New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम

संदर्भ

केंद्र ने ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम (GCP) के अंतर्गत 12 हरित परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसे विगत वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किए गए बाजार-आधारित तंत्र के रूप में अधिसूचित किया गया था।

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम से संबंधित प्रमुख बिंदु

  • 13 अक्तूबर, 2023 को अधिसूचित जी.सी.पी. के अंतर्गत सार्वजनिक उपक्रमों, निजी उद्योगों, गैर-लाभकारी संस्थाओं एवं व्यक्तियों से वनीकरण, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन जैसे ‘पर्यावरणीय रूप से सकारात्मक कार्यों’ में स्वैच्छिक भागीदारी के प्रावधान किए गए हैं।
  • सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) पर जी.सी.पी. के लिए पंजीकरण करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दबाव डाल रही है और विशेषकर खनन क्षेत्र से जुड़े पीएसयू को प्रेरित करने का प्रयास है।
    • इसके अलावा सरकार जी.सी.पी. के तहत पंजीकृत परियोजनाओं के तीसरे पक्ष से सत्यापन के लिए दिशानिर्देश भी विकसित किए हैं।

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम

  • यह वर्ष 2021 में घोषित ‘पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली’ (LiFE) अभियान के अंतर्गत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक अग्रणी पहल है। 
  • इनका लक्ष्य जलवायु परिवर्तन, स्थिरता एवं पर्यावरण के प्रति परंपरा एवं संरक्षण में मौजूद पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करना हैं।

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम के उद्देश्य

  • यह पर्यावरण के लिए सकारात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करेगा और ग्रीन क्रेडिट प्रदान करेगा। 
    • ग्रीन क्रेडिट व्यापार योग्य होगा और घरेलू बाजार मंच पर व्यापार के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
  • ग्रीन क्रेडिट प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों व संस्थाओं को अपनी गतिविधियों को पंजीकृत करना होगा। छोटी परियोजनाओं के लिए स्व-सत्यापन के साथ गतिविधि का सत्यापन किया जाएगा। एक बार सत्यापन हो जाने पर प्रशासक एक ग्रीन क्रेडिट प्रमाणपत्र प्रदान करेगा जो ग्रीन क्रेडिट प्लेटफॉर्म पर व्यापार योग्य होगा।
  • उद्योगों, कंपनियों एवं अन्य संस्थाओं को ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम में निर्दिष्ट स्वैच्छिक पर्यावरणीय उपाय करने के उद्देश्य से अन्य व्यक्तियों और इकाइयों को सुविधा प्रदान करने के लिए ग्रीन क्रेडिट प्रदान कर या खरीदकर प्रोत्साहित करना।
  • ग्रीन क्रेडिट प्रदान करके कार्बन उत्सर्जन को कम करना या समाप्त करना।

प्रमुख प्रावधान 

  • ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम एक अभिनव बाजार-आधारित व्यवस्था है जिसे व्यक्तियों, समुदायों, निजी क्षेत्र के उद्योगों एवं कंपनियों जैसे विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 
  • ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम का शासन ढांचा एक अंतर-मंत्रालयी संचालन समिति द्वारा समर्थित है और भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के प्रशासक के रूप में कार्य करता है। यह कार्यक्रम कार्यान्वयन, प्रबंधन, निगरानी एवं संचालन के लिए जिम्मेदार है।
  • भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद द्वारा विकसित किया जा रहा ग्रीन क्रेडिट रजिस्ट्री एवं ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, पंजीकरण और उसके बाद ग्रीन क्रेडिट की खरीद व बिक्री की सुविधा प्रदान करेगा। 
  • ग्रीन क्रेडिट प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति या संस्था को उपर्युक्त किसी भी कार्य हेतु ग्रीन क्रेडिट लेने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य को प्रशासक के पास रजिस्टर करना होगा।

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम में निर्दिष्ट स्वैच्छिक पर्यावरणीय उपाय 

  • ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम अपने प्रारंभिक चरण में दो प्रमुख गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करता है : जल संरक्षण और वनीकरण।
  • ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम के अंतर्गत कोई व्यक्ति या इकाई पर्यावरण की सुरक्षा, परिरक्षण या संरक्षण के प्रयोजनार्थ निम्नलिखित उपायों को अपना सकता है- 
    • वृक्षारोपण : सम्पूर्ण देश में हरित आवरण बढ़ाने के लिए कार्यों को प्रोत्साहन हेतु। 
    • जल प्रबंधन : जल संरक्षण, जल संचयन एवं जल के कुशल उपयोग या जल बचत को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, जिसमें अपशिष्ट जल का उपचार और पुनः उपयोग सम्मिलित है।
    • सतत कृषि : उत्पादकता, मृदा स्वास्थ्य एवं उत्पादित खाद्य के पोषण मूल्य में सुधार लाने के लिए प्राकृतिक व पुनर्योजी कृषि प्रथाओं तथा भूमि पुनरूद्धार के लिए सतत कृषि को प्रोत्साहन।
    • अपशिष्ट प्रबंधन : संग्रहण, पृथक्करण एवं पर्यावरण की दृष्टि से सुदृढ़ प्रबंधन सहित चक्रीय व परिष्कृत प्रथाओं को अपनाकर अपशिष्ट प्रबंधन को प्रोत्साहन।
    • वायु प्रदूषण में कमी लाना : वायु प्रदूषण में कमी लाने वाले उपायों और अन्य प्रदूषण उपशमन कार्यकलापों को प्रोत्साहन।
    • मैंग्रोव संरक्षण एवं पुनरुद्धार : मैंग्रोव के संरक्षण एवं पुनरूद्धार के उपायों को प्रोत्साहन।
    • इकोमार्क लेवल विकसित करना : विनिर्माताओं को अपनी वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए इकोमार्क लेबल प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन। 
    • सतत भवन और बुनियादी ढांचा : पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों एवं सामग्रियों का उपयोग करके पर्यावरण अनुकूल भवनों व अन्य आधारभूत ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहन।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR