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साइबर सुरक्षा : वर्तमान प्रयास तथा चुनौतियाँ

(प्रारंभिक परीक्षा : भारतीय राज्यतंत्र और शासन – लोकनीति, अधिकार सम्बंधी मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र –2 व3 : शासन व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका, संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती)

पृष्ठभूमि

  • बंदूक, नकाबपोश और विस्फोटों के साथ डकैती या घुसपैठ करना अब अतीत की बात हो चुकी है। वर्तमान में लूट, घुसपैठ और अपराध की प्रकृति में व्यापक परिवर्तन आ चुका है।
  • छद्म पहचान तथा आधुनिक प्रौद्यौगिकी पर आधारित कंप्यूटर सॉफ्टवेयरों का प्रयोग करके साइबर अपराधी व्यक्तिगत और सार्वजानिक सुरक्षा संरचना को तोड़कर करोड़ों डॉलर की चोरी करते हैं या महत्त्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारी को हासिल कर लक्षित व्यक्ति अथवा संस्था को ब्लैकमेल करते हैं। NCRB के अनुसार वर्ष 2019 में साइबर अपराध के मामलों में 63% की वृद्धि हुई है।

साइबर सुरक्षा की आवश्यकता

  • दुनिया में सबसे अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता भारत में हैं तथा साइबर हमलों का सबसे अधिक सामना करने वाला देश भी भारत ही है। वर्तमान में साइबर सुरक्षा के मुद्दे हैकिंग तथा वित्तीय धोखाधड़ी तक ही सीमित नहीं हैंबल्कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण हो गए हैं।
  • विमुद्रीकरण और कोविड-19 जैसी घटनाओं ने दैनिक जीवन में डिजिटलीकरण को अपनाने हेतु प्रेरित किया है। अब अधिकांश गतिविधियाँ इंटरनेट और सार्वजानिक नेटवर्क पर संचालित की जा रही हैं तथा घर से कार्य (वर्क फ्रॉम होम) के चलन की शुरुआत भी व्यापक पैमाने पर शुरू हुई है।इसलिये भारत की साइबर स्पेस पर निर्भरता कई गुना बढ़ गई है।

सरकार के वर्तमान प्रयास

  • नेशनल साइबर सिक्योरिटी रेगुलेटर (NCSC) तथा इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने साइबर सुरक्षा के मुद्दों को सम्भालने में बेहतर प्रयास किये हैं।
  • केंद्र सरकार द्वारा cybercrime.gov.in पोर्टल शुरू किया गया है। इसपर कोई भी व्यक्ति अपने नाम से या नाम छिपाकर शिकायत दर्ज कर सकता है।
  • सरकार द्वारा Cyberdost के नाम से ट्विटर हैंडल शुरू किया गया है, जिसपर साइबर अपराधों को रोकने हेतु सुझावों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है।
  • वर्तमान में अधिकांश वित्तीय क्षेत्र की विनियामक संस्थाओं आर.बी.आई, सेबी, ट्राई, इरडा आदि का अलग-अलग साइबर ढांचा है, जिनमें अंतर-नियामक और एकीकृत दृष्टिकोणका अभाव है।

भारत में साइबर क्षेत्र की चुनौतियाँ

  • डिजिटल संरक्षण एवं गोपनीयता सम्बंधी सुरक्षा हेतु मज़बूत कानूनों का अभाव है।
  • वर्तमान में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई एजेंसियाँतो मौजूद हैं। लेकिन बड़े साइबर सुरक्षा मुद्दों से निपटने हेतु समन्वित केंद्रीयकृत व्यवस्था का अभाव है।
  • सूचना प्रौद्यौगिकी अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने की आवश्यकता है क्योंकि उभरते साइबर खतरों से निपटने में इसके कुछ वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए प्रावधान निरर्थक हो गए हैं।
  • महिलाओं के प्रति बढ़तेसाइबर अपराध भी चिंताजनक हैं,जिसमें साइबर अपराधी महिलाओं की व्यक्तिगत तथा संवेदनशील जानकारी को प्राप्त कर शारीरिक या आर्थिक शोषण के लिये ब्लैकमेल करते है, जिससे हत्या, आत्महत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की प्रवृति में वृद्धि होती है।
  • भारत में साइबर अपराधों को लेकर जागरूकता का अभाव है। इंटरनेट या प्रौद्यौगिकी की पहुँच के अभाव के चलते सरकार के जागरूकता सम्बंधी प्रयास आम नागरिकों तक नहीं पहुँच पाते हैं।
  • भारत में कुशल साइबर सुरक्षा कर्मचारियों की भारी कमी है।

साइबर सुरक्षा हेतु सुझाव

  • साइबर हमलों पर तीव्र प्रतिक्रिया देने हेतु राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर CERT का निर्माण अधिक प्रभावी रूप से कार्य करेगा।
  • सीमापार साइबर आतंकवाद (Cross Border Terrorism) से निपटने हेतु साइबर सुरक्षा कार्यक्रम के एक भाग के रूप में साइबर कमांडो बल का गठन करने के साथ ही सभी राज्यों के पुलिस विभागों में विशेष साइबर पुलिस कैडर का निर्माण किया जाना चाहिये।
  • साइबर सुरक्षा में सुधार के लिये कृत्रिम बुद्धिमता तथा रोबोटिक्स का लाभ उठाने हेतु नवाचारी व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की आवश्यकता है।
  • साइबर अपराध को रोकने में कृत्रिम बुद्धिमता(Artificial Intelligence)महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • साइबर सुरक्षा क्षेत्र के लिये पर्याप्त मानव संसाधन की आपूर्ति हेतु प्रशिक्षण और कौशल कार्यक्रम शुरू किये जाने की आवश्यकता है।
  • भारत में साइबर सुरक्षा क्षेत्र हेतु प्रथक रूप से बजट आवंटित करके अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जा सकता है, जिससे नवीनतम साइबर हमलों या अपराधों से निपटने में सहायता प्राप्त होगी।

निष्कर्ष

व्यक्तियों या संस्थाओं को अपनी डाटा सुरक्षा हेतु केवल सरकार पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिये बल्कि खुद भी जागरूक रहना चाहिये। अपने मीडिया उपकरणों की सुरक्षा सेटिंग को अपडेट रखने के साथ ही अच्छे एंटीवायरस का उपयोग और जाली संदेशो, लिंक, फ़ोनकॉल से सतर्क रहना चाहिये।

प्री फैक्ट्स :

  • सरकार की साइबर सुरक्षा इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) द्वारा वर्ष 2017 में साइबर स्वच्छता केंद्र लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य साइबर क्षेत्र हेतु सुरक्षा समाधान (Security solutions) उपलब्ध कराना है।
  • CERT-In की शुरुआत भारत में वर्ष 2004 में हुई थी। यह कंप्यूटर सुरक्षा सम्बंधी घटनाओं पर प्रतिक्रिया हेतु राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी है।
  • Cybercrime.gov.in साइबर अपराध की शिकायतों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग हेतु भारत सरकार की एक पहल है। यह पोर्टल केवल साइबर अपराधों की शिकायत विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराधों के लिये है। इस पोर्टल पर त्वरित कार्यवाही हेतु शिकायत दर्ज करते समय सही और सटीक विवरण देना अनिवार्य है।

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