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जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता

(मुख्य परीक्षा ,सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 : आईटी, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूकता, जैव-प्रौद्योगिकी)

संदर्भ 

जेनेरिक एआई उद्योग से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में $7 से $10 ट्रिलियन तक वृद्धि का अनुमान है। जेनेरिक एआई (जैसे- चैटजीपीटी) से लाभ एवं नुकसान का एक चक्र शुरू हो गया है। ऐसे में उपभोक्ताओं द्वारा डिजिटल स्पेस में सुरक्षित रूप से नेविगेट करने, गोपनीयता तथा मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए सहयोगात्मक तरीकों से समाधान विकसित करना आवश्यक हो गया है।

क्या है जनरेटिव एआई या जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Generative AI)

  • जेनरेटिव एआई एक प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक है, जो अनुदेशों (Prompts) के प्रत्युत्तर (Response) में टेक्स्ट, इमेजरी, ऑडियो एवं सिंथेटिक डाटा सहित विभिन्न प्रकार की सामग्री का उत्पादन कर सकती है।
  • जेनरेटिव एआई मॉडल अपने इनपुट प्रशिक्षण डाटा के पैटर्न एवं संरचना को सीखते हैं और फिर समान विशेषताओं वाले नए डाटा उत्पन्न करते हैं।
  • जेनेरिक एआई की शुरुआत जेनेरिक एडवरसैरियल नेटवर्क (GAN : एक प्रकार की मशीन लर्निंग एल्गोरिदम) के रूप में हुई थी, जिसके माध्यम से यह लोगों की विश्वसनीय रूप से प्रामाणिक छवियां, वीडियो व ऑडियो बना सकता है। 

जनरेटिव एआई के उपयोग 

  • सेवा क्षेत्र में : जनरेटिव AI ने शिक्षा, बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा व विनिर्माण जैसे क्षेत्रों के एकीकरण के साथ काम करने के वर्तमान तरीके को असाधारण रूप से परिवर्तित कर किया है
  • उद्योग में स्वचालन में : जनरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफॉर्मर (चैटजीपीटी में प्रयुक्त) सहित फाउंडेशन मॉडल एआई आर्किटेक्चर नवाचारों का उपयोग मशीनों को स्वचालित करने, व्यापार तथा आईटी प्रक्रियाओं को स्वचालित रूप से निष्पादित करने के लिए किया जा सकता है।
  • जेनरेटिव एआई से उत्पादों का तीव्र विकास, बेहतर ग्राहक अनुभव एवं बेहतर कर्मचारी उत्पादकता को प्राप्त किया जा सकता है। 

जनरेटिव एआई की सीमाएँ व समस्याएँ 

  • पारदर्शिता की कमी : जेनरेटिव एआई एवं चैटजीपीटी मॉडल अत्यधिक अप्रत्याशित एवं अस्पष्ट हैं जिसके कारण कई बार इनकी कार्यप्रणाली को समझने में कंपनियां भी असमर्थ होती हैं। 
  • सटीकता की समस्या : जेनरेटिव एआई सिस्टम कभी-कभी गलत एवं मनगढ़ंत आउटपुट (उत्तर) देते हैं। इससे जानकारी पर भरोसा करने या सार्वजनिक रूप से उपयोग करने के साथ-साथ सटीकता, उपयुक्तता एवं वास्तविक उपयोगिता को लेकर संदेह होता है। 
  • नीतियों का आभाव : पक्षपातपूर्ण आउटपुट का पता लगाने, कंपनी की नीति और किसी भी प्रासंगिक कानूनी आवश्यकताओं के अनुरूप उनसे निपटने के लिए नीतियों या नियंत्रणों की आवश्यकता है। 
  • बौद्धिक संपदा (IP) एवं कॉपीराइट : यह नए प्रकार की साहित्यिक चोरी (Plagiarism) को बढ़ावा दे सकता है जो मूल सामग्री के रचनाकारों व कलाकारों के अधिकारों के विरुद्ध है।
  • साइबर सुरक्षा एवं धोखाधड़ी : इससे साइबर सुरक्षा की समस्या एवं धोखाधड़ी व फ्रॉड (वॉइस क्लोनिंग आदि) बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है
    • डीप इंस्टिंक्ट द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 75% पेशेवरों ने विगत वर्ष साइबर हमलों में वृद्धि देखी है, जबकि सर्वेक्षण में शामिल 85% उत्तरदाताओं ने जेनरेटिव एआई को बढ़ते जोखिम के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

बैलेचली घोषणापत्र (Bletchley Declaration

  • यूनाइटेड किंगडम में पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित गंभीर चिंताओं से निपटने के लिए राष्ट्रों ने बैलेचली घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये थे।
  • बैलेचली घोषणा का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान केंद्रित करके एआई में शामिल जोखिमों एवं जिम्मेदारियों को अधिक व्यापक व सहयोगात्मक तरीके से संबोधित करना है।

क्या किया जाना चाहिए 

  • डिजिटल जागरूकता को बढ़ावा : कॉर्पोरेट स्तर पर व्यावसायिक मीडिया एवं डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से डिजिटल जागरूकता को समायोजित करने, कर्मचारियों के बीच डिजिटल ज्ञान अंतराल की पहचान करने और उससे निपटने के दौरान कार्यस्थल में मजबूत डिजिटल प्रवाह को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। 
  • कार्यबल को प्रशिक्षित करना : डिजिटल परिदृश्य को कुशलतापूर्वक नेविगेट करने, विश्वसनीयता की पहचान करने और प्रमाणीकरण के लिए स्रोतों को सत्यापित करने तथा अधिक सक्षम बनाने के लिए कार्यबल को प्रशिक्षित करना चाहिए। 
    • एआई-संचालित दुनिया में साइबर सुरक्षा के लिए वस्तुतः समग्र दृष्टिकोण के लिए गैर-सरकारी संगठनों और अन्य आउटरीच संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका का उपयोग किया जा सकता है जो व्यक्तियों को डिजिटल दुनिया से परिचित कराते हुए उन्हें आवश्यक उपकरणों से लैस कराना आवश्यक हैं। 
  • साइबर साक्षरता : साइबर साक्षरता के माध्यम से जमीनी स्तर पर डिजिटल रूप से समझदार नागरिकों को बढ़ावा देकर एआई-संचालित डिजिटल परिदृश्य में उभरते खतरों के खिलाफ अधिक मजबूत सुरक्षा का निर्माण किया जा सकता है।
  • सहयोगात्मक प्रयास : अधिक परिष्कृत प्रणालियों व प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के सह-साथ सुरक्षा की भावना को बनाए रखने के लिए सहयोगात्मक प्रयास सर्वोपरि हैं, जिससे व्यक्तियों व संगठनों को अपने व्यक्तिगत हितों व पहचान की सुरक्षा के लिए समुदायों को अधिक सशक्त बनाने में सक्षम बनाया जा सके।
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