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 गुजरात दंगा मामला: गवाहों, वकील और रिटायर्ड जज का हटाया गया सुरक्षा कवर

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी

संदर्भ-

  • 29 दिसंबर, 2023 को गुजरात सरकार ने 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार और उसके बाद हुए दंगों के 95 गवाहों, वकील और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की सुरक्षा वापस ले ली।

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मुख्य बिंदु-

  • सुरक्षा वापस लेने का निर्णय दंगों के मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (SIT) के गवाह संरक्षण प्रकोष्ठ की सिफारिशों पर लिया गया 
  • एसआईटी अधीक्षक बीसी सोलंकी ने 13 दिसंबर, 2023 को लिखे पत्र में सभी जिला और शहर पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर सूचित किया कि उनके अधिकार क्षेत्र में गवाहों से एसआईटी सुरक्षा वापस ली जा रही है। 
  • सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज के बाद एसआईटी द्वारा सुरक्षा प्रदान की जा रही थी।
  • सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वकील और जकिया जाफरी की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा की जाती थी।
  • नरोदा पाटिया दंगा मामले में 32 लोगों को दोषी ठहराने वाली और 2014 में सेवानिवृत्त होने से पहले नरोदा गाम मामले के सुनवाई की अध्यक्षता शहर की पूर्व मुख्य सत्र न्यायाधीश ज्योत्सना याग्निक ने की थी।
  • गुलबर्ग सोसायटी के पीड़ितों की ओर से वकील एस.एम. वोरा कोर्ट में लड़ रहे थे।
  • अहमदाबाद पुलिस ने नरोदा गाम, नरोदा पाटिया और गुलबर्ग सोसायटी जैसे दंगों के विभिन्न मामलों के 95 गवाहों को दी गई पुलिस सुरक्षा वापस ले ली है।
  • जिन लोगों की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें फरीदा शेख भी शामिल हैं।
  • फरीदा शेख ने नरोदा पाटिया दंगा मामले में अदालत के समक्ष गवाही दी थी।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- गुजरात दंगे से संबंधित नरोदा गाम मामले के सुनवाई की अध्यक्षता किसने की थी?

(a) न्यायमूर्ति हिमा कोहली

(b) न्यायमूर्ति ज्योत्सना याग्निक

(c) न्यायमूर्ति गीता मित्तल

(d) न्यायमूर्ति शील नागू

उत्तर- (b)

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