New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा में वृद्धि

प्रमुख बिंदु

  • हाल ही में, कानून मंत्रालय द्वारा विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिये चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा में 10% की वृद्धि की गई है। यह कदम चुनाव आयोग द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनज़र एक अनुशंसा पर आधारित है।
  • हालाँकि, ‘चुनाव नियमों के संचालन, 1961’ में संशोधन करने वाली अधिसूचना में इस बात का उल्लेख नहीं है कि महामारी समाप्त होने के बाद यह वृद्धि वापस ले ली जाएगी या नहीं।
  • उल्लेखनीय है कि अंतिम बार चुनावी खर्च की सीमा को वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बढ़ाया गया था।

चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा

  • चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा राज्यों के अनुसार अलग-अलग होती है। बिहार, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों को पूर्व में 28 लाख रूपए के मुकाबले अब 30.8 लाख रूपए तक खर्च करने की अनुमति है।
  • इन राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिये चुनावी खर्च की संशोधित सीमा अब 70 लाख की पूर्व राशि की बजाय 77 लाख हो गई है।
  • गोवा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचन क्षेत्रों एवं जनसंख्या के आकार के आधार पर चुनावी खर्च की सीमा कम है।
  • ऐसे राज्यों में लोकसभा उम्मीदवार के लिये अधिकतम सीमा अब 59.4 लाख रूपए है, जबकि किसी विधानसभा उम्मीदवार के लिये अधिकतम सीमा 22 लाख रूपए तक है।

चुनाव आयोग द्वारा महामारी के दौरान प्रचार के लिये विशेष दिशा-निर्देश

  • कुछ समय पूर्व ही चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के लिये डोर-टू-डोर प्रचार के लिये तीन लोगों के समूह की सीमा तय की है। साथ ही, रोड शो के दौरान 10 की जगह अब सिर्फ 5 कारों के प्रयोग की अनुमति प्रदान की गई है।
  • नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने के लिये केवल दो लोग ही उम्मीदवार के साथ जा सकते हैं, जबकि रैली या सभा में उपस्थित लोगों की संख्या ‘सार्वजनिक समारोहों के लिये राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सीमा’ से अधिक नहीं हो सकती है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR