New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

नेपाल में आर्थिक संकट की आहट

संदर्भ 

नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2021 में 11.75 बिलियन डॉलर से मार्च 2022 में 18.5% की कमी के साथ 9.58 बिलियन डॉलर हो गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार में कमी एवं हालिया घटनाक्रम

नेपाल राष्ट्र बैंक

  • हाल ही में, नेपाल के प्रधानमंत्री ने नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रमुख को संवेदनशील जानकारी लीक करने और अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने के कारण बर्खास्त कर दिया।
  • नेपाल के केंद्रीय बैंक ने तरलता की कमी और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का हवाला देते हुए वाहनों एवं विलासिता वाली अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

आयात निर्भर अर्थव्यवस्था

  • नेपाल की अर्थव्यवस्था आयात पर अत्यधिक निर्भर है। यह ईंधन के अतिरिक्त कई प्रकार के व्यापारिक वस्तुओं का आयात करता है। नेपाल का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार केवल अगले सात महीनों के आयात बिलों का भुगतान करने के लिये शेष है।
  • कमज़ोर आर्थिक संकेतकों का तात्पर्य यह है कि नेपाल द्वारा विदेशी मुद्रा का व्यय उसकी आय की तुलना में तेजी से किया जा रहा है। नेपाल राष्ट्र बैंक के अनुसार वर्तमान में नेपाल में मुद्रास्फीति दर 7.14% है, जो अगले कुछ माह में दोहरे अंक में प्रवेश कर सकती है।

वर्तमान आर्थिक संकट का कारण 

बाह्य कारकों का प्रभाव 

  • श्रीलंका के विपरीत नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति अभी ठीक है, क्योंकि नेपाल पर विदेशी ऋण का अत्यधिक बोझ नहीं है।
  • हालाँकि, नेपाल की निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था को बाह्य कारकों ने प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया हैं जिससे अर्थव्यवस्था के समक्ष संकट उत्पन्न हो सकता है।

पर्यटन एवं रोज़गार की क्षति

  • हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित होने के कारण नेपाल दक्षिण एशिया में सर्वाधिक आकर्षक पर्यटन क्षेत्रों में से एक है किंतु कोविड-19 महामारी के कारण यहाँ के पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 
  • आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल के सभी आर्थिक संकेतकों में गिरावट दर्ज की जा रही है। विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का वास्तविक कारण महामारी के दौरान विदेशों में कार्यरत नेपालियों के रोज़गार की क्षति के चलते वहाँ से धन प्रेषण में होने वाली कमी है। 

ऊर्जा परिदृश्य 

  • नेपाल को ऊर्जा (ईंधन) का प्राथमिक आपूर्तिकर्ता इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation : IOC) है। नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन (Nepal Oil Corporation : NOC) प्रत्येक माह की 8 और 23 तारीख को दो किस्तों में आई.ओ.सी. को भुगतान करता है। 
  • एन.ओ.सी. विगत कुछ महीनों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि ईंधन की उच्च वैश्विक कीमतों के कारण कंपनी की बचत प्रभावित हुई है।
  • हालाँकि, नेपाल सरकार आवश्यक धनराशि एन.ओ.सी. को प्रदान करने पर सहमत हो गई है किंतु एन.ओ.सी. की वित्तीय स्थिति बैंकों को आकर्षित नहीं कर पा रही है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार में इस कंपनी का विश्वास कम हो रहा है। 

आर्थिक संकट का राजनीति पर प्रभाव

  • नेपाल में मई में स्थानीय स्तर के चुनाव के पश्चात इस वर्ष के अंत में आम चुनाव होंगे। इस प्रक्रिया के लिये भी अत्यधिक मात्रा में वित्तीय आवंटन की आवश्यकता होगी।
  • पूर्व में नेपाल को ‘संयुक्त राज्य अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी’ (United States Agency for International Development : USAID) जैसे अंतर्राष्ट्रीय दानदाताओं से चुनावों के लिये सहयोग मिलता रहा है।  
  • वर्तमान में इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के बारे में अनिश्चितताएँ विद्यमान हैं क्योंकि अधिकांश पारंपरिक भागीदारों को भी आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

आगे की राह

  • नेपाल को एक संतुलित राजकोषीय नीति अपनाने पर बल देना चाहिये ताकि भुगतान संतुलन के साथ-साथ राजस्व में भी वृद्धि हो सके। सरकार द्वारा विलासिता की वस्तुओं के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध की बजाय उसे विनयमित करने की आवश्यकता है क्योंकि आयात-शुल्क सरकार के राजस्व प्राप्ति का एक बड़ा स्रोत है।
  • कोविड-19 के मामलों में कमी के कारण नेपाल को अपने पर्यटन अर्थव्यवस्था पर पुन: ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
  • सरकार द्वारा मौद्रिक नीतियों के निर्धारण में केंद्रीय बैंक को स्वायत्तता प्रदान करनी चाहिये ताकि वह मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिये उपयुक्त नीतियों का निर्माण कर सकें।

निष्कर्ष

  • नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट जारी है। साथ ही, व्यापारिक भागीदारों के साथ भी उसका व्यापार संतुलन का संकट विद्यमान है। ये परिस्थितियाँ भविष्य में गंभीर आर्थिक संकट का संकेत करती हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण उत्पन्न वैश्विक ऊर्जा संकट से नेपाल की अर्थव्यवस्था पर भी असाधारण मुद्रास्फीतिकारी दबाव पड़ा है।
  • नेपाल के इतिहास के विश्लेषण से यह ज्ञात होता है कि ईंधन से संबंधित कोई भी अनिश्चितता वहाँ गंभीर आंतरिक समस्याओं को जन्म दे सकती है। वर्ष 2015-16 में भारत से ईंधन की आपूर्ति में व्यवधान इसका एक उदाहरण है। इन आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिये राजनितिक स्तर पर एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR