प्रारम्भिक परीक्षा - पैन-जीनोम मानचित्र का विकास मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 –नई प्रौद्योगिकी का विकास। |
पैन-जीनोम मानचित्र का विकास
10 मई के नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार 47 स्वयंसेवक (19 पुरुषों और 28 महिलाओं) के जीनोम का उपयोग करके बनाये गए एक पैन-जीनोम मानचित्र का विकास किया गया है, जो मुख्यतः अफ्रीका से है, लेकिन इसमें कैरिबियन, अमेरिका, पूर्वी एशिया और यूरोप से भी स्वयंसेवक शामिल हैं।
जीनोम क्या है?
- जीनोम किसी जीव में मौजूद समग्र आनुवंशिक सामग्री को संदर्भित करता है और मानव के 23 जोड़े गुणसूत्रों में निहित जीनों के बीच का क्षेत्र है।
- प्रत्येक गुणसूत्र डीएनए स्ट्रिंग का एक सन्निहित जुड़ाव है। दूसरे शब्दों में कहें तो हमारे जीनोम में 23 अलग-अलग तंतु होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में लाखों अलग-अलग ब्लॉक बने होते हैं जिन्हें न्यूक्लियोटाइड या बेस कहा जाता है।
- इनसभी 23 गुणसूत्रों को जोड़ने के लिए चार प्रकार के तंतु ब्लॉक्स (A, T, G और C) को अलग-अलग संयोजनों में लाखों बार व्यवस्थित और दोहराया जाता है।जीनोम अनुक्रमण (Genome sequencing) वह विधि है जिसका उपयोग A, T, G और C के सटीक क्रम को निर्धारित करने के लिए किया जाता है, और उन्हें गुणसूत्रों में कैसे व्यवस्थित किया गया है यह भी पता लगाया जाता है।
- अलग-अलग जीनोम अनुक्रमण से आनुवंशिक स्तर पर मानव विविधता को समझने में मदद मिलती है और यह कुछ बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता को भी बताता है।
- जीनोम को आधार की तरह एक पहचान पत्र कह सकते हैं। जैसे प्रत्येक आधार कार्ड यूनिक होता है, वैसे ही हमारा जीनोम भी यूनिक है।
- चूँकि सभी मनुष्यों का जीनोम अनुक्रमण नहीं कराया जा सकता क्योंकि यह आर्थिक रूप से काफी महंगा होगा इसलिए सभी के पास अपनी जीनोम पहचान नहीं है।
- इससे बचने के लिए सामुदायिक जीनोम कार्ड या पहचान पत्र बनाया जा सकता है, जैसे किसी खास क्षेत्र में रहने वालों के लिए जीनोम पहचान पत्र।
संदर्भ जीनोम क्या है?
- जब नए जीनोम का अनुक्रमणकिया जाता है, तो उनकी तुलना पहले किये गए जीनोम मैपिंग से की जाती है जिसे संदर्भ जीनोम कहा जाता है।
- यह हमें नए अनुक्रमित जीनोम और संदर्भ जीनोम के बीच अंतर को समझने में मदद करता है। इस सदी के बड़े वैज्ञानिक सफलताओं में से एक वर्ष 2001 में पहला संदर्भ जीनोम बनाना था। इसने वैज्ञानिकों को विभिन्न रोगों से जुड़े हजारों जीनों की खोज करने में मदद की; आनुवंशिक स्तर पर कैंसर जैसी बीमारियों को बेहतर ढंग से समझनेऔर इनके निदान की दिशा में सहायता मिली है।
- तब से अब तक संदर्भ जीनोम मानचित्र को परिष्कृत किया गया है और सभी 23 मानव गुणसूत्रों अनुक्रमों में सुधार किया गया है।
- हालांकि पूर्ण और त्रुटि मुक्त संदर्भ जीनोम मानचित्र (reference genome map) सभी मानव के जीनोम का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
- नेचर में प्रकाशित नया अध्ययन इसी बदलाव का संकेत करता है। इस पत्रिका में छपे लेख के अनुसार 47 स्वयंसेवकों (19 पुरुषों और 28 महिलाओं) के जीनोम का उपयोग करके बनाये गए एक पैन-जीनोम मानचित्र का विकास किया गया है, जो मुख्यतः अफ्रीका से हैं, लेकिन इसमें कैरिबियन, अमेरिका, पूर्वी एशिया और यूरोप के भी स्वयंसेवक शामिल हैं।
पैन-जीनोम मानचित्र क्या है?
- पहले के संदर्भ जीनोम के विपरीत, जो एक रेखीय अनुक्रम है, पैन-जीनोम एक ग्राफ है।
- प्रत्येक गुणसूत्र का ग्राफ एक बांस के तने की तरह होता है जिसमें गांठ होते हैं जहां सभी 47 व्यक्तियों के अनुक्रमों का खंड अभिसरण (समान) होता है, और अलग-अलग वंशों से उन व्यक्तियों के बीच आनुवंशिक विविधताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली गांठों के बीच की दूरी अलग-अलग होती है।
- पैन-जीनोम परियोजना में पूर्ण और सन्निहित गुणसूत्र मानचित्र बनाने के लिए, शोधकर्ताओं द्वारा लंबे समय तक डीएनए अनुक्रमण तकनीकों का उपयोग किया गया, जो लाखों न्यूक्लियोटाइड्स के सन्निहित डीएनए का उत्पादन करती हैं।
- लंबे समय तक के अध्ययन के कारण अनुक्रमों को न्यूनतम त्रुटियों के साथ इकट्ठा करने में मदद मिली है और इन्हें क्रोमोसोम के दोहराव वाले क्षेत्रों के माध्यम से पढ़ा जाता है जो पहले उपयोग की जाने वाली तकनीकों के साथ अनुक्रम करना कठिन होता था।
पैन-जीनोम मानचित्र क्यों महत्वपूर्ण है?
- हालांकि किन्हीं दो व्यक्तियों की डीएनए संरचना 99% से अधिक समान होते हैं, फिर भी किन्हीं दो व्यक्तियों के बीच लगभग 0.4% का अंतर होता है।
- यह दिखने में एक छोटा सा प्रतिशत हो सकता है, लेकिन यह देखते हुए कि मानव जीनोम में 3.2 बिलियन व्यक्तिगत न्यूक्लियोटाइड होते हैं, किन्हीं दो व्यक्तियों के बीच का अंतर 12.8 मिलियन न्यूक्लियोटाइड का हो जायेगा।
- एक पूर्ण और त्रुटि रहित मानव पैन-जीनोम मानचित्र हमें अंतरों को समझने और मानव विविधता को बेहतर ढंग से समझाने में मदद करेगा। यह हमें कुछ लोगों में उन आनुवंशिक भिन्नताओं को समझने में भी मदद करेगा, जिसके कारण बुनियादी स्वास्थ्य स्थितियां अलग होती हैं।
- पैन-जीनोम संदर्भ मानचित्र ने मौजूदा जीनोम मानचित्र में लगभग 119 मिलियन नए अक्षर जोड़े हैं और ऑटिज्म से जुड़े 150 नए जीन की खोज में सहायता की है।
निष्कर्ष:
- हालाँकि यह परियोजना स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है, फिर भी अभी इसमें सीमित क्षेत्रको ही इसका हिस्सा बनाया गया है।
- उदाहरण के लिए अफ्रीका, भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया और ओशिनिया के स्वदेशी समूहों और पश्चिम एशियाई क्षेत्रों के अधिकांश लोगों के जीनोम,पैन-जीनोम मानचित्र के वर्तमान संस्करण में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रखते हैं।
- भले ही वर्तमान पैन-जीनोम मानचित्र में भारत के जीनोम अनुक्रम को शामिल नहीं किया गया है, फिर भी यह अब तक ज्ञात त्रुटि मुक्त और पूर्ण संदर्भ जीनोम के द्वारा भारतीय जीनोम को बेहतर ढंग से और इसके मानचित्रण में मदद करेगा।