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पश्चिमी अमेरिका में जंगल की आग की समस्या

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन सम्बंधी सामान्य मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

चर्चा में क्यों?

दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में जंगल की आग (दावानल) ने गम्भीर रूप ले लिया है और इसको अभी तक रिकॉर्ड की गई सबसे ख़तरनाक वनाग्नि के रूप में संदर्भित किया जा रहा है।

पृष्ठभूमि

सन् 1932 से कैलिफोर्निया में रिकॉर्ड की गई छह सबसे बड़ी व भयानक जंगल की आग की घटनाओं में से पाँच घटनाएँ वर्ष 2020 में घटित हुईं। इनमें सबसे बड़ी घटना अगस्त में घटी, जिसे ‘अगस्त कॉम्प्लेक्स फायर’ कहा गया। इससे लगभग 1,032,264 एकड़ क्षेत्र को क्षति पहुँची है।

कैलिफ़ोर्निया में जंगल की आग की अवधि

  • आमतौर पर पश्चिमी अमेरिका में जंगल की आग के मौसम का विस्तार बसंत के अंत से लेकर शीतकालीन मौसमी वर्षा और हिमपात तक रहता है। इसके अलावा विश्व भर में गर्म और शुष्क मौसम के दौरान जंगल की आग की घटना होती है।
  • इस आग से निकले धुएँ और राख ने सैन फ्रांसिस्को के खाड़ी क्षेत्र तथा ओरेगन व वाशिंगटन के कुछ हिस्सों में आसमान को नारंगी करने के साथ ही इन क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता को भी प्रभावित किया।

इस वर्ष कैलिफोर्निया में जंगल की आग के प्रारंभ होने का कारण

  • नासा की अर्थ ऑब्ज़र्वेटरी के अनुसार, अगस्त में कैलिफ़ोर्निया में शुष्क मौसम में बिजली गिरने की घटना के कारण जंगल में आग लगी थी। इस वर्ष भी कम से कम दस ‘लाइटनिंग कॉम्प्लेक्स फायर’ दर्ज की गई हैं। आकाशीय विद्युत झंझा में वृद्धि का एक कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है।
  • हालाँकि, कैलिफ़ोर्निया में अधिकांश जंगली आग मानवीय कारणों से लगती है। इसका एक उदाहरण पायरोटेक्निक डिवाइस का प्रयोग भी है। अन्य कारणों में विद्युत पारेषण लाइनें या अन्य उपकरण शामिल हैं, जो दूरस्थ क्षेत्रों में आग का कारण बनते हैं।
  • वर्ष 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार जंगल की आग के 84% घटनाओं के लिये मानवीय कारण ही उत्तरदायी हैं।

इस वर्ष वनाग्नि के घातक होने का कारण

  • यद्यपि जंगल की आग कैलिफ़ोर्निया राज्य की एक स्वाभाविक प्रक्रिया हैं, परंतु इस राज्य और पश्चिमी-अमेरिका में आग के मौसम की अवधि प्रत्येक वर्ष समय से पूर्व प्रारम्भ हो रही है और निश्चित समय के बाद समाप्त हो रही है।
  • वहाँ के स्थानीय कार्यालय के अनुसार, जलवायु परिवर्तन इस प्रवृत्ति का एक प्रमुख कारण है। वसंत व ग्रीष्म ऋतु के तापमान में वृद्धि तथा बर्फ़बारी में कमी एवं वसंत पूर्व बर्फ के पिघलने से शुष्क मौसम की अवधि बढ़ रही है।
  • इस शुष्क मौसम से वनस्पति में आर्द्रता की कमी ने जंगलों को गम्भीर वनाग्नि के प्रति अतिसंवेदनशील बना दिया है।
  • रिकॉर्ड उच्च तापमान, तेज़ हवाओं और विद्युत् झंझा की अधिकता का संयोजन कैलिफ़ोर्निया में मौजूदा जंगल की आग की गम्भीरता का कारण हो सकता है। दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में वर्तमान स्थिति सम्भवतः अत्यधिक हवा और आर्द्रता के कम स्तर के कारण है।

जंगल की आग का कारण

  • दहन की प्रक्रिया का प्रारम्भ या तो स्वाभाविक रूप से, जैसे- बिजली गिरने, या आकस्मिक रूप से, जैसे- सिगरेट स्टब्स से, हो सकता है।
  • हालाँकि, कभी-कभी दहन का कारण साभिप्राय हो सकता है, जैसे कि भूमि को खाली व साफ करना या जंगल की आग को नियंत्रित करने के लिये वनस्पतियों व पेड़-पौधों को हटाना।
  • शहद जैसे अन्य वनोपज उत्पादों को इकट्ठा करने के कारण भी जंगलों में आग की घटनाएँ होती हैं, जबकि पहाड़ी क्षेत्रो में अन्य कारणों सहित चीड़ (पाइनस) के पेड़ भी दावानल के लिये उत्तरदायी माने जाते हैं।
  • वनाग्नि की तीव्रता एवं आवृत्ति उस क्षेत्र में पैदा होने वाले पौधों की प्रजातियों पर भी निर्भर करती हैं। साथ ही, भू-आकृति व मौसम, जैसे- गर्मी, बारिश, वायु की दिशा व आर्द्रता भी इस पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
  • एक मूल्यांकन रिपोर्ट ने औसत तापमान में वैश्विक वृद्धि, हीटवेव की आवृत्ति, तीव्रता व सीमा में वैश्विक वृद्धि और सूखे की आवृत्ति, अवधि व तीव्रता में क्षेत्रीय वृद्धि जैसे कुछ कारकों की पहचान की है, जो जंगल की आग के व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं।

हानियाँ

  • जंगल की आग से जैव विविधता को क्षति होने के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या में वृद्धि होती है।
  • साथ ही, इससे पारिस्थितिक तंत्र में बदलाव आता है, जो कई प्रजातियों के विलुप्त होने का कारण बनता है, इससे नई प्रजातियाँ उस क्षेत्र में प्रभावी हो जाती हैं। इस प्रक्रिया से अग्नि अप्रिय (पायरोफोबिक) पौधों का स्थान अग्नि सह्य (पायरोटालरेन्ट) व अग्नि प्रिय (पायरोफिलिक) पौधे ले लेते हैं। इस कारण से कहीं-कहीं भूमि के अपक्षय के साथ-साथ मरुस्थलीकरण भी देखने को मिलता है।
  • वनाग्नि से उत्पन्न ध्रूम पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करने वाले बड़े कारक के रूप में उभरा है, जो कि पर्यावरण पर हरित गृह की ही तरह का प्रभाव डालता है अर्थात् आग से गर्मी व गर्मी से आग में वृद्धि होती है।
  • इसके अतिरिक्त मृदा की शुष्कता में वृद्धि के साथ उर्वरता में कमी आती है।
  • पर्यटन, रोज़गार व उद्योगों की हानि के साथ ही टिम्बर, दुर्लभ व आयुर्वेदिक गुणों से युक्त वनस्पतियां भी इससे नष्ट हो जाती हैं।
  • वनोत्पादों पर निर्भर रहने वाले आदिवासियों के लिये खाद्य संकट उत्पन्न हो जाता है।
  • इसके कारण पारिस्थितिक तंत्र में खाद्य शृंखला का असुंतलन पैदा हो जाता है।

प्री फैक्ट :

  • कैलिफ़ोर्निया में चलने वाली तेज़ व शुष्क हवाओं को ‘सांता एना’ हवा कहा जाता है।
  • भारत में वर्ष 1988 में राष्ट्रीय वन नीति और वर्ष 1980 में वन संरक्षण अधिनियम को अपनाया गया।
  • रियो पृथ्वी सम्मेलन (1992) में जंगल की आग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई थी।
  • कैलिफ़ोर्निया में अगस्त माह में घटने वाली आग की एक बड़ी घटना को ‘अगस्त कॉम्प्लेक्स फायर’ कहा गया।
  • पहाड़ी क्षेत्रो में अन्य कारणों सहित चीड़ (पाइनस) के पेड़ भी वनाग्नि के लिये उत्तरदायी माने जाते हैं।
  • ‘कंट्रोल फायर लाइन’ कृत्रिम या प्राकृतिक रूप से निर्मित एक ऐसी सीमा रेखा होती है, जिसके पार आग को नियंत्रित करने व बढ़ने से रोकने का प्रयास विभिन्न तरीकों से किया जाता है। इसके लिये अग्निरोधी वनस्पतियों को उगाने के साथ अन्य सहायक तरीकों का प्रयोग किया जाता है।
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