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डीप-टेक

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, डीप-टेक, राष्ट्रीय डीप टेक स्टार्टअप नीति, डीप टेक स्टार्टअप
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3, नई प्रौद्योगिकी का विकास

संदर्भ-

1 फरवरी, 2024 को प्रस्तुत अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुसंधान और विकास के लिए 50 वर्षों के लिए कम लागत या शून्य-ब्याज पर ऋण प्रदान करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की।

deep-tech

मुख्य बिंदु-

  • वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में डीप-टेक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की। 
  • एक अन्य घोषणा वर्ष, 2024 के अंत में केवल रक्षा ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में डीप-टेक स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए नीति लागू करने के बारे में है।

डीप टेक –

tech

  • डीप टेक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक या इंजीनियरिंग नवाचार पर आधारित उन्नत प्रौद्योगिकी है।
  • इसे एडवांस टेक्नोलॉजी भी कहा जाता है। 
  • इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
  • डीप टेक में एक्सक्लूसिव इनोवेशन को शामिल किया जाता है। 
  • ब्लॉकचेन, वर्चुअल रियलिटी, आग्युमेंट रियलिटी, कंप्यूटर इमेजिंग आदि को डीप टेक में शामिल किया जा सकता है।

राष्ट्रीय डीप टेक स्टार्टअप नीति (NDTSP)- 

  • अगस्त, 2023 में NDTSP कंसोर्टियम ने सार्वजनिक परामर्श के लिए NDTSP को सामने रखा था।
  • इस नीति में निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं- 
    • अनुसंधान, विकास और नवाचार का पोषण
    • बौद्धिक संपदा व्यवस्था को मजबूत बनाना
    • वित्त पहुंच को सुविधाजनक बनाना
    • बुनियादी संरचना और संसाधन साझा करने का समर्थन करना
    • नियम, मानक और प्रमाणपत्र बनाना
    • मानव संसाधन आकर्षित करना और क्षमता निर्माण प्रारंभ करना
    • प्रोक्योरमेंट और प्रोमोटिंग को बढ़ावा देना
    • नीति और कार्यक्रमों का इंटरलिंकेज सुनिश्चित करना
  • ‘राष्ट्रीय डीप टेक स्टार्टअप नीति’ (NDTSP) को अभी तक सरकार की मंजूरी नहीं मिली है।
  • यह नीति डीप टेक स्टार्टअप की चुनौतियों का समाधान करने, उन्हें विश्व की डीप टेक कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने तथा सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
  • इसका उद्देश्य नवाचार और अनुसंधान में निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देकर डीप टेक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। 
  • नेशनल कन्सोर्टियम को प्रधानमंत्री के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इनोवेशन सलाहकार परिषद (PM-STIAC) की सिफारिशों पर स्थापित किया गया है।
  • यह भारत के डीप  टेक स्टार्टअप्स पारिस्थितिकी के लिए नीतिगत ढांचा तैयार करने के लिए एक उच्च-स्तरीय संगठन है।
  • भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के नेतृत्व में यह कन्सोर्टियम सरकारी विभागों, उद्योग संघों, शोध संस्थानों और इनोवेशन केंद्रों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को मिलाकर गठित किया गया है।

डीप टेक स्टार्टअप-

  • NDTSP का उद्देश्य डीप टेक के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
  • नीतियों का निर्माण कर डीप टेक स्टार्टअप के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है। 
  • डीप टेक के अधिकतर स्टार्टअप मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करते हैं।
  • डीप टेक स्टार्टअप निम्नलिखित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, 
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता 
    • जीवन विज्ञान
    • कृषि
    • एयरोस्पेस
    • रसायन विज्ञान
    • उद्योग 
    • स्वच्छ ऊर्जा 
  • लाइलाज बीमारी में मरीज की देखभाल 
  • एआई ड्रोन, एआई रोबोटो डीप टेक के ही उदाहरण हैं।

डीप टेक के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण-

startup-ecosystem

  • भारत सरकार ने डीप टेक क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए निम्नलिखित कार्य किए हैं-
    • ट्रांसफार्मेटिंग मोबिलिटी पर राष्ट्रीय मिशन
    • बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन
    • राष्ट्रीय क्वांटम मिशन 
  • इसके लिए इस क्षेत्र में काम करने वाले 10,000 से अधिक स्टार्टअप की पहचान की गई।
  • NDTSP इस क्षेत्र में कुछ कार्यों को आवश्यक मानता है; जैसे- 
    • दीर्घकालिक वित्त पोषण के अवसर पैदा करना
    • एक सरलीकृत लेकिन मजबूत बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था
    • कर प्रलोभन
    • एक अनुकूल नियामक ढांचा
    • मानकों और प्रमाणपत्रों का निर्माण
    • उद्योग, अनुसंधान केंद्रों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच संबंध

फंडिंग की आवश्यकता-

  • NDTSP ने अनुसंधान और विकास (R&D) परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक वित्त प्रदान करने की सिफारिश की है। 
  • अधिकांश डीप टेक परियोजनाएं अपेक्षाकृत उच्च वित्त आवश्यकताओं के साथ-साथ समय-गहन हैं।
  • R&D पर भारत का व्यय वैश्विक औसत से कम है।
  • वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों की तुलना में तो भारत का व्यय R&D पर काफी कम है, जिनके साथ उसे प्रतिस्पर्धा करना है।
  • दो दशकों से भारत सरकार का उद्देश्य R&D के लिए GDP का कम से कम 2% आवंटित करना रहा है। 
  • पूर्ण व्यय में तो वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में GDP के हिस्से के रूप में R&D पर व्यय में कमी आई है। 
  • भारत वर्तमान में R&D पर अपने GDP का लगभग 0.65% खर्च करता है, जबकि वैश्विक औसत लगभग 1.8% है।
  • सरकार के हालिया निर्णयों से स्पष्ट होता है कि निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी के बिना R&D व्यय में पर्याप्त वृद्धि नहीं हो सकती है। 
  • हाल ही में स्थापित नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ (NRF) को अगले पांच वर्षों में 50,000 रुपये के आवंटन का लगभग 70% निजी उद्योग से आकर्षित करना है।
  • अनुसंधान में निजी क्षेत्र के धन के निवेश की उम्मीदें पहले ही विफल हो चुकी हैं। 
  • सरकार द्वारा वित्त पोषण में आनुपातिक वृद्धि के बिना निजी क्षेत्र से बहुत अधिक उम्मीद नहीं की जा सकती है।
  • इसी बिंदु पर आकर R&D के वित्तपोषण के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड महत्वपूर्ण हो जाता है। 
  • इससे निजी क्षेत्र इस क्षेत्र में R&D को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित होगा।

डीप टेक का महत्व

  • इसमें महत्वपूर्ण परिवर्तन को गति देने और समाधान प्रदान करने की क्षमता है।
  • इसका उपयोग नैनोटेक्नोलॉजी, जैव प्रौद्योगिकी, सामग्री विज्ञान, क्वांटम प्रौद्योगिकियों, अर्धचालक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान, रोबोटिक्स, 3 डी प्रिंटिंग आदि में अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए किया जाता है। 
  • इससे विश्व की जटिल समस्याओं के समाधान की संभावना है; जैसे-
    • जलवायु परिवर्तन
    • भूख
    • महामारी
    • ऊर्जा पहुंच
    • मोबिलिटी
    • भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचा 
    • साइबर सुरक्षा
  • डीप टेक से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं,
    • उत्पादकता बढ़ाने में 
    • आर्थिक विकास को बढ़ावा देनें में 
    • नौकरियां उत्पन्न करने में 
    • डीप टेक में मजबूत नींव वाले देशों को प्रतिस्पर्धी लाभ मिलने की भी संभावना है।
  • उन प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान करने की संभावना है; जो बौद्धिक संपदा में भागीदारी, देशज  जानकारी और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर सकती है। 
  • स्पिन-ऑफ प्रौद्योगिकियों, प्रशिक्षित मैनपॉवर, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी निर्यात में भी लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
  • विज्ञान और इंजीनियरिंग में उच्च गुणवत्ता वाले मैनपॉवर और अच्छी प्रौद्योगिकी संस्कृति के कारण भारत इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

     प्रश्न- भारत सरकार ने डीप टेक क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा/से कार्य किए हैं-

  1. ट्रांसफार्मेटिंग मोबिलिटी पर राष्ट्रीय मिशन
  2. बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन
  3. राष्ट्रीय क्वांटम मिशन 

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 3

1, 2 और 3

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- डीप टेक को परिभाषित करते हुए उसका महत्व स्पष्ट कीजिए।  

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