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आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक

(प्रारंभिक परीक्षा )
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 )

संदर्भ 

  • हाल ही में, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में ‘आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021’ (Essential Defence Services Bill) प्रस्तुत किया। 

आवश्यक रक्षा सेवाएँ 

  • आवश्यक रक्षा सेवाओं से तात्पर्य ऐसे प्रतिष्ठानों से है, जो ऐसी वस्तुओं या उपकरणों का निर्माण करते हैं जिनका प्रयोग रक्षा क्षेत्र से जुड़ा हो।
  • सरकार के अनुसार, ये ऐसी सेवाएँ हैं जिनमें काम बंद होने से रक्षा उपकरणों या साजो-सामान के उत्पादन, रक्षा क्षेत्र से जुड़े किसी भी उद्देश्य के लिये आवश्यक वस्तुओं व उपकरणों के उत्पादन में लगे किसी औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं इकाईयों के संचालन तथा रखरखाव और रक्षा से जुड़े उत्पादों की मरम्मत/रखरखाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।  

    उद्देश्य

    • इस विधेयक का उद्देश्य ‘आवश्यक रक्षा सेवाओं’ में लगे सरकारी स्वामित्व वाले आयुध कारखानों व प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को हड़ताल या किसी प्रकार के आंदोलन पर जाने या ऐसी इकाइयों में तालाबंदी से रोकना है।
    • ये कारखाने रक्षा हार्डवेयर और उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के लिये एक एकीकृत आधार तैयार करते हैं। 

      क्या है भारतीय आयुध निर्माणी?

      भारतीय आयुध निर्माणी (इंडियन ऑर्डनेन्स फैक्टरीज़) देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा औद्योगिक ढाँचा है जो रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अधीन कार्य करता है।

       क्या है आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक?

      • आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 आवश्यक रक्षा सेवाओं के रखरखाव के लिये लाया गया है ताकि राष्ट्र की और बड़े पैमाने पर जनता के जीवन व संपत्ति तथा इससे जुड़े मामलों एवं प्रासंगिक घटनाओं में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
      • यदि ऐसी सेवाओं से जुड़े किसी प्रतिष्ठान में कार्यरत कोई व्यक्ति इस कानून के तहत गैरकानूनी मानी जाने वाली हड़ताल शुरू करता है या उसमें हिस्सा लेता है तो उसको अनुशासनात्मक कार्रवाई (बर्खास्तगी सहित) का सामना करना पड़ सकता है।
      • साथ ही, एक वर्ष तक कारावास या जुर्माना (अधिकतम 10,000 रुपये) या फिर दोनों की सजा भी हो सकती है। इस तरह की हड़तालों का आह्वान करने वाले या वित्तीय सहायता देने वालों के लिये अधिक दंड का प्रावधान है।
      • विधेयक इन सेवाओं में लगे औद्योगिक प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं की तरफ से श्रमिकों की छंटनी पर भी रोक लगाता है। 

      आवश्यकता 

      • आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 भारत सरकार को इसमें उल्लिखित सेवाओं को आवश्यक सेवा घोषित करने की अनुमति देगा। विदित है कि केंद्र सरकार ने जून 2020 में आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण की घोषणा की थी।
      • कर्मचारियों ने इसके निगमीकरण का विरोध किया था और हड़ताल की बात कही थी। इस विधेयक से तालाबंदी और हड़ताल पर रोक लगाई जा सकती है। 
      • हड़ताल का आह्वान सरकार की तरफ से देशभर में 41 आयुध कारखानों को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत 100% सरकारी स्वामित्व वाली सात कॉर्पोरेट संस्थाओं में निगमित करने का निर्णय लेने के बाद किया गया था।
      • आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) सीधे रक्षा उत्पादन विभाग के अधीन था और भारत सरकार के एक अंग के रूप में कार्य करता था। सरकार के अनुसार, इन फैक्टरियों की दक्षता और जवाबदेही में सुधार के लिये यह निर्णय लिया गया है। 

      महत्त्व

      • भारत सरकार के अनुसार, यह आवश्यक है कि रक्षा तैयारियों के लिये सशस्त्र बलों को आयुध वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखी जाए। इसके लिये इन कारखानों को बिना किसी व्यवधान के अपना कार्य निरंतर जारी रखना आवश्यक है।
      • इसकी आवश्यकता महसूस की गई है कि सरकार के पास आपातकालीन स्थितियों से निपटने की शक्ति होनी चाहिये और आवश्यक रक्षा सेवाओं के रखरखाव को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये।

      प्रभाव 

      आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक का 41 आयुध कारखानों के लगभग 70,000 कर्मचारियों पर प्रत्यक्ष असर पड़ता है। ये कर्मचारी आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण से नाखुश हैं। इससे उनकी सेवा और सेवानिवृत्ति की स्थिति प्रभावित हो सकती है। 

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