New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

छत्तीसगढ़ के आरक्षण बिलों को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग  

प्रारंभिक परीक्षा – नौवीं अनुसूची
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना

सन्दर्भ 

  • हाल ही में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से मांग की गयी कि छत्तीसगढ़ में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की अनुमति देने वाले दो संशोधन विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाये। 

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए इन संशोधन को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछड़े वर्ग के लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके।

नौवीं अनुसूची

  • जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार कानूनों को न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए नौवीं अनुसूची को वर्ष 1951 के प्रथम संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में शामिल किया गया था। 
  • संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल विभिन्न कानूनों को संविधान के अनुच्छेद 31-बी के तहत संरक्षण प्राप्त होता है। 
    • अनुच्छेद 31-बी प्रकृति में पूर्वव्यापी है, इसके अनुसार जब किसी कानून को अदालत द्वारा असंवैधानिक घोषित किये जाने के बाद नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाता है, तो उस कानून को नौवीं अनुसूची में उसके प्रारंभ से माना जाता है और वो कानून मान्य रहता है। 
  • आई. आर. कोएल्हो वाद 2007 में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया, कि 24 अप्रैल 1973 के बाद नौवीं अनुसूची में शामिल किए गए कानूनों की मूल अधिकार या संविधान के मूलभूत ढांचे के उल्लंघन के आधार पर न्यायापालिका द्वारा न्यायिक समीक्षा की जा सकती है।
    • 24 अप्रैल 1973 को ही सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती मामले में दिए गए निर्णय के माध्यम से संविधान के मूलभूत ढांचे के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR