प्रारम्भिक परीक्षा – इकोलोकेशन (ध्वनि तरंगे) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ-
- इकोलोकेशन तकनीक के द्वारा एक जानवर या एक उपकरण ध्वनि तरंगें उत्सर्जित करता है और अपने आसपास की वस्तुओं द्वारा उनके प्रतिबिंबों को सुनता है।
- परावर्तित तरंगें या प्रतिध्वनि कैसी लगती है, इसके आधार पर जानवर या उपकरण अपने वातावरण को समझता है और उसी आधार से अपनी दिशा को निर्धारित तथा अपना शिकार एवं अपने कार्य को निर्धारित करता है।
- जो जानवर इकोलोकेशन का उपयोग करते हैं वे उच्च आवृत्ति वाले ध्वनि स्पंदन उत्सर्जित करते हैं, जो अक्सर मानव श्रवण की सीमा से परे होते हैं।
प्रमुख बिंदु
- चमगादड़, डॉल्फ़िन और पनडुब्बियां अपने परिवेश का एहसास पाने के लिए इकोलोकेशन तकनीक का उपयोग करते हैं।
- चमगादड़, जिनकी दृष्टि कमजोर होती है, इस क्षमता का उपयोग अंधेरे में शिकार करने और नेविगेट करने के लिए करते हैं जबकि डॉल्फ़िन इसका उपयोग वस्तुओं का पता लगाने और पानी के भीतर संचार करने के लिए कराती हैं।
- व्हेल और कुछ पक्षी, जैसे टैनी ऑयलबर्ड, स्विफ्टलेट्स और टेनरेक (मेडागास्कर से), भी इकोलोकेशन का उपयोग करते हैं।
- मनुष्यों ने सोनार और रडार जैसे उपकरण बनाने के लिए इस सरल तकनीक के सिद्धांतों का उपयोग किया है।
- सोनार- 'साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग' का संक्षिप्त रूप है। इसका उपयोग व्यापक रूप से पानी के नीचे नेविगेशन, संचार और यहां तक कि मछली खोजने की एक विधि के रूप में किया जाता है।
- रडार - 'रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिंग' का संक्षिप्त रूप है। इसका उपयोग विमानन, मौसम पूर्वानुमान और सैन्य अनुप्रयोगों में रेडियो तरंगों को उछालकर/भेजकर वस्तुओं का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए किया जाता है।
- हाल ही में, इंजीनियरों ने स्मार्टफोन ऐप विकसित करने के लिए इकोलोकेशन का उपयोग किया है जो दृष्टिबाधित लोगों को अपने परिवेश को बेहतर ढंग से नेविगेट करने में मदद कर सकता है।
ध्वनि आवृति से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
ध्वनि तरंग (sound waves)
- ध्वनि तरंग अनुदैधर्य यांत्रिक तरंगें होती हैं।
- जिन यांत्रिक तरंगों की आवृत्ति 20Hz से 2000Hz के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों के द्वारा होती है, और इन्हें हम ध्वनि के नाम से पुकारते हैं।
ध्वनि तरंगों का आवृत्ति परिसर:
- अवश्रव्य तरंगें (infrasonic waves) :
- 20Hz से नीचे से आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को अवश्रव्य तरंगें कहते हैं। इसे हमारा कान नहीं सुन सकता है।
- इस प्रकार की तरंगो को बहुत बड़े आकर के स्रोत्रों से उत्पन्न किया जा सकता है। ये आम तौर पर बड़े आकार के स्रोतों जैसे- भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट आदि से उत्पन्न होती हैं।
- श्रव्य तरंगें (audible waves):
- 20Hz से 2000Hz के बीच की आवृत्ति वाली तरंगों को श्रव्य तरंगें कहते हैं। इन तरंगों को हमारे कान सुन सकते हैं।
- पराश्रव्य तरंगें (ultrasonic waves):
- 2000Hz से ऊपर की तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है।
- मुनष्य के कान इसे नहीं सुन सकते है, परंतु कुछ जानवर जैसे :- कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ आदि, इसे सुन सकते है।
- इन तरंगों को गाल्टन की सीटी के द्वारा तथा दाब वैद्युत प्रभाव की विधि द्वारा क्वार्ट्ज के क्रिस्टल के कंपन्नों से उत्पन्न करते है।
- इन तरंगो की आवृत्ति बहुत ऊंची होने के कारण इसमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है। साथ ही इनका तरंगदैधर्य छोटी होने के कारण इन्हें एक पतले किरण पुंज के रूप में बहुत दूर तक भेजा जा सकता है।
पराश्रव्य तरंगें के उपयोग:
- संकेत भेजने में
- समुद्र की गहराई का पता लगाने में
- कीमती कपड़ो वायुयान तथा घड़ियों के पुर्जो को साफ़ करने में
- कल-कारखानों की चिमनियों से कालिख हटाने में
- दूध के अंदर के हानिकारक जीवाणुओं की नष्ट में
- गठिया रोग के उपचार एवं मष्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने में
ध्वनि प्रदूषण : सहन क्षमता से अधिक ऊँची ध्वनि का स्तर ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। इसके प्रमुख स्रोत - वायुयान, मोटर वाहन, रेलगाड़ियाँ, औद्योगिक प्रक्रम तथा विज्ञापन मीडिया इत्यादि हैं
ध्वनि प्रदूषण से हानि
चिड़चिड़ापन एवं आक्रामकता, उच्च रक्तचाप, तनाव, श्रवण शक्ति का ह्रास, नींद में विकार, मानसिक थकान और अन्य विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।
विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल -
माध्यम |
ध्वनि की चाल (m/s,0°C)
|
कार्बन डाइऑक्साइड
|
260
|
वायु
|
332
|
भाप
|
405
|
अल्कोहल
|
1,213
|
हाइड्रोजन
|
1,269
|
पारा
|
1,450
|
जल
|
1,483
|
समुद्री जल
|
1,533
|
लोहा
|
5,130
|
कांच
|
5,640
|
एलुमिनियम
|
6,420
|
प्रारम्भिक परीक्षा प्रश्न : निम्नलिखित में से इकोलोकेशन का प्रयोग कौन-से जीवों के द्वारा किया जाता ?
- चमगादड़
- डॉल्फ़िन
- दृष्टिबाधित मनुष्य
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: इकोलोकेशन क्या है? यह मानवजाति के लिए किस तरीके से लाभदायक है, चर्चा कीजिए।
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