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चुनावी बॉन्ड योजना असंवैधानिक

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, चुनावी बॉन्ड योजना
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 

संदर्भ-

15 फरवरी, 2024 को पॉंच जजों की संवैधानिक पीठ ने केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना’ को असंवैधानिक मानकर इस पर रोक लगा दी।

Electoral-bond

मुख्य बिंदु-

  • चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाया।
  • सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को किसी अन्य विकल्प पर विचार करने को कहा। 
  • राजनीतिक पार्टियों को हो रही फंडिंग की जानकारी मिलना बेहद जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला-

  • चुनावी बॉन्ड योजना बंद की जाती है।
  • स्टेट बैंक चुनावी बॉन्ड बेचना बंद करे।
  • वर्ष, 2019 से वर्तमान तक इस योजना से प्राप्त चंदे की पूरी जानकारी स्टेट बैंक को अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी।
  • यह मतदाता का अधिकार है कि उनको जानकारी मिले चुनावी बॉन्ड में पैसा कहां से आया और किसने लगाया।
  • इसकी जानकारी नहीं देना अनु. 19(1)(a) के तहत सूचना के अधिकारों का उल्लंघन है।
  • राजनीतिक दलों की फंडिंग करने वालों की पहचान गुप्त रहेगी तो इससे रिश्वतखोरी का मामला बढ़ सकता है। 
  • पिछले दरवाजे से रिश्वत को कानूनी जामा पहनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 
  • इस योजना को सत्ताधारी दल को फंडिंग के बदले में अनुचित लाभ लेने का जरिया बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 

याचिकाकर्ता-

  • चुनावी बॉन्ड पर कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) समेत चार लोगों ने याचिकाएं दाखिल की थीं। 
  • याचिकाकर्ताओं के अनुसार, चुनावी बॉन्ड के जरिए गुप्त फंडिंग से पारदर्शिता प्रभावित होती है। 
  • यह सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन करती है। 
  • इसमें शेल कंपनियों की तरफ से भी दान देने की अनुमति दी गई है। 

चुनावी बॉन्ड योजना-

  • वर्ष,  2017 में केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना को वित्त विधेयक के रूप में संसद में पेश किया था। 
  • 2 जनवरी, 2018 को केंद्र सरकार ने इस योजना को अधिसूचित किया था।
  • चुनावी बांड को केंद्र सरकार ने चुनाव में राजनीतिक दलों के चंदे का ब्योरा रखने के लिए बनाया था।
  • इसे चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए लाया गया था।

चुनावी बॉन्ड कौन जारी करेगा-

  • सरकार की ओर से RBI यह बॉन्ड जारी करता है।
  • यह बांड जब बैंक जारी करता है तो इसको लेने की अवधि 15 दिनों की होती है।
  • जब भी बॉन्ड जारी होने की घोषणा होती है तो कोई भी एक हजार से लेकर एक करोड़ का बॉन्ड खरीद सकता है।

चुनावी बॉन्ड को कौन खरीद सकता है-

  • चुनावी बॉन्ड को भारत के किसी भी नागरिक या देश में स्थापित ईकाई द्वारा खरीदा जा सकता है। 
  • कोई भी व्यक्ति अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। 
  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 (A) के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल और लोकसभा या विधानसभा के पिछले चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत वोट पाने वाले दल भी चुनावी बॉन्ड प्राप्त कर सकते हैं।
  • बैंक से बॉन्ड खरीदने के बाद चंदा देने वाला जिस पार्टी को चाहे उसका नाम भरकर उसे बॉन्ड दे सकता है।
  • बॉन्ड को किसी पात्र राजनीतिक दल द्वारा SBI के खाते के माध्यम से भुनाया जा सकता है।
  • ये बॉन्ड SBI के 29 शाखाओं से खरीदे जा सकते हैं- नई दिल्ली, गांधीनगर, चंडीगढ़, बेंगलुरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर, भोपाल, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, कलकत्ता, गुवाहाटी आदि।
  • इसे 80GG और 80GGB के तहत इनकमटैक्स में छूट प्राप्त है।

चुनौतियां –

  • यह योजना दानदाताओं और प्राप्तकर्ताओं की पहचान को गुप्त रखता है।
  • दान दाता के डेटा तक सरकारी पहुँच के कारण गुप्त समझौता किया जा सकता है।
  • वर्तमान सरकार इस जानकारी का लाभ उठा सकती है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बाधित कर सकता है।
  • इससे विकराल पूंजीवाद और काले धन के उपयोग का खतरा बढ़ सकता है।
  • विकराल पूंजीवाद एक आर्थिक प्रणाली है जो व्यापारियों और सरकारी अधिकारियों के बीच घनिष्ठ तथा पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों को बढ़ाती है।
  • कॉरपोरेट संस्थाओं के संदर्भ में पारदर्शिता और दान सीमा के संबंध में अनेक कमियां हैं।
  • कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार, कोई कंपनी तभी राजनीतिक दलों को चंदा दे सकती है जब उसका पिछले तीन वित्तीय वर्षों का शुद्ध औसत लाभ 7.5% हो।
  • चुनावी बॉन्ड में इस धारा को हटा दिया गया है, जिससे शेल कंपनियों के ज़रिये राजनीतिक फंडिंग में काले धन के उपयोग को लेकर चिंताएं बढ़ गई है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- चुनावी बॉन्ड योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसे केंद्र सरकार जनवरी, 2023 में अधिसूचित किया गया था।
  2. चुनावी बॉन्ड को भारत के किसी भी नागरिक या देश में स्थापित ईकाई द्वारा खरीदा जा सकता है। 

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(b) 1 और 2 दोनों

(c) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- चुनावी बॉन्ड योजना को स्पष्ट करते हुए मूल्यांकन कीजिए कि सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को असंवैधानिक क्यों ठहराया?

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