प्रारंभिक परीक्षा - उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वन मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी |
चर्चा में क्यों
- वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच द्वारा उद्धृत नए शोध में कहा गया है कि 2022 में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में 4.1 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र खो (lost) गया।
- इस वन हानि से 2.7 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन हुआ, जो भारत के वार्षिक उत्सर्जन के लगभग बराबर है।
प्रमुख बिंदु
- दुनिया अपनी अधिकांश वन-संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की राह पर नहीं है।
- मैरीलैंड विश्वविद्यालय के अनुसार, 2022 में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्राथमिक वन आवरण हानि 2021 की तुलना में 10% अधिक थी।
प्राथमिक वन क्या हैं?
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- प्राथमिक वन परिपक्व, प्राकृतिक वन हैं जो अभी तक मानवीय हस्तक्षेप से अछूता हैं।
- ये वन अन्य वनों की तुलना में अधिक कार्बन संग्रहीत करते हैं और जैव विविधता के समृद्ध स्रोत हैं।
- प्राथमिक वन हानि प्रकृति में लगभग अपरिवर्तनीय है।
- भले ही हरा आवरण फिर से बढ़ जाए परन्तु द्वितीयक वन में प्राथमिक वन की जैव विविधता और कार्बन पृथक्करण क्षमताओं को प्राप्त करने की संभावना नहीं होती है।
ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच के नए निष्कर्ष
- दुनिया अपनी वन संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की राह पर नहीं चल रही है।
- डब्ल्यूआरआई (WRI)दो लक्ष्यों पर प्रगति मापता है –
- 2030 तक वनों की कटाई को समाप्त करना,
- 2030 तक 350 मिलियन हेक्टेयर( million hectares) (एमएचए) समाप्त और नष्ट हुए जंगलों को बहाल करना जो कई वैश्विक वन प्रतिज्ञाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- 2030 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वैश्विक वनों की कटाई को हर साल कम से कम 10% कम करने की आवश्यकता है।
- 2022 में, हालांकि वैश्विक वनों की कटाई की दर 2018-2020 की आधार रेखा से 3.1% कम थी, फिर भी यह आवश्यक स्तर से दस लाख हेक्टेयर से अधिक ऊपर थी।
- यह दुनिया को 2030 के लक्ष्य को पूरा करने की राह से भटका( off track) देता है।
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- 2030 तक विश्व स्तर पर 350 एमएचए (Mha) वनों को बहाल करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए, दुनिया को 2021 और 2030 के बीच, प्रति वर्ष 22 एमएचए (Mha) तक वृक्षावरण बढ़ाने की जरूरत है।
- कुछ लाभ दर्ज करने के बावजूद भी विगत 20 वर्षों में वृक्षावरण में समग्र घाटा 100 एमएचए का था ।
- इसका मतलब यह है कि हम अभी भी वनों को समाप्त कर रहे हैं और उन्हें अपेक्षित दर से बहाल नहीं कर रहे हैं।
- 2022 में कुल वैश्विक वृक्षावरण हानि में 10% की गिरावट आई।
- इसमें प्राथमिक, द्वितीयक और रोपित वन शामिल हैं। ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच के अनुसार, यह कमी आग से संबंधित वन हानि में कमी का प्रत्यक्ष परिणाम है।
- वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच द्वारा उद्धृत नए शोध में कहा गया है कि 2022 में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में 4.1 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र खो गया। यह प्रति मिनट 11 फुटबॉल मैदानों के क्षेत्र को खोने के बराबर है।
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- ब्राज़ील और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य सबसे अधिक उष्णकटिबंधीय वन आवरण वाले दो देश हैं, और दोनों देशों में 2022 में इन वन संसाधन का नुकसान दर्ज किया गया।
- घाना और बोलीविया भी तेजी से अपना प्राथमिक वनावरण खो रहें हैं।
- इंडोनेशिया और मलेशिया 2022 में प्राथमिक वनावरण हानि न्यूनतम रही।
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- डब्ल्यूआरआई के अनुसार ब्राजील में प्राथमिक वन आवरण के नुकसान की उच्च दर जायर बोल्सोनारो के राष्ट्रपतित्व के अंतिम वर्ष में हुई।
- अपने कार्यकाल में बोल्सोनारो को अमेज़ॅन नदी के किनारे दुनिया के सबसे बड़े वर्षावन में विनाश की वृद्धि के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था।
- अमेज़ॅन बेसिन में वन हानि न केवल कार्बन बल्कि क्षेत्रीय वर्षा को भी प्रभावित करती है।
- यदि वनों की कटाई मौजूदा दर से जारी रहती है, तो अंततः यह एक चरम बिंदु तक पहुंच सकता है, जिसे पार करने पर, अधिकांश पारिस्थितिकी तंत्र सवाना में परिवर्तित हो सकता है।
- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो ने 2022 में पांच लाख हेक्टेयर से अधिक प्राथमिक वन क्षेत्र को खो दिया।
- वनों के नुकसान की यह दर हाल के वर्षों में लगातार बढ़ रही है। जैसे-जैसे देश की आबादी बढ़ती है, भोजन की मांग अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप कृषि के तहत क्षेत्र का विस्तार होता है और प्राथमिक वनों की भूमि पर अतिक्रमण होता है।
- प्राथमिक वनों को अल्पकालिक खेती के लिए जला दिया जाता है और फिर मिट्टी के पोषक तत्वों के पुनर्जनन के लिए परती छोड़ दिया जाता है। हालाँकि, भोजन की बढ़ती माँग ने परती अवधि को कम कर दिया है, जिससे अधिक जंगल नष्ट हो गए हैं।
- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के जंगलों की रक्षा के लिए 2021 में ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में 500 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन इसका अभी तक देश में वनों की कटाई की दर पर प्रभाव नहीं पड़ा है।
- दूसरी ओर, इंडोनेशिया ने हाल के वर्षों में किसी भी अन्य देश की तुलना में अपनी प्राथमिक वन हानि दर को कम कर दिया है। कोस्टारिका, चीन, कोटे डी आइवर, वियतनाम, गैबॉन, मेडागास्कर, निकारागुआ और इक्वेटोरियल गिनी के साथ मलेशिया भी 2022 में अपने प्राथमिक वन स्तर को कम रखने में कामयाब रहें।
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भारत की स्थिति
- ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच के अनुसार, भारत ने 2021 और 2022 के बीच 43.9 हज़ार हेक्टेयर आर्द्र प्राथमिक वन खो दिया, जो इस अवधि में देश के कुल वृक्षावरण हानि का 17% है।
- 2021 और 2022 के बीच भारत में कुल वृक्षावरण हानि 255 हजार हेक्टेयर थी।
प्रश्न: वैश्विक उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- प्राथमिक वन परिपक्व, प्राकृतिक वन हैं जो अभी तक मानवीय हस्तक्षेप से अछूता हैं।
- ब्राज़ील और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में उष्णकटिबंधीय वन आवरण वाले देश हैं।
- इंडोनेशिया ने हाल के वर्षों में किसी भी अन्य देश की तुलना में अपनी प्राथमिक वन हानि दर को कम कर दिया है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : वन किसे कहते है? वैश्विक उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वन के महत्व एवं दोहन में होने वाली कठिनाईयों का उल्लेख कीजिए।
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