New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

कपाल और मानव प्रजाति

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)

संदर्भ

हाल ही में, वैज्ञानिकों ने घोषणा की कि पूर्वोत्तर चीन के हार्बिन में मिला एक कपाल वर्तमान मनुष्य के अधिक करीब है।

हार्बिन कपाल

  • इस ‘हार्बिन’कपाल (The Harbin Cranium) को 1930 के दशक में हेलोंगजियांग प्रांत में हार्बिन नाम के शहर में खोजा गया था, किंतु कथित तौर पर इसे जापानी सेना से बचाने के लिये 85 वर्षों तक छिपा दिया गया था। वर्ष 2018 में इसे पुनः खोजा गया।
  • खोजा गया यह कपाल एक नए मानव प्रजाति का प्रतिनिधित्व करता है। वैज्ञानिकों ने इस नए प्रजाति को ‘होमो लोंगी’या ‘ड्रैगन मैन’ नाम दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वंश मनुष्य का सबसे निकटतम हो सकता है और ‘निएंडरथल’ की जगह ले सकता है।

विश्लेषण के निष्कर्ष

  • विश्लेषणों के अनुसार, निएंडरथल की तुलना में हार्बिन समूह होमो ​​सेपियन्स से अधिक निकटता से जुड़ा हुआ है अर्थात हार्बिन आधुनिक मानव (होमो ​​सेपियन्स) के ज्यादा करीबी वंशज है ना कि निएंडरथल के। यदि इन्हें विशिष्ट प्रजाति के रूप में मान्यता मिलती है, तो यह हमसे सबसे निकट से संबंधित प्रजाति होगी।
  • इसका मस्तिष्क आकार में आधुनिक मनुष्यों के सामान हीहै, किंतु इसकी खोपड़ी व आंखों का गड्ढा ज्यादा बढ़ा, भौहें आकार में चौड़ी एवं उभरी हुई और मुंह व दांत बड़े रहे होंगे।
  • यह खोपड़ी मानव के पुरातन और आधुनिक प्रकारों का मिश्रण हैऔर यही विशेषता इसे अब तक मिली दूसरी इंसानी प्रजातियों से अलग करती है। इस प्रजाति का नाम लॉन्ग जियांग से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ ड्रैगन नदीहै।

निवास स्थान

  • विश्लेषकों का मानना ​​​​है कि यह कपाल लगभग 50 वर्षीय किसी पुरुष का था, जो एक जंगली बाढ़ के मैदान में रहता था। उस समय की जनसंख्या शिकारी-संग्रहकर्ता वाली रही होगी।
  • इससे संबंधित निष्कर्ष जर्नल‘द इनोवेशन’ में प्रकाशित हुए थे। यह कपाल कम से कम 146,000 वर्ष पुराना है और इसे मध्य प्लेइस्टोसिन युग का माना जा रहा है।
  • वर्तमान में हार्बिन में सर्दियों के तापमान से ऐसा लगता है कि वे निएंडरथल की तुलना में और कठोर ठंड का सामना करते थे। माना जा रहा है कि होमो लोंगी कठोर वातावरण के लिये अच्छी तरह से अनुकूलित थे और पूरे एशिया में फैले थे।

वंश-क्रम

  • शोधकर्ताओं ने पहले 600 से अधिक लक्षणों के आधार पर कपाल के बाहरी आकारिकी (आकृति) का अध्ययन किया और फिर अन्य जीवाश्मों से संबंधित वंश-वृक्ष बनाने के लिये कंप्यूटर मॉडल का उपयोग करके लाखों सिमुलेशन चलाए।
  • शोधकर्ताओं का सुझाव है कि जब होमोसेपियन्स पूर्व एशिया में पहुंचे होंगे, तब उस समय होमो लोंगी वहां मौजूद थे और उनमें आपस में मिश्रण हो सकता है तथा मनुष्यों की तीसरी वंशावली बन सकती है। हालाँकि, ये अभी भी स्पष्ट नहीं है।

महत्त्व

  • पुरातात्विक सामग्री की कमी के कारण उनकी संस्कृति और प्रौद्योगिकी स्तर के बारे में कई प्रश्नों के उत्तर नहीं मिले हैंफिर भी यह खोज मानव विकास की वर्तमान समझ को नया रूप दे सकती है।
  • यह पूर्वी एशिया में अपने विकासवादी इतिहास के साथ एक तीसरा मानव वंश स्थापित कर सकता है। साथ ही,यह दर्शाता है कि यह क्षेत्र मानव विकास के लिये कितना महत्त्वपूर्ण था।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR