प्रारम्भिक परीक्षा – डीआरडीओ मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 |
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चर्चा में क्यों
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना से जुड़ी अत्यधिक वर्गीकृत (highly classified) जानकारी को एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी को देने के संदर्भ में गिरफ्तार किया गया ।
प्रमुख बिंदु
- डीआरडीओ के अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर्स) प्रयोगशाला के प्रमुख वैज्ञानिक को 3 मई को एटीएस ने जासूसी और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
- पुणे में अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर्स) प्रयोगशाला के निदेशक के रूप में नेतृत्व करते हुए कुरुलकर एक 'उत्कृष्ट वैज्ञानिक' (सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष) थे।
- पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी भारत में विभिन्न डीआरडीओ और रक्षा परियोजनाओं के बारे में गोपनीय जानकारी निकालना चाहती थी ।
- एक जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद वैज्ञानिक ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे संवेदनशील सरकारी जानकारी से समझौता हुआ, जो दुश्मन देश के हाथों में पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है ।
- आरोप पत्र के अनुसार दोनों ने 19 अक्टूबर, 2022 और 28 अक्टूबर, 2022 के बीच सभी ब्रह्मोस संस्करणों पर लगभग 186 ए4 आकार की प्रारंभिक डिज़ाइन रिपोर्ट को साझा किया ।
- ब्रह्मोस के साथ- साथ अग्नि 6, रुस्तम (मानव रहित वायु वाहन), सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (SAM), मानव रहित लड़ाकू वायु वाहन (UCAV) आदि की जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर किया।
- DRDO की ड्रोन परियोजनाएँ ,क्वाडकॉप्टर, डीआरडीओ ड्यूटी चार्ट, मिसाइल, राफेल, आकाश और एस्ट्रा मिसाइल आदि की भी जानकारी साझा किया ।
- पाकिस्तान के खुफिया एजेंट को DRDO के व्हाट्सएप प्रसारण समूह में भी जोड़ दिया । साथ ही, भारत और अन्य देशों के बीच कुछ समझौतों के विवरण भी साझा किए।
- वैज्ञानिक ने कथित तौर पर भारत में सभी सीमाओं पर वायु सेना प्रणाली की मिसाइलें स्थापित की गई हैं आदि गोपनीय जानकारी भी दिया ।
- डीआरडीओ को जब आरोपी के अवैध रूप से पाकिस्तान स्थित ऑपरेटिव से संपर्क करने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सेल फोन, लैपटॉप और डेस्कटॉप हार्ड डिस्क सहित इस्तेमाल किए गए विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को डीआरडीओ अधिकारियों ने 24 फरवरी, 2023 को फोरेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिया था ।
- फिर डीआरडीओ की आंतरिक स्थायी समिति की जांच और फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला कि कुरुलकर कथित तौर पर "व्हाट्सएप संदेशों, आवाज और वीडियो कॉल" के माध्यम से एक महिला पाकिस्तानी ऑपरेटर के साथ लगातार संपर्क में था और उसके साथ संवेदनशील जानकारी साझा करता था।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)
- डीआरडीओ भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का आर एंड डी विंग है।
- जो अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारत को सशक्त बनाने के लिए कार्य करता है।
- डीआरडीओ का गठन 1958 में किया गया था।
- डीआरडीओ के 50 से अधिक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है, जो विभिन्न विषयों को कवर करने वाली रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में लगे हुए हैं।
प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। 2. डीआरडीओ का गठन 1958 में किया गया था। 3. ब्रह्मोस मिसाइल का विकास भारत एवं रूस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है ।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल कथन -1 (b) केवल कथन-2 (c) सभी तीनों (d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : डीआरडीओ और रक्षा परियोजनाओं के बारे में गोपनीय सूचनाएं साझा करना भारतीय सुरक्षा के लिए खतरा है । परीक्षण कीजिए।
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