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डीएनए सिस्टम (DNA system)

प्रारंभिक परीक्षा  डीएनए सिस्टम (DNA system)
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3
 

चर्चा में क्यों

नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो ने डीएनए सिस्टम डेटाबेस के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी।

DNA-system

प्रमुख बिंदु 

  • अप्रैल 2022 में पार्लियामेंट द्वारा क्रिमिनल प्रोसीजर(आइडेंटिफिकेशन) एक्ट (CrPI) को पास किया गया।
  • यह एक्ट पुलिस और सेंट्रल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसीज को अधिकार देता है कि वे गिरफ्तार किये गए लोगों के फिजिकल और बायोलॉजिकल सैम्पल्स के साथ रेटिना एवं आईरिस स्कैन्स को कलेक्ट, स्टोर तथा एनलाइज कर सकें।
  • एक्ट को नियंत्रित करने वाले नियमों को सितंबर 2022 में नोटिफाई किया गया था। 
  • हालांकि, एक्ट को अभी पूरी तरह से लागू किया जाना बाकी है क्योंकि नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB) ने अभी भी कानून को लागू करने के लिए गाइडलाइंस और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(SOP) तैयार कर रहा है।
  • NCRB यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (MHA) द्वारा ऑपरेट किया जाता हैं।
  • हालांकि एक्ट और नियमों में DNA सैम्पल्स के इकट्ठा करने और फेस-मॅचिंग प्रोसीजर्स का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।
  • स्टेट पुलिस ऑफिशल्स के साथ बैठकों में NCRB ने कहा है कि इन उपायों को देश भर में लगभग 1,300 जगहों पर शुरू किया जाएगा।

 नियमों में बदलाव के कारण 

  • CrPI एक्ट ने ब्रिटिश-एरा आइडेंटिफिकेशन ऑफ़ प्रिजनर्स एक्ट, 1920 को रिपील/खत्म  कर दिया।
  •  इस ऐक्‍ट का दायरा मजिस्ट्रेट के आदेश पर दोषी व्यक्तियों की कुछ कैटेगरी के फिंगर इंप्रेशन, फुटप्रिंट इंप्रेशन और तस्वीरों और गैर-दोषी व्यक्तियों के इंप्रेशन को इकट्ठा करने और रिकॉर्ड करने तक ही सीमित था।
  •  नए एक्ट में एप्रोप्रियेट बॉडी मेजरमेन्ट्स को लेना और रिकॉर्ड करने के लिए नई तकनीक के प्रावधान किए गए हैं।

NCRB की भूमिका

  • क्रिमिनल प्रोसीजर(आइडेंटिफिकेशन) एक्ट (CrPI) के तहत NCRB को   'मेजरमेन्ट्स रिकॉर्ड को स्टोर, प्रोसेस, शेयर, प्रसारित और नष्ट करने' का कार्य सौंपा गया है।
  • किसी भी पुलिस स्टेशन से लिए गए इम्प्रेशंस को NCRB द्वारा मेन्टेन किये गए कॉमन डेटाबेस में स्टोर किया जाएगा।
  • इस डेटाबेस को ऑथोराइस्ड पुलिस और जेल के अधिकारियों द्वारा पूरे देश में कही से भी ऐक्सेस किया जा सकेगा।
  • डिजिटल और फिजिकल फॉर्मेट में मेजरमेन्ट्स लेने वाले उपकरणों के स्पेसिफिकेशन NCRB तय करेगा।
  • राज्यों की पुलिस द्वारा डेटा इकट्ठा करने के तरीके और डेटा के सही फॉर्मेट में NCRB डेटाबेस में दर्ज करने तथा मेजरमेन्ट्स लेने के लिए जरूरी इनफॉर्मेशन सिस्टम भी NCRB द्वारा तय किया जाना है।
  • पुलिस और जेल अधिकारी को अधिकार दिया गया है कि वो मेजरमेन्ट्स ले सकें।
  •  इस एक्ट ने मेजरमेन्ट्स लेने में किसी भी स्किल्ड व्यक्ति या मेडिकल प्रैक्टिशनर या इस तरह के मेजरमेन्ट्स लेने के लिए किसी भी ऑथोराइस्ड व्यक्ति को अनुमति देने के लिए दायरे का विस्तार किया है।
  •  ये रिकार्ड्स 75 सालों के लिए स्टोर किए जाएंगे।

कानून को लागू करने संबंधी चुनौतियां

  • सभी राज्यों की पुलिस को फिंगर इम्प्रेशंस को रिकॉर्ड करने के लिए नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) द्वारा ट्रेन किया जाना बाकी है। 
  • आइरिस स्कैनर्स और ऐसी डिवाईसेस जिसमें DNA एवं फेशियल-रिकग्निशन सिस्टम्स का अभाव है।
  • यह राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन करता है।
  • DNA सैम्पल्स इकट्ठा करने और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही डेटा की सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां भी हैं।
  •  सेंट्रल डेटाबेस से जानकारी को हटाने और सभी रिकार्ड नष्ट करने की चुनौतियां है, जिन्हें किसी अपराध में गलत तरीके से फंसाया गया है या कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है।
  • ज्ञातव्य है कि किसी भी तरह के डेटा को हटाने या नष्ट करने के लिए नोडल अधिकारी से मांग करनी होगी।
  • 75 साल  के बाद डेटा को नष्ट करने की जिम्मेदारी उन लोगों पर ही है, जिनका डेटा इकट्ठा किया गया है। इसका बुरा असर समाज के उन वर्गों पर पड़ेगा जिनकी कानूनी प्रक्रिया तक पहुंच कम है क्योंकि वे डेटा हटाने के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे।
  • पुलिस द्वारा किस प्रकार के DNA सैम्पल्स इकट्ठा किए जाएंगे, यह अभी तक तय नहीं किया गया है।
  • DNA सैंपल को संभालने के लिए खास तरह के ट्रेनिंग की जरूरत है एवं  इनका स्टोरेज भी एक समस्या है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) 

  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो  की स्थापना 1986 में की गई थी।
  • इसका गठन अंतर-राज्य अपराधी डेटा शाखा, समन्वय और पुलिस कंप्यूटर निदेशालय  और सीबीआई के सेंट्रल फिंगर प्रिंट ब्यूरो को मिलाकर किया गया था।
  • इसके तहत अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) को 2009 में मंजूरी दी गई थी एवं डिजिटल पुलिस पोर्टल 2017 में लॉन्च किया गया।
  • यह  देश में अपराध अपराधी सूचना प्रणाली (Crime Criminal Information system, CCIS) के अंतर्गत प्रत्‍येक राज्‍य अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो एवं जिला अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो में 762 सर्वर-आधारित कम्‍प्‍यूटर सिस्‍टम स्‍थापित कर चुका है, ताकि अपराध, अपराधियों एवं अपराधियों की सम्‍पत्ति से संबंधित राष्‍ट्रीय स्‍तर के डाटा बेस को व्‍यवस्थित किया जा सके।
  • इसके अतिरिक्त यह ब्यूरो अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) (CCTNS) को भी कार्यान्वित कर रहा है, जो भारत सरकार के राष्‍ट्रीय ई-गर्वनेंस योजना के अंतर्गत एक मिशन मोड परियोजना है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो  की स्थापना 1986 में की गई थी।
  2. इसके तहत अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) को 2009 में मंजूरी दी गई थी एवं डिजिटल पुलिस पोर्टल 2018  में लॉन्च किया गया।
  3. क्रिमिनल प्रोसीजर (आइडेंटिफिकेशन) एक्ट (CrPI) के तहत NCRB को 'मेजरमेन्ट्स  रिकॉर्ड को स्टोर, प्रोसेस, शेयर, प्रसारित और नष्ट करने' का कार्य सौंपा गया है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

 (a) केवल एक  

(b) केवल दो 

(c) सभी तीन  

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर: (b)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : डीएनए सिस्टम डेटाबेस क्या है? डीएनए सिस्टम डेटाबेस के दुरुपयोग जुड़े प्रमुख चिंताओं का उल्लेख कीजिए।

स्रोत: the hindu

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