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भारत में मतदान केंद्रों की स्थापना एवं कार्यप्रणाली

(प्रारंभिक परीक्षा : भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे इत्यादि)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ, विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य  एवं उत्तरदायित्व, सांविधिक, विनियामक व विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय)

संदर्भ 

वर्तमान लोकसभा चुनावों के दौरान 96.8 करोड़ मतदाता देश के 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर अपने मतदान का प्रयोग करेंगे। ऐसे में इन मतदान केंद्रों की स्थापना आदि के संबंध में चर्चा आवश्यक है।

मतदान केंद्रों की स्थापना : मानदंड एवं सिद्धांत

  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (RPA) की धारा 25 के अंतर्गत जिले में मतदान केंद्रों को स्थापित करने और उसकी सूची प्रकाशित करने की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) की है।
  • निम्नलिखित सिद्धांतों के आधार पर मतदान केंद्र स्थापित किए जाते हैं : 

मतदाताओं के अनुकूल होना

  • यह सुनिश्चित करना कि मतदाताओं को मतदान के लिए दो किमी. से अधिक की यात्रा न करनी पड़े।
  • एक मतदान केंद्र का न्यूनतम क्षेत्रफल 20 वर्ग मीटर हो।
  • एक केंद्र अधिकतम 1,500 मतदाताओं को सेवा प्रदान करता हो।
  • 300 से अधिक मतदाताओं वाले गाँव में मतदान केंद्र की सुविधा हो।
    • दुर्गम क्षेत्रों में 300 से कम मतदाताओं के लिए भी मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं।
  • जहाँ मतदाताओं की संख्या 1,500 से अधिक है वहाँ उसी भवन में सहायक मतदान केंद्र स्थापित किए जाते हैं। 
    • शहरी क्षेत्रों में एक भवन में अधिकतम चार मतदान केंद्र जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम दो मतदान केंद्र हो सकते हैं।

विशेष रूप से सार्वजनिक भवनों का उपयोग 

  • मतदान केंद्रों के लिए स्थानों का चयन अधिमानतः सरकारी या अर्ध-सरकारी संस्थानों में किया जाता है। 
    • विशेष परिस्थितियों में ही निजी इमारतों का चयन किया जाता है। 
  • निजी इमारतों का उपयोग स्वामी की लिखित सहमति से या आर.पी.ए. की धारा 160 के तहत बगैर सहमति से भी किया जा सकता है।

मतदान केंद्रों का अद्यतनीकरण

  • वार्षिक मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान मतदान केंद्रों की सूची का सत्यापन एवं अद्यतनीकरण (Update) किया जाता है। 
  • मसौदा सूची स्थानीय राजनीतिक दलों एवं नागरिकों से इनपुट के साथ तैयार की जाती है।
  • भारतीय निर्वाचन आयोग की मंजूरी के साथ अंतिम रूप देने के बाद इसे राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को वितरित किया जाता है। 
    • इसकी अतिरिक्त प्रतियाँ बिक्री के लिए उपलब्ध होती हैं।

मतदान केंद्र की संरचना 

मतदाताओं के लिए अलग-अलग प्रवेश एवं निकास बिंदु बनाए जाते हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर न्यूनतम सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव से पहले एक व्यापक अंतराल विश्लेषण आयोजित किया जाता है। 

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए प्रावधान

  • वर्तमान लोकसभा चुनावों में लगभग 88.4 लाख विकलांग मतदाता पंजीकृत हैं। ई.सी.आई. का सख्त मानदंड हैं कि वे बिना किसी परेशानी के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
  • दिव्यांग व्यक्तियों को सरल एवं बाधारहित मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर अधिकतम 1:12 ढलान वाला रैंप होना चाहिए। 
  • दिव्यांग मतदाताओं को स्टेशन के नजदीक व्हीलचेयर और निर्दिष्ट पार्किंग स्थान उपलब्ध कराया जाना चाहिए। 
  • उन्हें कतारों में इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अतिरिक्त दिव्यांग मतदाताओं के लिए नि: शुल्क परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के साथ ही पोस्टल बैलट के माध्यम से भी मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 
  • दिव्यांगजन के लिए वन स्टॉप सेंटर के रूप में निर्वाचन आयोग द्वारा सक्षम ऐप विकसित किया गया है। दृष्टिबाधित लोगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVMs) और डमी मतपत्र ब्रेल सुविधाओं के साथ आते हैं। 

मतदान केंद्र के भीतर प्रवेश की अनुमति 

  • मतदान केंद्र के अंदर केवल विशिष्ट व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति है। इनमें  शामिल हैं : 
    • पंजीकृत मतदाता
    • मतदान अधिकारी
    • उम्मीदवार
    • एक समय में प्रति उम्मीदवार एक मतदान एजेंट
    • अधिकृत मीडिया कर्मी
    • चुनाव ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक
    • निर्वाचक आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक
    • माइक्रो पर्यवेक्षक
    • वीडियोग्राफर
    • फोटोग्राफर 
    • महत्वपूर्ण/संवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए वेबकास्टिंग कर्मचारी
    • मतदाता के साथ नवजात शिशु 
    • दिव्यांग मतदाता की सहायता करने वाला एक व्यक्ति
    • मतदाता पहचान या सहायता प्रयोजनों के लिए पीठासीन अधिकारी द्वारा नियुक्त कोई अन्य व्यक्ति
  • आर.पी.ए. की धारा 130 के तहत मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी भी राजनीतिक प्रचार, कैमरे, मोबाइल फोन एवं प्रचार पर भी प्रतिबंध है। 
    • इसके उल्लंघन पर बिना वारंट के गिरफ्तारी का प्रावधान है। 
  • उम्मीदवार मतदान केंद्र के 200 मीटर से परे अपना बूथ स्थापित कर सकते हैं।

संवेदनशील मतदान केंद्र

  • ऐसे मतदान केंद्र जहाँ निर्वाचन आयोग मतदान प्रक्रिया की सुरक्षा और सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय करता है उन्हें संवेदनशील केंद्र के रूप में चिह्नित किया जाता है। 
  • इनमें शामिल हैं : 
    • असामान्य कानून एवं व्यवस्था की स्थिति वाले क्षेत्र
    • असामान्य रूप से उच्च या निम्नतम मतदाता मतदान दर वाले क्षेत्र 
    • ऐसे मतदान केंद्र जहाँ चुनावी अपराधों के कारण पिछले पाँच वर्षों में पुनर्मतदान हुआ हो 

संवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए उपाय 

  • ऐसे मतदान केंद्रों पर निर्वाचन आयोग चुनाव पूर्व विश्वास निर्माण की पहल करता है। 
  • उम्मीदवारों और खुफिया एजेंसियों से नियमित प्रतिक्रिया प्राप्त करता है। 
  • उपद्रवियों पर कानूनी कार्यवाही करता है। 
  • कानून की उचित धाराओं के तहत निवारक हिरासत का उपयोग करता है। 
  • मतदान के दिन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल एवं माइक्रो पर्यवेक्षक तैनात किए जाते हैं।
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