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भारत ने मिसाइल कार्वेट आईएनएस कृपाण वियतनाम को सौंप दिया

प्रारम्भिक परीक्षा - भारत और वियतनाम संबंध
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 और 3

चर्चा में क्यों

भारत ने 22 जुलाई 2023 को अपना इन-सर्विस मिसाइल कार्वेट आईएनएस कृपाण वियतनाम को सौंप दिया।

प्रमुख बिंदु

  • ध्यातव्य है की रक्षा मंत्री ने 19 जून 2023 को अपने वियतनामी समकक्ष की यात्रा के दौरान वियतनाम को आईएनएस कृपाण उपहार में देने की घोषणा की थी । आईएनएस कृपाण स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट है।
  • भारतीय नौसेना से वीपीएन (Vietnam People’s Navy) में आईएनएस कृपाण का स्थानांतरण हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना के 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार' होने की स्थिति का प्रतीक है।
  • यह निश्चित रूप से दोनों नौसेनाओं के बीच मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक होगा।
  • भारत और वियतनाम के बीच गहरी दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी को यह रेखांकित करता है ।
  • यह पहला अवसर है जब भारत किसी मित्र देश को पूरी तरह से ऑपरेशनल कार्वेट गिफ्ट कर रहा है।

समावेशी हिन्द –प्रशांत नीति

  • भारत स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिन्द –प्रशांत नीति में विश्वास करता है, जिसमें किसी भी देश को बाहर नहीं रखा जाना चाहिए भारत के इस नीति का वियतनाम समर्थक है।
  • भारत और वियतनाम दोनों वैश्विक समुदाय के जिम्मेदार सदस्य हैं और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी ढांचे में निहित निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं।
  • समान मूल्यों के बीच सबसे महत्वपूर्ण इंडो-पैसिफिक पर विचारों में समानता है।
  • दोनों इस क्षेत्र को न केवल एक भौगोलिक संरचना के रूप में देखते हैं, बल्कि एक एकीकृत क्षेत्र के रूप में भी देखते हैं।
  • वियतनाम भारत के 'इंडो-पैसिफिक विजन' में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुरक्षित, संरक्षित और स्थिर रखने की दिशा में संबंधों को मजबूत करना और साझेदारी विकसित करना है।
  • हाल ही में भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टि वक्तव्य-2030 पर हस्ताक्षर करने से मौजूदा सुरक्षा सहयोग के दायरे का विस्तार होगा ।
  • यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी 'एकल' देश हिन्द -प्रशांत क्षेत्र में अपने हितों की पूर्ति के लिए नियमों में एक तरफा बदलाव या अपने अनुरूप व्याख्या नहीं कर सकता है।

आईएनएस कृपाण

  • आईएनएस कृपाण खुकरी श्रेणी की मिसाइल कार्वेट है।
  • यह लगभग 12 अधिकारियों 100 नाविकों द्वारा संचालित है । 90 मीटर लंबा 10.45 मीटर चौड़ा है और अधिकतम विस्थापन (maximum displacement) 1,450 टन है।
  • इसे 12 जनवरी, 1991 को नौसेना में शामिल किया गया था।
  • इसमे सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें लगी हुई हैं।
  • यह तटीय और अपतटीय गश्त, तटीय सुरक्षा, सतह युद्ध, समुद्री डकैती रोधी, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन सहित विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं करने में सक्षम हैं।
  • कृपाण का हस्तांतरण एक ऐसा उदाहरण है जिसमें भारत और वियतनाम पनडुब्बी बचाव सहायता और सहयोग के साथ-साथ रखरखाव के क्षेत्र में भी अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।
  • दक्षिण चीन सागर में बढ़ते चीनी प्रभाव के बीच यह विकास महत्वपूर्ण है, जो क्षेत्र में वियतनाम के साथ क्षेत्रीय विवादों को जन्म दे रहा है।
  • एक देश के रूप में, वियतनाम भारत का सहयोगी रहा है और पिछले कुछ वर्षों में उसने हमेशा चीनी दबाव का विरोध किया है।

भारत वियतनाम सहयोग

  • भारत और वियतनाम 1950 के दशक से करीबी राजनीतिक सहयोगी रहे हैं और उन्होंने दक्षिण चीन सागर विवाद जैसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर एक-दूसरे के रुख का समर्थन किया है।
  • भारत और वियतनाम कई वर्षों से सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग कर रहे हैं। हाल के वर्षों में, दोनों देशों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के जवाब में सुरक्षा सहयोग को बढ़ाया है।
  • इस सहयोग में संयुक्त अभ्यास, खुफिया जानकारी साझा करना और समुद्री सुरक्षा शामिल है।
  • हनोई ने सितंबर 2014 में विस्तारित 100 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन (एलओसी) के 12 हाई स्पीड गश्ती नौकाएं खरीदी हैं।
  • 2016 में भारत ने 500 मिलियन डॉलर की एक और रक्षा एलओसी का विस्तार किया, जिसके कारण उपकरणों की पहचान करने के लिए चर्चा चल रही है।
  • भारत और वियतनाम ने 2016 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा की है और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है।
  • वियतनाम भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
  • इसमें दोनों देशों के बीच व्यापक संपर्क शामिल हैं, जिनमें रक्षा नीति संवाद, सैन्य से सैन्य आदान-प्रदान, उच्च स्तरीय यात्राएं, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सहयोग, जहाज यात्राएं और द्विपक्षीय अभ्यास शामिल हैं।
  • दोनों देशों ने 2030 तक भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर एक संयुक्त दृष्टिकोण वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए थे और उनके बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए पारस्परिक रसद समर्थन( Mutual Logistics Support) पर एक समझौता किया गया।
  • वियतनाम समेत अन्य देश भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें खरीदने पर विचार कर रहे हैं।

प्रश्न :निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए

1. आईएनएस कृपाण एक स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट है।
2. 1991 में अपने कमीशनिंग के बाद से यह जहाज नौसेना के पश्चिमी बेड़े का एक अभिन्न अंग रहा है और इसने कई ऑपरेशनों में भाग लिया है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) कथन 1
(b) कथन 2
(c) कथन 1 और 2
(d) कोई भी नहीं

उत्तर (a)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : समावेशी हिन्द –प्रशांत नीति पर भारत और वियतनाम के पारस्परिक भागीदारी पर चर्चा कीजिए ।

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