New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM

डिजिटल भुगतान प्रणाली : आर.बी.आई. के प्रयास तथा चुनौतियाँ

(प्रारंभिक परीक्षा : यू.पी.आई. तथा इसकी कार्यप्रणाली, एन.पी.सी.आई., RTGS, NEFT)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 3 : अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, आर.बी.आई. द्वारा रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की सुविधा को दिसम्बर, 2020 से 24 घंटे उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की गई है। भुगतान प्रणाली में यह महत्त्वपूर्ण सफलता अभी तक चुनिंदा देशों को ही प्राप्त है।

पृष्ठभूमि

भारत ने अन्य भुगतान माध्यमों की तुलना में डिजिटल भुगतान प्रणाली का मज़बूत आधार विकसित किया है। वर्तमान में देशभर में सभी घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल भुगतान संचालकों को आर.बी.आई. द्वारा विनियमित किया जाता है।

डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में आर.बी.आई. के प्रयास

  • डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में आर.बी.आई. द्वारा महत्त्वपूर्ण प्रयास किये गए हैं, जिनके कारण ही भारतीय भुगतान प्रणाली को आधुनिक और विश्वसनीय बनाने में सफलता प्राप्त हुई है।
  • इस दिशा में आर.बी.आई. द्वारा वर्ष 2004 में बड़े भुगतानों के सुगम संचालन हेतु रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की शुरुआत की गई थी।
  • आर.बी.आई. द्वारा खुदरा भुगतान को प्रोत्साहित करने हेतु वर्ष 2005 में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर (NEFT) की शुरुआत की गई। वर्तमान में NEFT की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है।
  • आर.बी.आई. द्वारा 10 प्रमुख बैंकों की सहायता से नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड की स्थापना एक अम्ब्रेला संस्थान के रूप में की गई थी। इस संस्था का विचार आर.बी.आई. के वर्ष 2005 के विज़न डॉक्यूमेंट में शामिल था।
  • आर.बी.आई. द्वारा यू.पी.आई. के माध्यम से भुगतान प्रणाली में व्यापक परिवर्तन आए हैं, विशेषकर कोविड-19 महामारी के समय में डिजिटल भुगतान के इस माध्यम ने वित्तीय लेन-देन की में अत्यधिक सहायक सिद्ध हुआ है।
  • आर.बी.आई. के प्रयासों के कारण ही कॉर्पोरेट और पूँजी बाज़ार के वित्तीय लेन-देन में व्यापक परिवर्तन आए हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) T+1 की व्यवस्था पर विचार कर रहा है, अर्थात ट्रांजेक्शन तथा एक कार्यदिवस में सेटलमेंट की व्यवस्था क्योंकि शेयरों के लेन-देन में बहुत तीव्र तथा दक्ष भुगतान प्रणाली की आवश्यकता होती है।
  • वर्ष 2019 में बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS) द्वारा भारत के एन.पी.सी.आई. मॉडल की प्रशंसा की गई है।

चुनौतियाँ

  • भारतीय भुगतान प्रणाली में सुरक्षा, उन्नयन, तीव्रता तथा दक्षता का अभाव है, जो विदेशी निवेश को आकर्षित करने में बाधक है। उदहारण के लिये हांगकांग में भूमि की खरीद-बिक्री शेयरों की तरह होती है तथा लेन-देन का निपटान भी वास्तविक समय (Real Time) में ही हो जाता है।
  • भारतीय समाज में वित्तीय साक्षरता का अभाव।
  • तकनीकी सहजता (टेक्नोफ्रेंडलीनेस) की कमी।
  • भौतिक मुद्रा से पारम्परिक जुड़ाव।

सुझाव

  • एन.पी.सी.आई. को वित्तीय बाज़ार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का कुशलता तथा दक्षता से सामना करने हेतु एक लाभकारी संगठन में परिवर्तित किये जाने की आवश्यकता है।
  • भारत में भुगतान प्रणाली को तीव्र तथा उन्नत बनाए जाने के साथ ही लोगों को वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) प्रदान करने हेतु जागरूकता अभियानों (Awareness Campaigns) का नियमित आयोजन किया जाना चाहिये।
  • सरकार द्वारा बैंकों तथा फिनटेक कम्पनियों को ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों (विशेषकर आदिवासियों के उत्पाद की बिक्री सम्बंधी लेन-देन में सुगमता हेतु) में भुगतान प्रणाली के बुनयादी ढ़ांचे के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
  • वित्तीय लेन-देन की निपटान प्रणाली में डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से अभूतपूर्व वृद्धि की सम्भावना है, जिसमें बैंकों तथा वित्तीय प्रौद्योगिकी कम्पनियों (Fin-Tech Companies) को प्रोत्साहित किये जाने आवश्यकता है।

निष्कर्ष

पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत सरकार डिजिटल इंडिया मिशन के तहत भारत में कार्यरत अंतर्राष्ट्रीय स्तर की भुगतान कम्पनियों के एकाधिकार को समाप्त किया है तथा अपनी घरेलू भुगतान प्रणाली की वैश्विक पहुँच स्थापित की है।

प्री फैक्ट्स :

  • नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एन.पी.सी. आई.) स्थापना वर्ष 2009 में आर.बी.आई. तथा भारतीय बैंक संघ द्वारा एक गैर लाभकारी कम्पनी के रूप में की गई थी।
  • एन.पी.सी.आई. ने भारत में खुदरा भुगतान प्रणाली के संचालन और निपटान को सुगमता प्रदान की है।
  • भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट, 2007)
  • यू.पी.आई. या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के माध्यम से कई बैंक अकाउंट से एक ही मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग कर धन हस्तांतरण कर सकते हैं। इसे एन.पी.सी.आई. द्वारा विकसित किया गया है।
  • यू.पी.आई. में दो तरह से ऑथेंटिकेशन होता है। इसके बाद सिंगल क्लिक से भुगतान किया जा सकता है। यू.पी.आई. में वन टाइम पासवर्ड (OTP) के स्थान पर पिन का उपयोग किया जाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR