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भारतीय वन और लकड़ी प्रमाणन योजना (IFWCS)

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, IFWCS, लकड़ी प्रमाणन योजना
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 1 और 3

संदर्भ-

  • वनों की कटाई और लकड़ी के अवैध व्यापार पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने वनों और उसके उत्पादों के प्रबंधन में संवहनीय परंपराओं का पालन करने वाली संस्थाओं को मान्यता देने के लिए ‘राष्ट्रीय वन प्रमाणन योजना’ शुरू की है।

IFWCS

मुख्य बिंदु-

  • IFWCS संवहनीय वन प्रबंधन, वृक्षारोपण जैसे जंगलों के बाहर पेड़ों के स्थायी प्रबंधन और संरक्षण के लिए प्रमाणन प्रदान करेगा।
  • यह  मूल स्थान से बाजार तक आपूर्ति श्रृंखला में वन उत्पाद की ट्रेसबिलिटी की एक तरह की गारंटी है।
  • IFWCS उन निजी विदेशी प्रमाणन एजेंसियों के लिए एक विकल्प प्रदान करेगी जो पिछले दो दशकों से भारतीय बाजार में काम कर रही हैं।
  • प्रमाणन वन प्रबंधन इकाइयों, निगमों, लकड़ी-आधारित उद्योगों, वृक्ष उत्पादकों, लकड़ी या एनटीएफपी (गैर इमारती वन उत्पाद) व्यापारियों, आरा मिल मालिकों, लकड़ी-आधारित और एनटीएफपी-आधारित उत्पादों के निर्यातकों या आयातकों और अंतिम-उपयोगकर्ता के लिए उपयोगी हो सकता है
  • यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के वन-आधारित उत्पादों, विशेष रूप से हस्तशिल्प और फर्नीचर के लिए सबसे बड़े निर्यात बाजार हैं। 
  • जलवायु परिवर्तन की चिंताओं पर वनों की कटाई के प्रति अधिक संवेदनशीलता के कारण ये बाज़ार वन उत्पादों के आयात के नियमों को सख्त कर रहे हैं। 
  • 2021 में ग्लासगो जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में 100 से अधिक देश 2030 तक वनों की कटाई को रोकने की प्रतिज्ञा ली थी।
  • भारतीय वन और लकड़ी प्रमाणन योजना उन संस्थाओं को बाजार प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जो अपने संचालन में जिम्मेदार वन प्रबंधन और कृषि वानिकी प्रथाओं का पालन करते हैं। 
  • इसमें राज्य वन विभाग, व्यक्तिगत किसान या कृषि वानिकी और कृषि वानिकी में लगे किसान उत्पादक संगठन, अन्य लकड़ी-आधारित उद्योग शामिल हैं।

IFWCS की देखरेख-

  • IFWCS की देखरेख भारतीय वन और लकड़ी प्रमाणन परिषद द्वारा की जाएगी, जो एक बहुहितधारक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करेगी। 
  • परिषद का प्रतिनिधित्व भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, भारतीय वन सर्वेक्षण, भारतीय गुणवत्ता परिषद, भारतीय वन प्रबंधन संस्थान जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सदस्यों द्वारा किया जाएगा।
  • इसमें कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, राज्य वन विभाग, वन विकास निगम और लकड़ी आधारित उद्योगों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। 
  • भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, भोपाल इस योजना के संचालन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा और IFWCS के समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगा।
  • भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत प्रमाणन निकायों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड प्रमाणन निकायों को मान्यता देगा जो स्वतंत्र ऑडिट करेगा और योजना के तहत निर्धारित मानकों का विभिन्न संस्थाओं द्वारा किए जाने वाले पालन का आकलन करेगा।

लकड़ी प्रमाणन योजना-

  • 11 दिसंबर 2023 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारतीय वन एवं लकड़ी प्रमाणीकरण योजना लॉन्च की।
  • राष्ट्रीय वन प्रमाणन योजना देश में संवहनीय वन प्रबंधन और कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो तृतीय-पक्ष को स्वैच्छिक प्रमाणन प्रदान करती है। 
  • इस योजना में वन प्रबंधन प्रमाणन, वन क्षेत्र के बाहर वृक्ष प्रबंधन प्रमाणन और संरक्षण प्रमाणन की श्रृंखला शामिल है।
  • भारत में वनों का प्रबंधन उनकी संबंधित कार्य योजनाओं के अनुसार किया जाता है। 
  • इन कार्य योजनाओं को अब नव विकसित भारतीय वन प्रबंधन मानकों के साथ अद्यतन किया गया है जिसमें आठ मानदंड, 69 संकेतक और 254 प्रमाणन शामिल हैं। 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- भारतीय वन और लकड़ी प्रमाणन योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. यह संवहनीय वन प्रबंधन, वृक्षारोपण जैसे जंगलों के बाहर पेड़ों के स्थायी प्रबंधन और संरक्षण के लिए प्रमाणन प्रदान करेगा।
  2. यह  मूल स्थान से बाजार तक आपूर्ति श्रृंखला में वन उत्पाद की ट्रेसबिलिटी की एक तरह की गारंटी है।
  3. उन निजी विदेशी प्रमाणन एजेंसियों के लिए एक विकल्प प्रदान करेगी जो पिछले दो दशकों से भारतीय बाजार में काम कर रही हैं।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

 प्रश्न- भारतीय वन और लकड़ी प्रमाणन योजना उन संस्थाओं को बाजार प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जो अपने संचालन में जिम्मेदार वन प्रबंधन और कृषि वानिकी प्रथाओं का पालन करते हैं। विवेचना कीजिए।

स्रोत- indian express, PIB

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