प्रारम्भिक परीक्षा – भारत में पांच नए वेटलैंड्स रामसर स्थल मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
संदर्भ
भारत ने पांच और वेटलैंड्स को रामसर साइटों (अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स) के रूप में नामित किया है।
प्रमुख बिंदु :-
- वेटलैंड पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
- अब भारत में इनकी संख्या 75 से बढ़ाकर 80 हो गई है।
- वेटलैंड/आद्रभूमि के संरक्षण के लिए भारत सरकार ने अमृत धरोहर पहल की शुरुआत की है।
- ये पांच वेटलैंड तमिलनाडु और कर्नाटक में स्थित हैं।
पांच नए नामित रामसर साइटों की सूची
क्र.सं.
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रामसर साइट का नाम
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राज्य
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कुल क्षेत्रफल हेक्टेयर में
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1
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अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व
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कर्नाटक
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98.76
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2
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अघनाशिनी मुहाना
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कर्नाटक
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4801
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3
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मगदी केरे संरक्षण रिजर्व
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कर्नाटक
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453.72
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4
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कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य
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तमिलनाडु
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453.72
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5
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लॉन्गवुड शोला रिजर्व वन
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तमिलनाडु
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116.007
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5 , 523.867
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1.अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व:-
- यह एक मानव निर्मित ग्रामीण सिंचाई टैंक है, जिसे सदियों पहले बनाया गया था।
- यह अंकसमुद्र गांव से सटे 98.76 हेक्टेयर (244.04 एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है।
- यह पारिस्थितिक एवं जैव विविधता से समृद्ध वेटलैंड है।
- इस वेटलैंड में 30,000 से अधिक जलपक्षी पाये जाते हैं।
- इनमें पेंटेड स्टॉर्क (मेक्टेरिया ल्यूकोसेफला) और ब्लैक-हेडेड आइबिस (थ्रेसकोर्निस मेलानोसेफालस) आदि प्रमुख हैं।
इस वेटलैंड में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजातियां :-
- पौधों की 210 से अधिक प्रजातियाँ
- स्तनधारियों की 8 प्रजातियाँ
- सरीसृपों की 25 प्रजातियाँ
- पक्षियों की 240 प्रजातियाँ
- मछलियों की 41 प्रजातियाँ
- मेंढकों की 3 प्रजातियाँ
- तितलियों की 27 प्रजातियाँ
- ओडोनेट्स की 32 प्रजातियाँ
2.अघनाशिनी एस्चुएरी:-
- यह अघनाशिनी नदी और अरब सागर के संगम पर बना है।
- यह वेटलैंड 4801 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इस आर्द्रभूमि में मछली पकड़ना, कृषि, खाद्य , केकड़ों का संग्रह, झींगा जलीय कृषि, मुहाना के चावल के खेतों में पारंपरिक मछली पालन (स्थानीय रूप से गजनी चावल के खेतों के रूप में जाना जाता है) और नमक उत्पादन किया जाता है।
- इसके मुहाने की सीमा से लगे मैंग्रोव वन तटों को तूफानों और चक्रवातों से बचाने में मदद करते हैं।
- इस वेटलैंड में नदी टर्न, ओरिएंटल डार्टर, कम काले-समर्थित गल, ऊनी-गर्दन वाले सारस, यूरेशियन ऑयस्टरकैचर आदि जलपक्षी प्रजातियां पायी जाती हैं।
3.मगदी केरे कंजर्वेशन रिजर्व:-
- यह आर्द्रभूमि लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित है।
- यह मानव निर्मित आर्द्रभूमि स्थल है।
- इसे वर्षा जल को संग्रहीत करके सिंचाई करने के लिए बनाया गया था।
- इसमें पक्षियों की 166 से अधिक प्रजातियों पायी जाती है , जिनमें से 130 प्रवासी पक्षी हैं।
- कॉमन पोचार्ड (अयथ्या फ़रीना)
- रिवर टर्न (स्टर्ना ऑरेंटिया) तथा
- ओरिएंटल डार्टर (एनहिंगा मेलानोगास्टर),
- ब्लैक-हेडेड आइबिस (थ्रेसकोर्निस मेलानोसेफालस)
- वूली-नेक्ड स्टॉर्क ( सिसोनिया एपिस्कोपस)
- चित्रित सारस (माइक्टेरिया ल्यूकोसेफला)
4. करावेट्टी पक्षी अभयारण्य:-
- यह तमिलनाडु में सबसे बड़े अंतर्देशीय आर्द्रभूमि में से एक है, जो 453.72 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
- आर्द्रभूमि के पानी का उपयोग ग्रामीणों द्वारा धान, गन्ना, कपास, मक्का और लाल चना जैसी कृषि फसलों की सिंचाई के लिए किया जाता है।
- इस आर्द्रभूमि में पक्षियों की लगभग 198 प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- बार-हेडेड गूज़
- पिन-टेल्ड डक
- गर्गनी, नॉर्दर्न शॉवेलर
- कॉमन पोचार्ड
- यूरेशियन विजन
- कॉमन टील
- कॉटन टील
5.लॉन्गवुड शोला रिजर्व :-
- इसका नाम तमिल शब्द "सोलाई" के नाम पर रखा गया है, जिसका अर्थ है 'उष्णकटिबंधीय वर्षा वन'।
- 'शोला' वन नीलगिरि, अनामलाई, पलानी हिल्स, कालाकाडु आदि जगह पर पाए जाते हैं ।
- इस आर्द्रभूमि में पश्चिमी घाट की 26 स्थानिक पक्षी प्रजातियों में से 14 यहाँ पाई जाती हैं।
- ब्लैक-चिन्ड नीलगिरि लाफिंग थ्रश (स्ट्रोफोसिनक्ला कैचिनन्स)
- नीलगिरि ब्लू रॉबिन (मायोमेला मेजर)
रामसर साइट :-
- रामसर साइट एक आर्द्रभूमि होता है। इसे यूनेस्को द्वारा ईरान के रामसर में फरवरी 1971 में हस्ताक्षरित एक पर्यावरण संधि के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिए नामित किया गया है।
- यह आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके संसाधनों के सतत उपयोग के संबंध में राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करता है।
- रामसर स्थल में शामिल होने के लिए रामसर कन्वेंशन द्वारा परिभाषित 9 मानदंडों में से कम से कम एक को पूरा करना होता है, जैसे- कमजोर, लुप्तप्राय, या गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों या खतरे वाले पारिस्थितिक समुदायों का समर्थन करना आदि।
- भारत रामसर कन्वेंशन में 1 फरवरी 1982 को शामिल हुआ।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस
- आर्द्रभूमि के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष 2 फरवरी को ‘विश्व आर्द्रभूमि दिवस’ मनाया जाता है।
- आर्द्रभूमि संरक्षण से संबंधित रामसर कन्वेंशन को 2 फरवरी 1971 को लागू किया गया था।
- पहली बार विश्व आर्द्रभूमि दिवस वर्ष 1997 में मनाया गया था।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 की थीम आर्द्रभूमि और मानव कल्याण है।
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प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित आर्द्र्भूमियों पर विचार कीजिए:
- अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व
- मगदी केरे संरक्षण रिजर्व
- कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य
- लॉन्गवुड शोला रिजर्व वन
- अघनाशिनी एस्चुएरी
उपर्युक्त में से भारत में किन्हें रामसर स्थल घोषित किया गया है?
(a) केवल दो
(b) केवल तीन
(c) केवल चार
(d) सभी पांच
उत्तर - (d)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण में आर्द्रभूमि (Wetland) के महत्व पर प्रकश डालें।
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स्रोत:PIB