मदद ली जा सकती है। जो भारत में रेडियो तथा टेलीविजन दोनों एजेंसियों को संभालता है।
  • वर्तमान में ऑल इंडिया रेडियो के 470 प्रसारण केंद्र मौजूद हैं, जो भारत के 92% भौगोलिक क्षेत्र तथा भारतीय आबादी के 99.19% भाग को कवर करता है।
  • वहीं दूरदर्शन भारत तथा दुनिया भर में टेलीविजन, ऑनलाइन और मोबाइल प्रसारण का काम करता है।दूरदर्शन, अपने 34 सेटेलाइट चैनल, राज्य की राजधानियों में 17 सुसज्जित स्टूडियो तथा अन्य शहरों में 49 स्टूडियो केंद्रों के साथ काम कर रहा है।
  • प्रसार भारती अधिनियम के तहत इन दोनों एजेंसियों के कार्यों के अंतर्गत शिक्षा को भी शामिल किया गया है।
  • शिक्षा क्षेत्र की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इन दोनों एजेंसियों को पुनः विकसित किया जाना चाहिए।
  • शुरुआत में 10वीं से 12वीं कक्षा के लिए शैक्षिक प्रसारण प्रारंभ करना चाहिए तथा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर 4:1 (रेडियो पर 4 घण्टे और दूरदर्शन पर 1 घण्टे) के अनुपात में प्रसारण करना चाहिए।
  • जिन पाठ्यक्रमों में प्रदर्शन की आवश्यकता है या जहाँ शारीरिक गतिविधियों को देखने की आवश्यकता है, उसे दूरदर्शन पर प्रसारित करना चाहिए।
  • शिक्षकों को रेडियो तथा दूरदर्शन पर पढ़ाने के लिए 1 महीने का प्रशिक्षण तथा साथ ही मूल्यांकन के लिए उपयुक्त उपकरण बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
  • यदि नियमित रूप से रेडियो का प्रयोग नहीं किया जा सकता, तो डिजिटल रेडियो स्पांगिंगएफ.एम. का भी प्रयोग किया जा सकता है। जो ग़ैर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों तथा विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से चलाये जाते हैं।
  • सरकार विभिन्न इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से शिक्षकों तथा छात्रों के लिए कुछ घंटे मुफ्त इंटरनेट प्रदान करने की बात पर भी विचार कर सकते हैं। हालाँकि इस प्रकार का कदम आसान नहीं होगा।

निष्कर्ष

  • इन प्रयासों के माध्यम से शिक्षकों तथा छात्रों की छोटी स्क्रीन संबंधी समस्या का समाधान किया जा सकता है, साथ ही यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी कम करेगा।
  • इन दोनों एजेंसियों (रेडियो तथा दूरदर्शन) तक लोगों की पहुँच मुफ्त है। जिसके माध्यम से लोगों पर बढ़ते अनियमित वित्तीय दबाव को भी कम किया जा सकेगा।

 

अन्य स्मरणीय तथ्य

  • शिक्षा का अधिकार अनुच्छेद 21(A) के तहत मौलिक अधिकार के रूप में वर्णित है।
  • इसके अंतर्गत राज्य द्वारा 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रावधान है।
  • विदित है कि, शिक्षा को अनुच्छेद 21(A), अनुच्छेद 45 तथा 11वें मौलिक कर्तव्य के रूप में 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 के माध्यम से जोड़ा गया है।
  • उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 1993 के मोहिनी जैन बनाम आंध्र-प्रदेश राज्य मामले में प्राथमिक शिक्षा को अनुच्छेद 21 के तहत  मूल अधिकार का दर्जा प्रदान किया गया।
  • संसद द्वारा अनुच्छेद 21(A) का अनुसरण करते हुए बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम वर्ष 2009 में अधिनियमित किया गया था।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR