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भारत दुनिया की सबसे बड़ी रेडियो टेलीस्कोप परियोजना का हिस्सा

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, SKAO, SKA परियोजना, GMRT
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3

संदर्भ-

  • इसरो ने 1 जनवरी, 2024 को अंतरिक्ष में एक्स-रे और ब्लैक होल का अध्ययन करने के लिए एक अनूठी वेधशाला लॉन्च की।

radio-teliscope

स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्ज़र्वेटरी (SKAO)-

  • स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्ज़र्वेटरी (SKAO) परियोजना दुनिया के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप के रूप में कार्य करेगी।
  • भारतीय वैज्ञानिक भी अब इस अंतरराष्ट्रीय मेगा-विज्ञान का हिस्सा होंगे। 
  • महाराष्ट्र में  LIGO के तीसरे नोड का निर्माण किया जा रहा है।
  • SKAO एक एकल दूरबीन नहीं है, बल्कि हजारों एंटेना की एक श्रृंखला है।
  • इसे दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में दूरस्थ रेडियो-शांत स्थानों में स्थापित किया जाएगा।
  • यह खगोलीय घटनाओं का निरीक्षण और अध्ययन करने के लिए एक बड़ी इकाई के रूप में काम करेगी।
  • बहुराष्ट्रीय सहयोग को ध्यान में रखते हुए SKAO को वर्षों की बातचीत के बाद 2021 में एक अंतरसरकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया था, जिसमें भारत ने भी भाग लिया था।
  • देशों को सदस्य बनने के लिए SKAO सम्मेलन पर हस्ताक्षर करना होगा और उसका अनुसमर्थन करना होगा। 
  • भारत सरकार ने इस परियोजना में शामिल होने के लिए 1,250 करोड़ रुपये की वित्तीय अनुसमर्थन मंजूरी दी है।
  • महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में अमेरिका स्थित ‘लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्ज़र्वेटरी’ (LIGO) के तीसरे नोड के निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है।
  • LIGO के तीसरे नोड के निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद ही परमाणु ऊर्जा विभाग ने वित्तीय अनुसमर्थन की मंजूरी दी। 
  • यह भारत सरकार द्वारा अनुसमर्थन की दिशा में उठाया गया पहला कदम है।

स्क्वायर किलोमीटर ऐरे (SKA) परियोजना-

  • गुरुत्वाकर्षण तरंग अनुसंधान वैज्ञानिक खोज के लिए सबसे आशाजनक क्षेत्रों में से एक है। 
  • अमेरिका में  स्थित दो LIGO डिटेक्टरों द्वारा गुरुत्वाकर्षण तरंगों की पहली खोज ने 2017 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीता था।
  • SKA गुरुत्वाकर्षण तरंगों की भी खोज करेगा।
  • SKA का मुख्य उद्देश्य ब्रह्मांड में 3,000 ट्रिलियन किमी से अधिक दूरी तक की घटनाओं का अध्ययन करना है। 
  • इससे आकाशगंगाओं और सितारों का अधिक विस्तार से अध्ययन संभव हो सकेगा।
  • इसका उद्देश्य ब्रह्मांड और इसके विकास की समग्र समझ के लिए खगोलीय अध्ययन के दायरे को आगे बढ़ाना है।
  • SKA में शामिल अन्य देश हैं- यूके, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, चीन, फ्रांस, भारत, इटली और जर्मनी।

SKA में भारत का योगदान-

  •  पुणे स्थित नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (NCRA) और कुछ अन्य संस्थानों के माध्यम से भारत 1990 के दशक में  SKA की शुरुआत से सदस्य रहा है।
  • SKA में भारत का मुख्य योगदान टेलीस्कोप मैनेजर एलिमेंट "न्यूरल नेटवर्क" (neural network) या सॉफ़्टवेयर का विकास और संचालन है, जो टेलीस्कोप का कार्य करेगा। 
  • टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की एक इकाई NCRA पुणे के पास भारत के रेडियो दूरबीनों के सबसे बड़े नेटवर्क का संचालन करती है।
  • इसे ‘जाइंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप’( Giant Metrewave Radio Telescope) (GMRT) भी कहा जाता है।
  • NCRA ने सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए नौ संस्थानों और सात देशों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया। 
  • यह GMRT के निर्माण और संचालन की योग्यता है जिसने NCRA को SKA के साथ यह जिम्मेदारी सौंपी है। 
  • GMRT दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे संवेदनशील रेडियो टेलीस्कोप है जो 110-1,460 मेगाहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसी के रेंज में  काम करता है। 
  • इस दूरबीन ने अब तक पल्सर, सुपरनोवा, क्वासर, आकाशगंगाओं का अध्ययन करने के बाद उल्लेखनीय वैज्ञानिक परिणाम दिए हैं। 
  • इसका पर्यवेक्षण समय हमेशा ओवरसब्सक्राइब रहा है।
  • वर्ष, 2021 में GMRT इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) माइलस्टोन से मान्यता प्राप्त होने वाला भारत का तीसरा संस्थान बन गया। 
  • जून, 2023 में GMRT उन छह शीर्ष रेडियो दूरबीनों में से एक था जिसका उपयोग पहली बार नैनो-हर्ट्ज गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने के लिए किया गया था।
  • SKA -इंडिया कंसोर्टियम में 20 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थानों के इंजीनियर और वैज्ञानिक शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं- 
    1. NCRA
    2. आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान संस्थान
    3. इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स
    4. IIT-खड़गपुर
    5. IISER, मोहाली और तिरुवनंतपुरम
    6. TIFR
    7. रमन अनुसंधान संस्थान
    8. भारतीय विज्ञान एवं भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला संस्थान

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- स्क्वायर किलोमीटर ऐरे परियोजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. यह परियोजना दुनिया के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप के रूप में कार्य करेगी।
  2. इससे आकाशगंगाओं और सितारों का अधिक विस्तार से अध्ययन संभव हो सकेगा।
  3. भारत का इसरो शुरुआत से इसका सदस्य है।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर- (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्ज़र्वेटरी परियोजना का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए भारत का इसमें योगदान बताएं।

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