प्रारम्भिक परीक्षा – जैव ईंधन,ऊर्जा संसाधन मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र -3 |
सन्दर्भ
- अल्कोहल से जैव ईंधन तक इथेनॉल का विकास, कई उद्योगों में क्रांति लाने वाले नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन के रूप में इसकी अपार क्षमता को दर्शाता है।
मुख्य बिन्दु
- भारत की प्रगति को आगे बढ़ाने में जैव ईंधन की महत्वपूर्ण भूमिका हैं।
- स्थिरता पर तेजी से ध्यान केंद्रित करने वाली दुनिया में, जैव ईंधन एक व्यवहार्य, पर्यावरण-अनुकूल और कम-कार्बन के रूप में उभर रहा है। यह जीवाश्म ईंधन का एक वैकल्पिक स्रोत है।
- यह समर्पित दिन गैर-जीवाश्म ईंधन विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के विकल्प पेश करने का काम करता है।
- इसके साथ ही, यह जैव ईंधन क्षेत्र को मजबूत करने और इन नवीकरणीय संसाधनों को अपनाने को प्रोत्साहित करने में सरकार के अटूट समर्पण को उजागर करता है।
विश्व जैव-ईंधन दिवस हर साल 10 अगस्त को मनाया जाता है।
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जैव-ईंधन का विकास
- बायोमास से प्राप्त कोई भी ईंधन, जिसमें कृषि, घरेलू और औद्योगिक जैव-अपशिष्ट के साथ-साथ पौधे भी शामिल हैं और जो थोड़े समय के अंतराल में उत्पन्न होता है। वो सरकार के स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है। अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान।
- यह देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने, जीवाश्म ईंधन के उपयोग और संबंधित आयात निर्भरता को कम करने के साथ-साथ प्रदूषण को कम करने और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के साथ-साथ वैश्विक तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की संवेदनशीलता को कम करने के सरकार के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है।
- इथेनॉल मुख्य रूप से मक्का, गन्ना और सेल्युलोस-समृद्ध सामग्री जैसी फसलों से बायोमास के किण्वन के माध्यम से इथेनॉल में प्राप्त होता है, जिसमें बैक्टीरिया और खमीर जैसे सूक्ष्मजीव पौधों की शर्करा को चयापचय करते हैं और इथेनॉल का उत्पादन करते हैं।
इथेनॉल का उपयोग
- इथेनॉल के सबसे प्रसिद्ध अनुप्रयोगों में से एक गैसोलीन में जैव ईंधन के रूप में प्रयोग है। गैसोलीन के साथ इथेनॉल मिलने से न केवल ऑक्टेन का स्तर बढ़ता है, बल्कि इंजन के प्रदर्शन में भी सुधार होता है, तथा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन और हानिकारक प्रदूषकों में कमी आती है।
- इथेनॉल के ऑक्सीजन-समृद्ध गुण इंजनों को अधिक कुशलता से ईंधन जलाने में मदद करते हैं, जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन कम होता है और निकास साफ होता है।
- इथेनॉल-गैसोलीन का मिश्रण, वायु प्रदूषण से निपटने और हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक आशाजनक समाधान है।
नवीकरणीय ऊर्जा में भारत सरकार का योगदान
- भारत सरकार ने फरवरी 2023 में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल लॉन्च किया, ताकि विदेशी मुद्रा को खत्म करने वाले ईंधन आयात पर निर्भरता के साथ-साथ उत्सर्जन को कम करने के लिए जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ाया जा सके।
- 2025 तक पेट्रोल में मिश्रित 10% इथेनॉल की वर्तमान मात्रा को दोगुना करने की भारत सरकार की योजना है। " भारत सरकार के अनुसार, पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 1.5% (2014 में) से बढ़ाकर 10% कर दिया गया है और अब वर्तमान में इसे 20% करने की योजना है।"
- इथेनॉल नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों पर बढ़ती निर्भरता की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इथेनॉल के लाभ
- यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- यह ऊर्जा पोर्टफोलियो में विविधता लाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद कर रहा है।
- इथेनॉल का उपयोग बिजली उत्पादन, टर्बाइनों को बिजली देने और स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए जैव ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
- इथेनॉल अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, फार्मास्यूटिकल्स और यहां तक कि हैंड सैनिटाइजर जैसे व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में कार्य करता है।
- इथेनॉल के कीटाणुनाशक गुणों ने इसे स्वास्थ्य सेवा उद्योग में एक आवश्यक घटक बना दिया है, विशेष रूप से विनाशकारी COVID-19 महामारी के दौरान, जहां इसका उपयोग एक शक्तिशाली हैंड सैनिटाइजर घटक के रूप में आसमान छू गया था।
- यह किसानों के लिए एक बाज़ार बनाने और उन्हें अतिरिक्त राजस्व स्रोत प्रदान करने से लेकर एक ही फसल पर निर्भरता कम करने तक का कार्य करता है।
- इथेनॉल उत्पादन के लिए फसलों की खेती विभिन्न आर्थिक और कृषि लाभ प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त इथेनॉल उत्पादन के उपोत्पाद, जैसे डिस्टिलर्स के अनाज, पशु आहार के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
इथेनॉल उत्पादन में गन्ने की भूमिका/महत्त्व
- गन्ना इथेनॉल उत्पादन के लिए प्राथमिक उत्पाद है, इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का अधिशेष एक महत्वपूर्ण घटक है।
- यह न केवल अतिरिक्त राजस्व स्रोत प्रदान करके किसानों की आय में वृद्धि करता है। बल्कि फसल अधिशेष के प्रबंधन और कृषि कीमतों को स्थिर करने में भी मदद करता है।
- इथेनॉल उत्पादन और इससे जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला गतिविधियां, रोजगार के अवसरों के निर्माण को बढ़ावा देकर ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन में योगदान करती हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कृषि फीडस्टॉक उगाए और संसाधित किए जाते हैं।
इथेनॉल फ्यूल के प्रयोग से प्रदूषण में कमी
- इथेनॉल-मिश्रित ईंधन कम हानिकारक प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं।
- इससे वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के साथ ही स्वास्थ्य लागत में संभावित कमी होती है।
- इसका प्रयोग पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के साथ-साथ देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण बचत हो सकती है।
- वायु प्रदूषण से निपटने के लिए भारत विश्व के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में 8वें स्थान पर है।
इथेनॉल का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
- इथेनॉल आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभों का एक स्पेक्ट्रम प्रदान करता है,
- इसे एक मूल्यवान संसाधन के रूप में देश की ऊर्जा और स्थिरता रणनीतियों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ अधिक टिकाऊ और कम-कार्बन ऊर्जा का उत्पादन करता है।
वैश्विक पर्यावरण लक्ष्य
- नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत के रूप में इथेनॉल का प्रयोग किया जा सकता है।
- इसे हरित ऊर्जा के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है इसके लिये योजनाबद्ध नीति समर्थन और अनुसंधान तथा बुनियादी ढांचे के विकास में निरंतर निवेश के साथ इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए और अधिक कार्यक्रमों को सफल कार्यान्वयन के लिये कार्य किया जा रहा है ।
इथेनॉल फ्यूल किसे कहते हैं ?
- इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों के फ्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- इथेनॉल का उत्पादन यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों जैसे- मक्का,धान कि भूसी इत्यादि से भी इसे तैयार किया जा सकता है।
- इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है। भारतीय परिपेक्ष्य में देखा जाए तो इथेनॉल ऊर्जा का अक्षय स्रोत है क्योंकि भारत में गन्ने की फसल की पैदावार अधिक है।
विश्व में सबसे ज्यादा इथेनॉल कहाँ प्रयोग किया जाता है ?
- विश्व में सबसे ज्यादा इथेनॉल ब्राजील में प्रयोग किया जाता है। ब्राजील में लगभग 40 प्रतिशत गाड़ियां इथेनॉल से चलती हैं, यही नहीं बाकी गाड़ियों के फ्यूल में 24 प्रतिशत इथेनॉल मिला होता है।
- ब्राजील जैसे देश के लिए यह करना आसान इसलिए हुआ क्योंकि उनके पास भारत से तीन गुनी जमीन है और जनसँख्या उत्तर प्रदेश जितनी है अर्थात भारत से बहुत कम।
- स्वीडन और कनाडा में भी इथेनॉल फ्यूल से गाड़ियां चल रही है। कनाडा में तो इथेनॉल के इस्तेमाल पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है।
इथेनॉल से हानि
- अगर इथेनॉल की डिमांड बढ़ी तो गन्ने की फसल पर ज्यादा ध्यान दिया जायेगा।तथा अन्य फसलों पर कम ध्यान होगा जिससे हमें खाद्य संकट का सामना भी करना पड़ सकता है।
- गन्ने की खेती में पानी की आवश्यकता अधिक होती है ऐसे में हमें भू-जल संकट का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में हमें संतुलन बनाकर चलना उचित होगा।
प्रारम्भिक परीक्षा
प्रश्न : विश्व में सबसे ज्यादा इथेनॉल फ्यूल का प्रयोग करने वाला कौन-सा देश है?
(a) अमेरिका
(b) ब्राजील
(c) भारत
(d) कनाडा
उत्तर (b)
मुख्य परीक्षा
प्रश्न : इथेनॉल क्या है? इसके प्रयोग से होने वाले पर्यावरणीय लाभों एवं हानियों कि चर्चा कीजिए।
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