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क्षोभमंडल में नए कण निर्माण तंत्र की खोज

(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष)

संदर्भ

  • अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (AAAS) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जब समताप मंडल की वायु नीचे के क्षोभमंडल में प्रवेश करती है, तो नए वायुमंडलीय कण का निर्माण होता है। 
  • यह ऊपरी क्षोभमंडल में नए कण निर्माण (New Particle Formation : NPF) के लिए पहले से अज्ञात तंत्र (Previously Unrecognized Mechanism) के बारे में जानकारी प्रदान करता है। 

UNIVERSE

खोज के बारे में 

  • इस खोज में नासा के नॉर्थ अटलांटिक एरोसोल एवं मरीन इकोसिस्टम स्टडी तथा वायुमंडलीय टोमोग्राफी मिशनों के दौरान लिए गए वैश्विक हवाई मापों के डाटा का उपयोग करते हुए ऊपरी वायुमंडल में होने वाले पहले से अज्ञात NPF तंत्र का अवलोकन संबंधी प्रमाण प्रदान किया गया है। 
  • इस खोज से पता चलता है कि क्षोभमंडल में NPF बार-बार एवं बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में (विशेष रूप से मध्य अक्षांशों के दूरदराज के समुद्री क्षेत्रों में) होता है, जो क्षोभमंडल में मुक्त कणों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। 
  • NPF प्रक्रिया में सल्फर डाइऑक्साइड एवं कार्बनिक अणु जैसी वायुमंडलीय गैसें कणों में समूहबद्ध होती हैं और प्राय: ऊपर उठती गर्म वायु से निर्मित संवहनीय बादलों के पास देखी जाती है। 
  • वायुमंडल की ऊपरी सीमा के पास वायुमंडल एवं समताप मंडल की वायु के मिश्रण में पाए गए नए कण अन्य NPF तंत्रों का सुझाव देते हैं। 
  • जब समताप मंडल की वायु वायुमंडल में उतरती है तो यह अधिक आर्द्र वायुमंडल की वायु के साथ मिल जाती है, जिससे हाइड्रॉक्सिल रेडिकल (OH) की सांद्रता बढ़ जाती है।  

इन कणों का योगदान 

  • पृथ्वी के वायुमंडल की सबसे निचली परत क्षोभमंडल में एक माइक्रोन से छोटे व्यास वाले एरोसोल कण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। 
  • ये कण जल वाष्प के लिए संघनन स्थल के रूप में कार्य करते हैं, बादल निर्माण में योगदान करते हैं और इस प्रकार पृथ्वी के विकिरण संतुलन को प्रभावित करके जलवायु में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

खोज का महत्व 

वैज्ञानिकों के अनुसार, नए कण निर्माण के मार्गों को परिभाषित करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि पूर्व-औद्योगिक जलवायु स्थिति को वर्तमान समय से अलग करना है, तो वायुमंडल पर नए कण निर्माण प्रक्रिया के बोझ (Burden) को पृथ्वी प्रणाली मॉडल (Earth System Models) में सही ढंग से दर्शाया जाना चाहिए।

वायुमंडल की परतों का वर्गीकरण 

LAYERS

  • वायुमंडल गैसों की वह परत है जो पृथ्वी को घेरे हुए है। 
  • वायुमंडल की पाँच परतें (स्थल से ऊपर की ओर) क्रमशः क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, तापमंडल एवं बहिर्मंडल हैं। 
  • वायुमंडल लगभग 100 किमी. या 62 मील तक फैला हुआ है। 
  • इसके बाद कार्मन रेखा (Kármán Line) है, जो अंतरिक्ष की शुरुआत को चिह्नित करती है।
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